ऊर्जा के संरक्षण पर यूसीसीआई में सेमिनार का आयोजन

ऊर्जा के संरक्षण पर यूसीसीआई में सेमिनार का आयोजन

उदयपुर चेम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा “ऊर्जा का संरक्षण“ पर परिचर्चात्मक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में ब्रह्माकुमारी संस्थान के बी.के. शिवम ने गैर परम्परागत तरीकों से ऊर्जा का उत्पादन करने के विभिन्न माध्यमों के बारे में उद्योग एवं व्यवसाय से जुडे उद्यमियों को तकनिकी जानकारी प्रदान की।

 

ऊर्जा के संरक्षण पर यूसीसीआई में सेमिनार का आयोजन

उदयपुर, 21 सितम्बर, 2019 । “मनुष्य, जीव-जन्तु एवं वनस्पति को जीवित रहने के लिये ऑक्सीजन पर निर्भर है जिसका उत्पादन पेड-पौधों द्वारा होता है। तेजी से बढती आबादी एवं लगातार घटते वन्य क्षेत्र से वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर भी लगातार कम हो रहा है। आने वाले समय में जो स्थिति बनेगी उसकी कल्पना भी भयावह है। इसी कारण से पर्यावरण एवं ऊर्जा का संरक्षण आवश्यक है।” उपरोक्त विचार बी.के. शिवम ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।

उदयपुर चेम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा “ऊर्जा का संरक्षण“ पर परिचर्चात्मक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में ब्रह्माकुमारी संस्थान के बी.के. शिवम ने गैर परम्परागत तरीकों से ऊर्जा का उत्पादन करने के विभिन्न माध्यमों के बारे में उद्योग एवं व्यवसाय से जुडे उद्यमियों को तकनिकी जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम के आरम्भ में अध्यक्ष रमेश सिंघवी ने बी.के. शिवम एवं सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि पावर कट एवं बिजली की लगातार बढती हुई दरों के चलते उद्योग जगत के लिये यह जरूरी हो गया है कि ऊर्जा के अन्य विकल्पों की तलाश करें। इसी के मद्देनजर यूसीसीआई द्वारा यह सेमिनार आयोजित किया जा रहा है।

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ब्रह्माकुमारी संस्थान के योगेश ने सेमिनार का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए बताया कि पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर बी.के. शिवम् 80% तक ऊर्जा की बचत के साथ 10.5 लाख लीटर गरम जल का प्रतिदिन उत्पादन करने वाले देश के सबसे बडे वाटर सप्लाई सिस्टम के इनचार्ज हैं। यह संयंत्र ऊष्मा का स्थानांत्रण हवा से जल को किये जाने की तकनिक पर कार्य करता है। इसके साथ शिवम 25 लाख लीटर प्रतिदिन जल को उपचारित करने वाले सिवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट के भी इनचार्ज हैं। पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिये उन्हें कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं।

सेमिनार के दौरान बी.के. शिवम् ने पावर पाॅईन्ट प्रेजेनटेशन के माध्यम से एनर्जी सेविंग हाॅट वाटर सप्लाई सिस्टम के बारे में जानकारी दी। वातावरण की हवा से जल को गर्म करने के लिये प्रयुक्त हीट ट्रांसफर टैक्नोलाॅजी के तकनिकी पहलुओं पर भी प्रतिभागियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस तकनिक द्वारा आम गीजर की तुलना में 80% तक ऊर्जा की बचत सम्भव है।

शिवम् ने बताया कि पैराबोला (वलयाकार) दर्पण द्वारा सूर्य की किरणों को केन्द्रित कर उश्मा का उत्पादन किया जाता है। इस ऊष्मा द्वारा जल को गर्म करके विभिन्न कार्यों में उपयोग में लिया जाता है। इस तकनिक का उपयोग विद्युत उत्पादन हेतु टरबाईन का संचालन करने में सम्भव है। विशेष प्रकार के उर्जा संवर्धन उपकरण द्वारा दिन में उत्पादित की गई ऊष्मा को रात में भी उपयोग में लेने की तकनिक की जानकारी दी।

सेमिनार की द्वितीय सत्र में ब्रह्मा कुमारी की सिस्टर सौम्या ने प्रतिभागियों से वर्क परफाॅरमेन्स बढाने के लिये एकाग्रचित्त एवं शांत मन से कार्य करने का आव्हान किया। मन को शांत एवं एकाग्र रखने के लिये सिस्टर सौम्या ने मेडिटेशन को सबसे सरल उपाय बताते हुए इसकी व्यवहारिक जानकारी प्रतिभागियों को दी।

सेमिनार में वाॅलकेम इण्डिया, उदयपुर सीमेन्ट वर्क्स, आर.के. फाॅसफेट्स, राजस्थान बैराईट्स, कुन्दन स्विचगीयर्स, अजीत मार्बल्स, कुन्दन इलेक्ट्रीकल कम्पोनेन्ट्स, नवजीवन होटल, पर्ण कुटी होटल, अहर्म एकेडमी आदि विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर यूसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमन्त जैन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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