न्यायालयों में हिंदी को अनिवार्य करे सरकार

न्यायालयों में हिंदी को अनिवार्य करे सरकार

विश्व भाषा अकादमी भारत के चेयरमैन मुकेश शर्मा ने की मांग 

 
mukesh sharma

उदयपुर 5 मई 2022।  विश्व भाषा अकादमी (रजि) भारत के चेयरमैन मुकेश शर्मा ने न्यायालयों और सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा को अनिवार्य करने की माँग की है। अकादमी की राजस्थान इकाई की एक ऑनलाइन चर्चा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गत तीस अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित मुख्यमंत्रियों और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) श्री एन.वी.रमणा ने न्यायालयों में स्थानीय भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी इसकी सराहना की गई। जिसके बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का नैतिक दायित्व बनता है कि वे इसके लिए आगे आयें।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के लॉ एंड लेजिस्लेटिव विभाग द्वारा 11 मई,2020 को ज़ारी अधिसूचना में यह व्यवस्था की गई थी कि न्यायालयों, अर्द्ध न्यायिक न्यायालयों में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाए। इसके अतिरिक्त हरियाणा के मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा भी एक फरवरी,2018 को ज़ारी विभागीय निर्देशों में कहा गया था कि सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि दफ्तरों में प्रशासनिक विभाग राजभाषा हिंदी में ही सरकारी टिप्पणियां एवं पत्राचार करें। किंतु व्यावहारिक तौर पर यह समग्र रूप से लागू नहीं हो पाया।

अकादमी चेयरमैन मुकेश शर्मा ने कहा कि अब देश के प्रधान न्यायाधीश ने तो इस बात की सशक्त पैरवी कर दी है, लेकिन देखना यह है कि क्या अब भी इसे लागू करने की सरकार की इच्छा शक्ति है या नहीं? उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सरकार को इसे न्यायालयों  में लागू करने में कुछ झिझक है तो कम से कम राज्य सरकारों के अधीन कार्य कर रही रेरा कोर्ट, उपभोक्ता न्यायालय, विभागीय अपीलीय प्राधिकारी कोर्ट, सरकारी ट्रिब्यूनल में तो यह सुनिश्चित कर दें कि यहां कम से कम पचास फीसदी फाइनल ऑर्डर सरल हिंदी भाषा में ज़ारी किये जाएं।

उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जनता की भाषा में ही न्याय होने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यहां ध्यान देने की बात यह है कि इन कार्यों में हिंदी भाषा का अर्थ है सरल हिंदी,जिसे साधारण लोग समझ सकें।

अकादमी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष डॉ. चंद्रेश छतलानी ने कहा कि हिन्दी भाषा की उपादेयता इस बात से प्रमाणित होती है कि यह हमारे बहुसंख्य लोगों की भाषा है, साहित्यकार और कवियों की भाषा है, लोकप्रिय फिल्मों की भाषा है। इसमें विज्ञान और व्यापार की अद्यतन जानकारियाँ भी हैं। यह वोट माँगने की इकलौती सशक्त भाषा है। 

अधिकतर हिंदी फॉन्ट, कन्वर्जन और ट्रांसलेशन यूटिलिटी, सॉफ्टवेयर, वर्तनी जाँच, मुक्त हैं और मुफ्त में मिल रहे हैं। लेकिन वास्तविकता यह भी है कि अन्य भारतीय भाषाओं की तरह हिंदी भी एक विकासशील भाषा है, परन्तु इस बात को समय-समय पर नकारा जाता रहा है। हिंदी को एक सम्मानजनक पद दिलाने हेतु कई हिंदी संस्थाएँ कार्यरत है लेकिन केवल कुछ संस्थाएँ ही अपने कार्य को ठीक तरह से पूरा कर रही हैं, जिनमें विश्व भाषा अकादमी (रजि.) अग्रणी है।

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