फेफड़े में कैंसर की सफल सर्जरी

फेफड़े में कैंसर की सफल सर्जरी

इस सर्जरी को राईट अप्पर लोबेक्टोमी कहते है। इस सर्जरी द्वारा इलाज दक्षिणी राजस्थान में प्रथम बार हुआ है। फेफड़ों में कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी सबसे बेहतर विकल्प होता है पर विशेष प्रशिक्षण के अभाव के कारण रेडियोथेरेपी एवं कीमाथेरेपी द्वारा इलाज किया जाता है। परंतु गीतांजली कैंसर सेंटर में मौजूद विशेष प्रशिक्षित आॅन्को सर्जन की टीम ने इस विकल्प द्वारा सफल इलाज किया। इस सर्जरी में शल्य चिकित्सकों के साथ एनेस्थेटिस्ट डाॅ नवीन पाटीदार ने भी महत्वपूर्ण निभाई।

 

फेफड़े में कैंसर की सफल सर्जरीगीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के कैंसर शल्य चिकित्सक डाॅ आशीष जाखेटिया एवं डाॅ अरुण पांडेय ने 55 वर्षीय रोगी के दायीं फेफड़े में कैंसर का सफल आॅपरेशन कर रोगी को नया जीवन प्रदान किया। यह कैंसर की गांठ रोगी के दायीं फेफड़े के अलावा सीने के कुछ ऊपरी हिस्सों के साथ शुरु की तीन पसलियों तक फैली हुई थी।

केवल 5 घंटें चले आॅपरेशन में दायीं फेफड़े का ऊपरी आधा हिस्सा एवं 3 पसलियों के साथ सीने का कुछ हिस्सा हटाया गया। इसी समय अंतराल में सीने का मेश द्वारा पुर्ननिर्माण भी किया गया। इससे दायीं फेफड़े के निचले हिस्से सहित 60 प्रतिशत से अधिक फेफड़े को बचा लिया गया।

इस सर्जरी को राईट अप्पर लोबेक्टोमी कहते है। इस सर्जरी द्वारा इलाज दक्षिणी राजस्थान में प्रथम बार हुआ है। फेफड़ों में कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी सबसे बेहतर विकल्प होता है पर विशेष प्रशिक्षण के अभाव के कारण रेडियोथेरेपी एवं कीमाथेरेपी द्वारा इलाज किया जाता है। परंतु गीतांजली कैंसर सेंटर में मौजूद विशेष प्रशिक्षित आॅन्को सर्जन की टीम ने इस विकल्प द्वारा सफल इलाज किया। इस सर्जरी में शल्य चिकित्सकों के साथ एनेस्थेटिस्ट डाॅ नवीन पाटीदार ने भी महत्वपूर्ण निभाई।

निश्चेतना विशेषज्ञ ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका..

इस आॅपरेशन में एनेस्थेटिस्ट डाॅ नवीन पाटीदार ने अहम भूमिका निभाई। उनके नियंत्रण में आॅपरेशन के दौरान केवल बायीं ओर के फेफड़े को वेंटीलेटर पर लिया गया था। वहीं दायीं ओर का फेफड़ा पूरी तरह से बंद किया गया जो कि अत्यंत जटिल प्रक्रिया है क्योंकि फेफड़े के फूलने से आॅपरेशन में बाधा उत्पन्न हो रही थी।

रोगी हुगमा ने बताया कि वह पिछले कई समय से खांसी एवं सीने में दर्द जैसी परेशानियों से जूझ रहा था। उदयपुर के गीतांजली कैंसर सेंटर में आॅन्को सर्जन डाॅ आशीष जाखेटिया एवं डाॅ अरुण पांडेय से परामर्श के बाद बायोप्सी की जांच द्वारा दायीं ओर के फेफड़े में तीसरे चरण के कैंसर का पता चला। कीमोथेरेपी की चार डोज़ के बाद सर्जरी की गई।

हुगमा अब स्वस्थ है और अपने रोज के काम कर पा रहा है। रोगी का इलाज राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निःशुल्क हुआ।

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