भारती राज का राज़, रखा अपना पक्ष

भारती राज का राज़, रखा अपना पक्ष

उदयपुर के टीएडी की वित्तीय सलाहकार भारती राज ने मेल के ज़रिये अपना पक्ष रखते हुए कहा की उनके द्वारा नौकरी में रहते हुए कोई भ्रष्ट आचरण नहीं किया गया है। भारती राज ने कहा की एसीबी द्वारा उनके निवास से मात्र 30 हज़ार रूपये ही बरामद किये गए है।

 

भारती राज का राज़, रखा अपना पक्ष

उदयपुर 5 अगस्त 2019, उदयपुर के टीएडी की वित्तीय सलाहकार भारती राज ने मेल के ज़रिये अपना पक्ष रखते हुए कहा की उनके द्वारा नौकरी में रहते हुए कोई भ्रष्ट आचरण नहीं किया गया है। भारती राज ने कहा की एसीबी द्वारा उनके निवास से मात्र 30 हज़ार रूपये ही बरामद किये गए है।

भारती राज ने बताया की वह एक उच्च मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुई। उनके नाना उत्तर प्रदेश के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति पद्मश्री श्री बिशन मानसिंह थे। वे योजना आयोग के सदस्य भी रहे। उनके पास पैतृक रूप से व स्वअर्जित भू संपति थी। उन्होंने उनकी मां को फतेहपुर उत्तरप्रदेश में जमीन व एक मकान दिया। इसी प्रकार उनके दादा अयोध्या के एक सम्पन्न किसान थे, जिनकी जमीन जायदाद उनके पुत्रो में बंट कर उनके पिता के हिस्से में भी आई।

बकौल भारती राज उनके पिता डॉ हरिश्चचंद्र भारत सरकार में उच्च पद पर नियुक्त रहे। वे 1961 में सेवा में आये तथा 1997 में सुपर टाइम स्केल वेतन पर सेवानिवृत हुए। उन्हें सेवानिवृति पर मिलने वाले सभी लाभ मिले व अभी भी अड़तालीस हजार रुपये उनकी पेंशन आती है। सेवानिवृति के पश्चात उन्होंने पेस्ट कंट्रोल का व्यवसाय किया। अपने ससुराल व पिता से मिली जमीन, मकान इत्यादि को बेचकर, स्वयं की सेविंग से मकान प्लाट, व्यावसायिक सम्पति खरीदे।

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अतः उनके जन्म से पहले ही पिता को उनके ससुराल व स्वयं के पिता से मिली सम्पति का उनके टी ए डी में वितीय सलाहकार होने से कोई संबंध नही है। उनकी सरकारी नौकरी में आने से पहले ही पिता द्वारा लोन इत्यदि लेकर बनाये मकान का सरकारी नॉकरी से कोई संबंध नही है। 1997 के पश्चात उनके द्वारा हुए इन्वेस्ट- रीइंवेस्ट को उनसे जोड़ना बिल्कुल गलत है। उच्च अधिकारी रहे 80 वर्षीय पिता की पेंशन, उनकी सेवानिवृति पर मिले लाभ, उनकी पुरानी बचत, एफ डी इत्यादि क्या उनका अपना नही है ? वो कंहा बचत करे, क्या खरीदे – बेचे, इसमे उनका कोई दखल नही है। पिछोली में एक तीन मंजिला भवन उन्होंने एक अन्य व्यक्ति के साथ साझेदारी में क्यो खरीदा, कब खरीदा, कितने में खरीदा, यह सब उन्ही से पूछा जाना चाहिये। उनके पास जितनी जानकारी है, वो उन्होंने प्रस्तुत कर दी है।

इसी प्रकार उनकी मां श्रीमति आशा श्रीवास्तव का देहलोक वर्ष 2009 में हुआ। उन्होंने अपनी विल में उनके लिए भी कुछ राशि रखी । उससे उन्होंने एक भूखण्ड खरीदा व कुछ बांड खरीदे। और ये सब राज्य सरकार व इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के समक्ष घोषित है। वर्ष 2002 में सेविंग व लोन से एक भूखण्ड खरीदा जिसकी कीमत कई के गुना बढ़ गई और इसे उन्होंने वर्ष 2018 में बेच दिया। यही राशि केनरा बैंक में जमा है तथा इनकम टैक्स रिटर्न्स में घोषित है। राज्य सरकार के पोर्टल पर भी सब कुछ प्रदर्शित है।

उल्लेखनीय है की भारती राज 1992 में आर पी एस सी सिविल सेवा परीक्षा पास कर राज्य सेवा में अधिकारी बनी। उनके पति मुकुल राज्य सेवा में उच्च पद पर रह सेवानिवृत हो चुके है। पांच दिन पूर्व ही भारती राज पर टीएडी में वित्तीय सलाहकार के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मुख्यालय इन्टेलिजेन्स शाखा की गोपनीय सूचना के आधार पर आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में जांच की गई थी।

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