विश्व पर्यावरण दिवस पर साकरोदा की महिलाओं ने ई-रिक्शा चलाकर पेश की मिसाल
विश्व पर्यावरण दिवस पर साकरोदा की महिलाओं ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। यहां की पर्यावरण सखियों ने ना सिर्फ पयार्वरण संरक्षण के लिए संकल्प लिया है बल्कि अब यह ठान लिया है कि वो गांव मे आने - जाने के साधन के रूप मे स्वयं ई-रिक्शा चलायेगी और सवारीयों को अपने गंतव्य स्थान पर लाने ले जाने का काम भी करेगी। पर्यावरण सखियो के इस प्रयास से जहां महिला रोजगार बढेगा और साथ ही पर्यावणरण को नुकसान भी नही होगा।
विश्व पर्यावरण दिवस पर साकरोदा की महिलाओं ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। यहां की पर्यावरण सखियों ने ना सिर्फ पयार्वरण संरक्षण के लिए संकल्प लिया है बल्कि अब यह ठान लिया है कि वो गांव मे आने – जाने के साधन के रूप मे स्वयं ई-रिक्शा चलायेगी और सवारीयों को अपने गंतव्य स्थान पर लाने ले जाने का काम भी करेगी। पर्यावरण सखियो के इस प्रयास से जहां महिला रोजगार बढेगा और साथ ही पर्यावणरण को नुकसान भी नही होगा।
विश्व पर्यावण दिवस को मौके पर यह मिसाल साकरोदा गाँव में हनुमान वन विकास समिति द्वारा गुरूवार को आयोजित पर्यावरण जागरूकता दिवस मे सैंकड़ो महिलाओं ने पेश की है। इस अवसर आयोजित कार्यक्रम में गिर्वा, मावली, कुराबड और वल्लभनगर तहसील से बडी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेवाड़ का गांधी नाम से प्रसिद्ध समाज सेवी राजकरण यादव द्वारा की गई। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में महिलाओं का पर्यावरण के संरक्षण में सबसे महत्वपूर्ण योगदानों का उल्लेख किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समिधा संस्थान के अध्यक्ष चन्द्र गुप्त सिंह चौहान ने प्राचीन परम्पराओं का उल्लेख करते हुए जैविक कृषि को समय की मांग बताई। चौहान ने कहा की रासायनिक और किटनाशको के उपयोग से कृषि में उपयोग से हमारी जमीन बंजर हो रही है, हमारे स्वास्थ्य पर भी इसका अत्यन्त खराब असर हो रहा है। इसके कारण देश में कारखाने और लघु उद्योगों के स्थान पर अस्पतालों की संख्या बढ़ रही है।
पर्यावरण सखिया चलाएगी ई-रिक्शा
पर्यावरण जागरूकता दिवस अवसर पर 10-10 पर्यावरण सखियों टीना गाडरी, शीला डांगी, अंजना डांगी, मन्जू डांगी, कनी बाई, लीला गमेती, शारदा, नाथी बाई, ललिता डांगी, अनु गाडरी ने शपथ ली कि वो अपने-अपने क्षेत्र में सदैव वृक्षारोपण एवं पेड-पौधों का संरक्षण करेगी तथा परिवहन हेतु ग्रामीण क्षैत्रों में ई-रिक्शा को स्वयं चलाकर पर्यावरण संरक्षण के साथ रोजगार के अवसर का सृजन करेगी। इस अवसर पर महिलाओं को जामुन, अनार, अमरूद, निम्बु, नारंगी सहित अनेक फलदार वृक्षों का वितरण किया गया।
कार्यक्रम को भूरा लाल गमेती, राजीव पाटक, पारसमल लोढ़ा, पंकज शर्मा लक्ष्मी लाल मेघवाल, सुनिता शर्मा, दूल्हे राम मीणा और श्रवण कुमार ने सम्बोंधित किया।
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