उदयपुर में राज्य स्तरीय आरोग्य मेला 19 अक्टूबर से
राज्य सरकार के आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग की ओर से राज्य स्तरीय आरोग्य मेले का आयोजन 19 से 22 अक्टूबर तक उदयपुर के राजकीय फतह उच्च माध्यमिक विद्यालय में होगा। मेले का शुभारंभ 19 अक्टूबर को अपराह्न 3 बजे प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व आयुर्वेद मंत्री डॉ. रघु शर्मा करेंगे।
उदयपुर, 17 अक्टूबर 2019। राज्य सरकार के आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग की ओर से राज्य स्तरीय आरोग्य मेले का आयोजन 19 से 22 अक्टूबर तक उदयपुर के राजकीय फतह उच्च माध्यमिक विद्यालय में होगा। मेले का शुभारंभ 19 अक्टूबर को अपराह्न 3 बजे प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व आयुर्वेद मंत्री डॉ. रघु शर्मा करेंगे।
राज्य स्तरीय मेले के वृहद स्तरीय आयोजन, विभिन्न गतिविधियों एवं उपचार पद्धतियों की जानकारी देने के लिए गुरुवार को मेले के नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त निदेशक डॉ. आनन्द कुमार शर्मा ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं सहायक नोडल अधिकारी बाबूलाल जैन, जनसम्पर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, मेला समन्वयक डॉ. शोभालाल औदिच्य, मुकेश कटारा, अशोक मित्तल व डॉ. राजकुमार पारीख, डॉ. विनोद कुमार शर्मा मौजूद थे।
डॉ. शर्मा ने बताया कि आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा एवं होम्यापैथी चिकित्सा) में सूचना, शिक्षा एवं संप्रेषण के अन्तर्गत विगत वर्षों से आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग, राजस्थान-सरकार द्वारा राज्य के बड़े शहरों में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय आरोग्य मेलों का आयोजन किया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर का आरोग्य मेला, जयपुर में तथा राज्य स्तरीय आरोग्य मेला उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर एवं अजमेर में आयोजित हो चुके हैं। इसी क्रम में राज्य स्तरीय आरोग्य मेला पुनः झीलों की नगरी, उदयपुर में राजकीय फतह सीनियर सैकण्डरी स्कूल के मैदान में आयोजित किया जा रहा है। मेला प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस वृहद स्तरीय मेले का उद्देश्य “स्वास्थ्य सबके लिए’’ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सस्ती, सरल एवं सुलभ आयुष चिकित्सा पद्धति की प्रभावशीलता के बारे में नागरिकों में जागरूकता उत्पन्न करना, आयुष पद्धति से जुडे़ हुए लोगों के ज्ञान एवं अनुभव को साझा करने के लिए उचित मंच उपलब्ध कराना, आयुष पद्धतियों में हुए अनुसंधानों से प्राप्त सफल परिणामों को प्रदर्शित करना एवं विभिन्न दृश्य-श्रव्य माध्यमों से सामान्य रोगों से बचाव व उपचार में प्रयुक्त औषधियों व समुचित आहार-विहार की जानकारी प्रदान करना है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि मेले में प्रतिदिन आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी पद्धतियों द्वारा निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, उपचार एवं औषध वितरण किया जाएगा। चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा आयुर्वेद की विशिष्ट चिकित्सा पंचकर्म के द्वारा जोड़ व कमर दर्द तथा वात आदि रोगों के लिए परामर्श व उपचार, शरीर में होने वाले विभिन्न दर्दों के निवारण हेतु विशेष क्लिनिक (न्यूरो थेरेपी) के द्वारा रोगियों का विशेषज्ञों द्वारा उपचार, कपिंग थेरेपी के तहत यूनानी पद्धति की विशेष विधा द्वारा त्वचा व रक्त संबंधी विकारों का उपचार, विशेषज्ञों द्वारा होम्योपैथी चिकित्सा विधा द्वारा रोगियों का उपचार, योग विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न रोगों में लाभकारी योगासनों के बारे में परामर्श प्रदान किया जाएगा एवं योगिक क्रियाओं का अभ्यास, सौंदर्य विशेषज्ञ द्वारा आयुर्वेद की विशिष्ट परम्परागत विधियों से सौंदर्य क्लिनिक के माध्यम से सौंदर्य समस्याओ का घरेलु एवं प्राकृतिक साधनों द्वारा सौंदर्य बनाये रखने के जानकारी प्रदान की जाएगी एवं उपचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मेले के दौरान स्वर्णप्राशन संस्कार मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा। इसके तहत मेले में आने वाले 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निःशुल्क स्वर्ण प्राशन कराया जाएगा।
