राजस्थान की खनिज सम्पदा के विकास एवं खनिज क्षेत्र की चुनौतियों पर संगोष्ठी 15-16 को


राजस्थान की खनिज सम्पदा के विकास एवं खनिज क्षेत्र की चुनौतियों पर संगोष्ठी 15-16 को

जियोसाइंटिस्ट सोसायटी ऑफ़ राजस्थान तथा मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के भू विज्ञानं विभाग द्वारा राजस्थान की खनिज सम्पदा के विकास की संभावनाए तथा खनिज क्षेत्र की चुनोतियो पर दो दिवसीय राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। जियोसाइंटिस्ट सोसायटी की अध्यक्ष डॉ आर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया की राजस्थान खनिज सम्पदा से परिपूर्ण राज्य है, जहाँ 56 प्रकार के खनिजों का दोहन किया जाता है।

 

राजस्थान की खनिज सम्पदा के विकास एवं खनिज क्षेत्र की चुनौतियों पर संगोष्ठी 15-16 को

जियोसाइंटिस्ट सोसायटी ऑफ़ राजस्थान तथा मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के भू विज्ञानं विभाग द्वारा राजस्थान की खनिज सम्पदा के विकास की संभावनाए तथा खनिज क्षेत्र की चुनोतियो पर दो दिवसीय राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। जियोसाइंटिस्ट सोसायटी की अध्यक्ष डॉ आर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया की राजस्थान खनिज सम्पदा से परिपूर्ण राज्य है, जहाँ 56 प्रकार के खनिजों का दोहन किया जाता है।

इस खनिज दोहन से राज्य के लाखों लोगों को रोज़गार प्राप्त हो रहा है। साथ ही राज्य सरकार को करोड़ो रूपये राजस्व के रूप में प्राप्त हो रहे है। पिछले चार दशकों में राज्य में खनिज क्षेत्र में व्यापक विस्तार हुआ है तथा जिसके चलते राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है। राज्य में खनिज क्षेत्र के समक्ष अनेक चुनौतियां भी है जिसके कारण राज्य में खनिज विकास के क्रम में बाधाए आ रही है

खनिज विकास की बाधाएं

खनिज संसाधनों की तेज़ी से हो रही कमी, अवैज्ञानिक खनन के कारन पर्यावरण एवं पारिस्थितिक तंत्र में बदलाव, अवैज्ञानिक तथा अविवेकपूर्ण खनन के चलते खनिजों का संरक्षण नहीं हो पाना, नए खनिजों की खोज नहीं हो पाना आदि। इस दो दिवसीय संगोष्ठी में इन्ही पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी जिससे की राज्य में खनिज विकास के क्रम की निरंतरता कायम रह सके।

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राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ विनोद अग्रवाल ने बताया की इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में खान एवं भू-विज्ञानं विभाग, राजस्थान सरकार, राजस्थान खान एवं खनिज लिमिटेड, हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड, भारतीय खान ब्यूरो, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, खनन उद्यमी के साथ साथ विभिन्न विश्वविद्यालयो के प्राध्यापक एवं शोधकर्ता भाग ले रहे है। उन्होंने बताया की दो दिन में चार तकनीकी सत्रों में 40 शोध पत्रों को प्रस्तुत किया जायेगा।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के सह समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस आर जाखड़ ने बताया की संगोष्ठी का उद्घाटन 15 दिसंबर 2018 को सुबह साढ़े दस बजे मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के भू-विज्ञानं विभाग के अरावली सभागार में होगा। जिसके मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के खान एवं भू-विज्ञानं विभाग के निदेशक जे के उपाध्याय तथा विशिष्ठ अतिथि मोहनलाल सुखाड़िया विवि के कुलपति प्रोफेसर जे पी शर्मा होंगे। संगोष्ठी का समापन सत्र 16 दिसंबर दोपहर 12:30 बजे होगा। समापन सत्र के मुख्य अतिथि गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कैलाश सोडाणी होंगे।

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