वीर रस के कवि सम्मेलन में याद किया शहीद बारहठ की वीरता को


वीर रस के कवि सम्मेलन में याद किया शहीद बारहठ की वीरता को

अमर शहीद कु.प्रतापसिंह बारहठ राॅयल्स संस्थान एंव नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में कु.प्रतापसिंह बारहठ के शहादत शताब्दी समारोह के तहत आज टाउनहाॅल प्रांगण में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। प्रथम चरण में स्वतंत्रता सैनानियों को सम्मानित किया गया वहीं दूसरे चरण में कवियों ने बारहठ की वीरता का गुणगान किया। क्रांतिकारियों का यह सम्मान उनके परिजनों ने ग्रहण किया।

The post

 
वीर रस के कवि सम्मेलन में याद किया शहीद बारहठ की वीरता को

अमर शहीद कु.प्रतापसिंह बारहठ राॅयल्स संस्थान एंव नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में कु.प्रतापसिंह बारहठ के शहादत शताब्दी समारोह के तहत आज टाउनहाॅल प्रांगण में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। प्रथम चरण में स्वतंत्रता सैनानियों को सम्मानित किया गया वहीं दूसरे चरण में कवियों ने बारहठ की वीरता का गुणगान किया। क्रांतिकारियों का यह सम्मान उनके परिजनों ने ग्रहण किया।

कवि सम्मेलन में कोटा के वीर रस के वरिष्ठ कवि जगदीश सोलंकी ने अपनी रचना हमने ऐसा जगाया है चेतन यहाँ, हमको शाही सलाखें झुका न सकी, हमने शोलों पे शैय्या सजाई सदा, हमको अर्थी की भाषा रुला न सकी, हम शहीदों के कुनबे में पैदा हुए, हमको वक्त की ज्वाला जल न सकी, अपना दीपक लहू से जला है सदा, जिसको आंधी कभी भी बुझा न सकी रचना पर श्रोताओं ने तालियों की भरपूर दाद दी। दूसरी रचना हमने जिन पर गीत लिखे, वो गीतों में न समा पाये, सरहद पर तो चले गए,पर वापिस लौट के न आये…,हास्य कवि राजोत धार मप्र के कवि जानी बैरागी ने रचना मुझे इस बात का गम है, मेरा नाम बम है, मैं हर बार यूँ ही छला गया हूँ,बिस्मिल के हाथ से निकला और हिजबुल के हाथ चला गया हूँ…, वीर रस के कवि झालावाड़ के निशामुनि गौड़ ने अपनी रचना सूर मीराँ कबीर जायसी रसखान की धरती, शहीदों की इबादत है हिंदुस्तान की धरती…पर खूब तालियां बटोरी, लाफ्टर फेम मावली के मनोज गुर्जर ने मान जनक का जो ना करता, सुत दागी हो जाता हैं,सच कहता हूँ सुनो पाप का, वो भागी हो जाता हैं, क्यों जाए हम मन्दिर मन्दिर, तात प्रभु का रूप यहाँ, जिसके सर पर हाथ पिता, बड़भागी हो जाता हैं…पर श्रोता तालियां बजाने से पीछे नहीं रहे, हास्य व्यंग के कवि अर्जुन अल्हड़ ने माना जरूरी है हंसना हंसाना, माना जरूरी है गमों में मुस्कुराना, पर जिन्होंने आजादी के लिए जान दे दी, बहुत जरूरी है उनकी चिताओं पर श्रद्धा पुष्प चढ़ाना उदयपुर के कवि सिद्धार्थ देवल ने जो मातृ भूमि हित मरता है वो मरकर मरा नही करता,सिंह केसरी का शावक भेड़ो से डरा नही करता है… पर श्रोताओं ने वंस मोर की मांग कर डाली। सूत्रधार कवि बृजराज सिंह जगावत ने करोड़ो लोगों जहनों में कहानी क्या है, बयान जो करता है उन आंखों का पानी क्या है, शहादतें जो इस वतन के काम आईं हैं, उससे बढ़कर किसी की ओर जीवनी क्या है…वीर रस के कवि भरोउ़ी उदयपुर के कवि हिम्मत सिंह उज्ज्वल ने राजस्थानी में कुंवर प्रताप मां माणक जाया उदियापुर मे अवतरिया, महाराणा प्रताप जगत में, जाणे पाछा प्रकटिया, बींद न बणिया शहीद बणग्या, कीरत लीधी धाप ने, अंगरेजां सूं अडग्या भारत, रा काटण संताप ने…श्रोतों के मन पर छाप छोड़ दी…।

दूसरे चरण में संस्थान की ओर से देश की आजादी के लिये शहीद हुए स्वतंत्रता सैनानियों क्रांतिकारी शचिन्दनाथ सान्याल, तांत्या टोपे, शिवराम हरि राजगुरू, भगतसिंह, जतिन्द्रनाथ दास, महावीरसिंह, बहादुरशाह जफर, बाबू गेनुसेर, सुखदेव, अशफाक उल्ला खां, विष्णु पिंगले, जयदेव कपूर,चन्द्रशेखर आजाद, ठाकुर दुर्गासिंह गहलोत, बाल गंगाधर तिलक, उधमसिंह, पं.रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशनसिंह, मंगल पाण्डे, रामकृष्ण खत्री, चापेकर बंधु, यशपाल, कप्तान फूलसिंह आईएनएस, रानी अंवतीबाई लोधी, सचिन्द्रनाथ बक्षी, सुखदेव, कानदास मेहडू, भोपालदान आढा के परिजनों को गुलाबचन्द कटारिया ने शाॅल ओढ़ाकर एवं स्मृतिचिन्ह प्रदानकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पारस सिंघवी, प्रमोद सामर, रविन्द्र श्रीमाली भी मौजूद थे।

इस अवसर पर गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि क्रांतिकारियों के परिजनों के सम्मान से मेवाड़ की यह धरा धन्य हो गयी। उन्होंने कहा कि किताबें से क्रांतिकारियों की गाथा को हटा दिया गया है। यदि हमनें इसे पुनः नहीं जोड़ा तो भावी पीढ़ी सिर्फ रोटी, कपड़ा और मकान तक ही सीमित रह जायेगी। शहर के चौराहो को क्रांतिकारियों के नामों से जोड़ा है। इस अवसर पर महेन्द्र सिंह चारण द्वारा प्रतापसिंह बारहठ पर लिखित पुस्तक का अतिथियों ने विमोचन किया।

समारोह में सहयोगी के रूप में आकाश बागरेचा, तरूण मेहता, लक्ष्मीकांत वैष्णव, सत्येन्द्रसिंह आसिया को सम्मानित किया गया। अंत में संस्थान के संस्थापक हरेन्द्र्रसिह सौदा ने आभार ज्ञापित किया। संचालन कैलाश ने किया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal