
खैरवाडा से करीब 7 किमी दूर बायडी पाल में गत 12 सालों से अपने ही घर के आंगन में पेड से बंधे बालक को आज आज बंधन से मुक्त करा कर बाल कल्याण समिति, उदयपुर ने उसे तत्काल ईलाज बाबत नारायण सेवा संस्थान में भर्ती कराया है। बालक के मन्दबुद्धि और पोलियोंग्रस्त होने के बावजूद वह बेहद एक्टिव होने से उसे बंधक की तरह जीवनयापन करना पड रहा था।
खैरवाडा से करीब 7 किमी दूर बायडीपाल में पेड से बंधे बालक की सूचना मिलने पर बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक श्रीमती मीना शर्मा, बाल कल्याण समिति, सदस्य एडवोकेट हरीश पालीवाल, श्री आसरा विकास संस्थान के संचालक भोजराजसिंह पदमपुरा एवं राजकीय किशोरी ग्रह की अधीक्षक श्रीमती वीना मेहरचन्दानी ने तत्काल मौके पर पहुंच कर उसे बंधन से मुक्त कराया और बाल कल्याण समिति, उदयपुर ने इस बालक को विशेष देखरेख एवं जरूरत का बालक मानकर खेरवाडा थाने के बाल कल्याण अधिकारी ए.एस.आई. शैतान सिंह को तहरीर जारी कर उसे रेसक्यु करने तथा बंधनमुक्त करने के निर्देश दिये।
मौके पर पहुंचे अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक श्रीमती मीना शर्मा, बाल कल्याण समिति, सदस्य एडवोकेट हरीश पालीवाल, श्री आसरा विकास संस्थान के संचालक भोजराजसिंह अधीक्षक श्रीमती वीना मेहरचन्दानी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वालियन्टर्स चन्दूलाल मेघवाल,सन्तोष रावल, प्रभूलाल मीणा एवं समाजसेवी डूंगरसिंह सौलंकी की मौजूदगी में मुक्त कराया गया तथा नगे बालक को नहला धुलाकर कपडे पहनाये गये तथा नारायण सेवा के कार्यकत्र्ता दिनेश कुमार से उसका स्वास्थ्य परीक्षण का आंकलन करने के बाद कमजोरी को आंककर नारायण सेवा संस्थान की टीम के साथ एम्बुलेंस से उदयपुर भिजवाया तथा संस्थान को उसकी समुचित देखभाल व ईलाज करने के लिये कहा है।
बालक था बेहद कमजोर
गत 12 सालों से बालक की देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले इस बालक के माता-पिता के काफी ईलाज कराने के बावजूद इसका इलाज नहीं हो पाने तथा बोलना बन्द करने पोलियोग्रस्त हो जाने एवं ओवर एक्टिव हो जाने के कारण परिवारजनों को उसकों बांधना मजबूरी हो गयी और इस कारण परिवार भी कामकाज नहीं कर पाने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हो गया। नियमित देखभाल व ईलाज नहीं हो पाने के कारण बेहद कमजोर हो गया तथा उसके पर्याप्त भोजन आदि नहीं मिलने के कारण उसको बहुत सी बीमारियों का शिकार होना पडा।
बाल संरक्षण आयोग ने भी दिये निर्देश
राजस्थान राज्य बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने इस मामले के प्रकाशन के बाद इसे गम्भीरता से लिया तथा विभाग और समिति को इसकी व्यक्तिगत देखरेख करने के निर्देश प्रदान किये। आयोग ने कहा कि बालक को स्वस्थ्य होने के लिये सभी सुविधाएं मुहैया करवा जायेगी।
Image Source: Rajasthan Patrika
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