उदयपुर 10 मार्च 2020। उदयपुर शहर में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में होलिका-दहन में औषधीय वृक्ष सेमल को जलने से बचाने के लिए सेमल सरंक्षण अभियान में लगी सोसाइटी फॉर माइक्रोवाइटा रिसर्च एंड इंटीग्रेटेड मेडिसिन (स्मरिम), उदयपुर द्वारा वर्ष 2011 से लोह-स्तम्भ पर सफलतापूर्वक पर्यावरण-सरंक्षी होलिका दहन किया गया।
इसी क्रम में शहर की पत्रकार कॉलोनी, चित्रकूट नगर निवासियों सत्येंद्र सिंह चौहान, अजय आचार्य, इंदरसिंह राठौर तथा अन्य के सहयोग से वर्ष 2012 से लौह-होलिका दहन किया जा रहा है। सोमवार फाल्गुनी पूर्णिमा 9 मार्च 2020 को वहां मुख्य अतिथि राजस्थान हाई कोर्ट से सेवानिवृत न्यायाधीश श्री रामसिंह झाला द्वारा होलिका दहन किया गया।
सोसाइटी अध्यक्ष डॉ एस. के. वर्मा ने बताया की सेमल सरंक्षण अभियान के तहत सोमवार, 9 मार्च को उदयपुर शहर के अतिरिक्त भींडर तथा कानोड़ के विभिन्न स्थानो पर सेमल वृक्ष के स्थान पर लौह स्तम्भ पर चारा और घास बाँध कर अल्प-प्रदूषण युक्त सामूहिक इको-फ्रेंडली होलिका दहन किया गया। इस नव्यमानवतावादी अभिनव प्रयोग को कार्यान्वित करने में गिरधारी लाल सोनी, ओम व्यास, गोपाल सोनी, सत्यनारायण, जगदीश सोनी, ललित प्रजापत, राहुल, कैलाश चौधरी, दिनेश शर्मा इत्यादि का पूर्ण सहयोग रहा।
डॉ वर्मा ने कहा की सेमल के पौधों की संख्या कम होने के कारण हमें परम्परा को बचाने हेतु एक सेमल वृक्ष जलाने पर दस नए पौधे लगाने का संकल्प को प्राथमिकता देनी होगी तथा ईको-फ्रेंडली लोह होली / सेमल-रहित होली को अपनाकर पर्यावरण सरंक्षण में योगदान देना होगा।
सोसाइटी सचिव डॉ वर्तिका जैन ने बताया की लगभग 1000 रु. में उपलब्ध लोह-स्तम्भ, होलिका दहन के लिए किफायती, टिकाऊ और पर्यावरण-सरंक्षी विकल्प है जो साल दर साल उपयोग में लिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा चूँकि जैव-विविधता को सरंक्षित रखने में भी सेमल वृक्ष का महत्त्वपूर्ण योगदान है अतः सोसाइटी उदयपुर शहर के आस-पास विभिन्न स्थानो पर सेमल के पौधे रोप कर सेमल सरंक्षण अभियान को सफल बना रही है।
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