उदयपुर, 17 दिसम्बर 2019 । ग्राम्य जनजीवन और लोक कलाओं को जनता के मध्य लाने, पारंपरिक शिल्प कला एवं लोक कलाओं के प्रोत्साहन के उद्देश्य से पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र 21 से 30 दिसम्बर तक उदयपुर के शिल्पग्राम में राष्ट्रीय हस्त शिल्प एवं लोक कला उत्सव ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ का आयोजन करेगा जिसमें 21 राज्यों के 700 लोक कलाकार व 21 राज्यों के 800 शिल्पकार भाग लेंगे।
उत्सव का उद्घाटन राज्यपाल राजस्थान श्री कलराज मिश्र द्वारा 21 दिसम्बर को किया जायेगा। राज्य के कला एवं संस्कृति मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे तथा सांसद अर्जुनलाल मीणा तथा विधायक व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया विशिष्ट अतिथि होंगे।
केन्द्र के प्रभारी निदेशक सुधांशु सिंह ने शिल्पग्राम में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेन्स में उत्सव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश के विभिन्न अंचलों में शिल्प सृजन करने वाले शिल्पकारों को शिल्प कला का प्रदर्शन करने तथा कलात्मक उत्पादों के लिये बिना मध्यस्थ के बाजार उपलब्ध करवाने के ध्येय एवं लोक कलाकारों को कला प्रदर्शन का अवसर उपलब्ध करवाने के लिये केन्द्र द्वारा हर वर्ष इस उत्सव का आयोजन किया जाता है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, विकास आयुक्त हथकरघा, नई दिल्ली, विकास आयुक्त हस्तशिल्प राष्ट्रीय पटसन बोर्ड, ट्राइफेड तथा क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के सहयोग से आयोजित इस उत्सव में देश के विभिन्न राज्यों के एक हजार से ज्यादा लोक कलाकार व शिल्पकार तथा व्यंजन के शिल्पी भाग लेंगे।
उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान रोजाना सुबह 12.00 बजे हाट बाजार प्रारम्भ होगा जहा शिल्पकार कलात्मक वस्तुओं के प्रदर्शन के साथ-साथ उसका बेचान भी करेंगे। हाट बाजार में ही लोक कलाकारों द्वारा विभिन्न थड़ों पर कला प्रस्तुतियाँ दी जावेंगी। उन्होंने बताया कि उत्सव में 23 व 24 दिसम्बर को बंजारा रंगमंच पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की युवा प्रतिभा लोक कला पुरस्कार योजना की राजस्थान राज्य की प्रतियोगिताएँ होंगी। इसी मंच पर 25 से 29 दिसम्बर तक ‘‘हिवड़ा री हूक-यानि दिल चाहता है..’’ में आगंतुकों को कला प्रदर्शन के लिये मंच उपलब्ध करवाया जायेगा। इसी मंच पर सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी होगा। उत्सव में रोजाना शाम 6.00 बजे से मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।
प्रेस कान्फ्रेन्स में श्री सिंह ने बताया कि उत्सव के पहले दिन 21 दिसम्बर को दोपहर 3.00 बजे बाद लोगों के लिये प्रवेश निःशुल्क होगा।
परिवहन विभाग द्वारा शहर से शिल्पग्राम हेतु आवागमन के लिये विभिन्न रूटों पर परमिट जारी किया जा रहा हैं।
शिल्पग्राम उत्सव के दौरान लोगों के शिल्पग्राम आने जाने के लिये एक तरफा यातायात व्यवस्था रहेगी। चार पहिया वाहन बड़ी छोर से तथा दा पहिया वाहन रानी रोड छोर से प्रवेश कर सकेंगे।
शिल्पग्राम उत्सव-2019: पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा हर वर्ष उदयपुर में 21 से 30 दिसम्बर तक शिल्पग्राम उत्सव का आयोजन किया जाता है। भारत की वैविध्यपूर्ण कला विरासत को आम जनता तक पहुंचाने तथा कलाकारों और शिल्पकारों को कला प्रदर्शन का मंच उपलब्ध करवाने, शिल्पकारों को कलात्मक उत्पाद का विक्रय करने का अवसर उपलब्ध करवाने तथा शिल्पकार का शिल्प उत्पादों के खरीददारों से सीधा सम्पर्क करवाने के उद्देश्य से हवाला गांव स्थित कला परिसर ‘‘शिल्पग्राम’’ में इस उत्सव का आयोजन किया जाता है।
इस वर्ष इस उत्सव का आयोजन एक नये कलेवर के साथ हो रहा है। उत्सव, त्यौहार और पर्व भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है। ये ही ऐसे अवसर हैं जब लोग एक साथ एक जगह एकत्र हो कर आपसी प्रेम, सद्भाव और भातृत्व भाव से नृत्य, संगीत, गायन, वादन से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हैं। ‘‘शिल्पग्राम उत्सव-2019’’ की मुख्य विषयवस्तु (थीम) ऐसी अवधारणा को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित की गई है ताकि समृद्ध कला विरासत और संस्कृति के माध्यम से भारत की एकता और श्रेष्ठता को विश्व पटल पर रख कर ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ का वास्तविक स्वरूप विष्व के सम्मुख प्रस्तुत कर सकें।
हमारी लोक कलाएँ, शिल्प परंपराएँ, हमारा खान-पान, हमारा पहनावा, आभूषण यहां तक कि हमारे आचार और विचार हमें एक सूत्र में बांधे रखने में सक्षम हैं। यही तत्व ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ के मूल मंत्र भी हैं। ऐसे ही विचार को कलाओं और शिल्प कलाओं के रूप में ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ का आयोजन 21 दिसम्बर से 30 दिसम्बर 2019 तक किया जा रहा है।
भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय निरन्तर इस प्रयास में हैं कि सांस्कृतिक और रचनात्मक आयोजनों के माध्यम से एक प्रांत की कलाओं और कलाकारों को अन्य प्रांतों में कला प्रदर्शन का अवसर उपलब्ध करवा कर देश वासियों अपने देश की वैविध्यपूर्ण संस्कृति से रूबरू करवा सके। इसके लिये भारत के सभी राज्यों का अन्य राज्यों के साथ सांस्कृतिक बंधन अथवा जोड़ा बनाया गया है।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सदस्य राज्य राजस्थान का सांस्कृतिक बंधन पश्चिम बंगाल व असम से है, गुजरात का छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र का ओडिशा, गोवा का झारखंड, केन्द्र शासित प्रदेश दमण व दीव का पुद्दूचेरी से बंधन (पेयरिंग) किया गया है। शिल्पग्राम उत्सव में इन प्रांतों के कलाकारों व शिल्पकारों के साथ-साथ भारत के अन्य राज्यों के कुल 800 कलाकार और शिल्पकार भाग लेंगे।
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