Rajsamand: विशेष रूप से सक्षम बच्चों के बीच पहुंचे जज, विभिन्न प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन


Rajsamand: विशेष रूप से सक्षम बच्चों के बीच पहुंचे जज, विभिन्न प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

 
rajsamand school judge community visits school for the specially abled children in rajsamand
  • जजों से रूबरू होकर विशेष सक्षम बच्चों के चेहरे पर आई मुस्कान
  • विशेष रूप से सक्षम बच्चों की जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ 
  • जिला एवं सेशन जज, अपर जिला एवं सेशन जज, सीजेएम रहे मौजूद

​​​​​​Rajsamand, Sept 21: राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद तथा शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में द्वारकेश अक्षम सेवा संस्थान द्वारा संचालित जागृति उच्च माध्यमिक विशिष्ट विद्यालय, गारियावास में विशेष रूप से सक्षम बच्चों हेतु दो दिवसीय जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं का शुक्रवार को भव्य शुभारंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संतोष अग्रवाल (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) तथा विशिष्ट अतिथि न्यायाधीश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गीता पाठक उपस्थित रहे। 

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कार्यक्रम की शुरुआत में जिला एवं  सेशन जज राघवेंद्र काछवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विशेष रूप से सक्षम बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रेरित करना, उनकी प्रतिभाओं को निखारना और समाज में उनके लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है। यह विशेष आयोजन न केवल समाज में विशेष रूप से सक्षम बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और बढ़ावा देने का अवसर है, बल्कि यह सामूहिक प्रयासों का प्रतीक भी है, जहां हम सभी मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण कर रहे हैं, जहां प्रत्येक व्यक्ति को उसकी योग्यताओं का पूरा सम्मान और अवसर मिले। विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए खेल प्रतियोगिताएं सिर्फ खेल का हिस्सा नहीं होतीं, यह उनकी मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने का महत्वपूर्ण साधन होती हैं। खेलों के माध्यम से उन्हें आत्मविश्वास, धैर्य, और नेतृत्व के गुण सिखाए जाते हैं, जो उनके समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

प्राधिकरण के सचिव (एडीजे) संतोष अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य न केवल बच्चों को प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित करना है, बल्कि उन्हें यह संदेश देना भी है कि वे अपनी क्षमताओं के आधार पर समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान बना सकते हैं। उनके विकास के लिए हमें उन्हें अधिक अवसर प्रदान करने चाहिए, और समाज के हर व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इन बच्चों का समर्थन करें। प्रतियोगिताओं में प्रत्येक खेल में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी संभाग स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे। 

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) गीता पाठक ने कहा कि विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए इस प्रकार की प्रतियोगिताएं उनके आत्म-सम्मान को बढ़ाती हैं और उन्हें विश्वास दिलाती हैं कि वे समाज के किसी भी अन्य बच्चे से कम नहीं हैं। खेलों में भाग लेना न केवल उनके शारीरिक विकास में सहायक होता है, बल्कि यह उन्हें मानसिक रूप से मजबूत और जीवन की विभिन्न चुनौतियों के लिए तैयार करता है।  

इस कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर कबड्डी, बैडमिंटन, बोसी बॉल, कैरम, चित्रकला, लंबी कूद, गोला फेंक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लेकर अपनी क्षमता दिखाई। प्रतियोगिता के निर्णायक दिनेश शर्मा, ताराचंद जांगिड़, दिनेश पूर्बिया, ख्यालीलाल पालीवाल, कन्हैयालाल करोतिया, रविना रेगर, ओमप्रकाश पालीवाल, तुलसीराम सालवी उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि राकेश परियानी, अनिता परियानी, श्यामसिंह सिसोदिया, संयुक्त सचिव जिला खेलकूद केंद्र, दिनेशकुमार सनाढ़य सचिव जिला कबड्डी संघ सहित हेमंत पालीवाल, सुनिल चंदेल, उमेश भांड, दिनेश, ओमप्रकाश व कई खिलाड़ी, तकनीशियन, खेल प्रेमी, निर्णायक तथा अभिभावक उपस्थित रहे।

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