डॉ. शर्मा ने बताया कि मेला स्थल पर केन्द्र सरकार के केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् द्वारा आयुर्वेद क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अनुसंधानों एवं विकास की गतिविधियों के प्रदर्शन के साथ परामर्श दिया जाएगा। केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद् द्वारा होम्योपैथी क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अनुसंधानों एवं विकास की गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाएगा एवं परामर्श दिया जाएगा। केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद् द्वारा यूनानी क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अनुसंधानों एवं विकास की गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाएगा एवं परामर्श दिया जाएगा। केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा योग क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अनुसंधानों एवं विकास की गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाएगा एवं परामर्श दिया जाएगा। राष्ट्रीय औषध पादप मंडल द्वारा आयुष क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अनुसंधानों एवं विकास की गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाएगा एवं परामर्श दिया जाएगा। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के विशेषज्ञों द्वारा आमजनों को परामर्श एवं उपचार दिया जाएगा।
मेला स्थल पर राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा आयुष शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का प्रदर्शन किया जाएगा। जिसके अन्तर्गत आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के डिग्री एवं डिप्लोमा हेतु पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी प्रदान की जाएगी। आयुर्वेद निदेशालय के द्वारा राज्य में संचालित जिला चिकित्सालयों, चिकत्सालयों एवं औषधालयों में प्रदत्त सेवाओं की जानकारी का प्रदर्शन किया जाएगा। होम्योपैथी निदेशालय के द्वारा राज्य में संचालित जिला चिकित्सालयों, चिकत्सालयों एवं औषधालयों में प्रदत्त सेवाओं की जानकारी का प्रदर्शन किया जाएगा।
यूनानी निदेशालय के द्वारा राज्य में संचालित जिला चिकित्सालयों, चिकित्सालयों एवं औषधालयों में प्रदत्त सेवाओं की जानकारी का प्रदर्शन किया जाएगा। राज्य औषध पादप मंडल द्वारा राजस्थान में उगने वाले औषधीय पादपों (हर्बल प्लांट्स) का प्रदर्शन, उनकी पहचान एवं औषधीय महत्व की जड़ी-बूटियों द्वारा घरेलु उपचार की जानकारी व विक्रय किया जाएगा। साथ ही जड़ी-बूटियों की कृषि, हर्बल गार्डन विकसितीकरण व उनसे सम्बन्धित सरकारी सुविधाओं एवं सब्सिडी आदि की जानकारी प्रदान की जाएगी तथा औषधीय पादप न्यूनतम दर बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।
मेले के दौरान 60 स्टॉल्स के माध्यम से आयुर्वेद ,होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न निर्माताओं व संस्थाओं के द्वारा अपने नवीनतम आयुष उत्पादों व सेवाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें प्रसिद्ध निर्माता कम्पनियों द्वारा आयुष व आरोग्य से सम्बन्धित पुस्तक विक्रेताओं, साहित्य प्रकाशकों, आयुष औषध निर्माताओं, प्रेक्टिशनर्स, अनुसंधान संस्थानों, हॉस्पीटल व सर्जिकल उपकरण निर्माताओं, योग व प्राकृतिक चिकित्सा उपकरण निर्माताओं, पंचकर्म उपकरण निर्माताओं, आयुष ट्युरिज्म , औषधीय कृषकों, फार्मास्युटिकल मेकेनिज्म व तकनीकी प्रदाताओं, फूड सप्लीमेंट निर्माताओं के लिये भी अपनी सेवाओं व उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया जाएगा।
विशेषज्ञों द्वारा आयुर्वेद, होम्यापैथी व यूनानी चिकित्सा पद्धतियों के बारे में महŸवपूर्ण विषयों पर व्याख्यानों का आयोजन करके आयुष चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मियों, विद्यार्थियों एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व आमजनों को लाभान्वित किया जाएगा। इसके अंतर्गत 19 को वर्तमान समय मे आयुष चिकित्सा पद्धतियो की उपयोगिता विषय पर , 20 को राजस्थान में पाये जाने वाले औषधीय पादपो का चिकित्सकीय महत्व, स्वास्थ्य संरक्षण में हितकर आहार की उपयोगिता व विभिन्न रोगो में होम्योपेथी चिकित्सा की उपयोगिता विषय पर, 21 को रसोईघर में उपलब्ध औषधियो का चिकित्सकीय महत्व, जोड़ो के दर्द में पंचकर्म चिकित्सा की उपयोगिता व पथरी रोग में यूनानी चिकित्सा विषय पर एवं 22 को जीवन शैली जनित रोग कारण एवं निवारण व वृद्धावस्था जनित रोगो में आयुर्वेद चिकित्सा की उपयोगिता विषय पर विभिन्न आयुर्वेद विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे। इसके अतिरिक्त मेला स्थल पर प्रतिदिन प्रातः 7 से 8 बजे तक योग विशेषज्ञों द्वारा योगाभ्यास व सायं 7. बजे से 8 बजे तक विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
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