GMCH में गुर्दे की गंभीर बीमारी का सफल इलाज

GMCH में गुर्दे की गंभीर बीमारी का सफल इलाज 

 
GMCH में गुर्दे की गंभीर बीमारी का सफल इलाज
गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में रोगी के गुर्दे की गंभीर बीमारी का नेफ्रोलॉजी विभाग द्वारा हुआ सफल इलाज
 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर में कोरोना महामारी के समय भी सुरक्षित चिकित्सकीय नियमों का पालन करते हुए निरंतर आवश्यक इलाज किये जा रहे हैं। नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. सूरज गुप्ता एवं आईसीयू इंचार्ज डॉ. संजय पालीवाल एवं उनकी टीम ने नीमच निवासी 70 वर्षीय रोगी का सफल इलाज कर रोगी को स्वस्थ किया। 

क्या था मसला

रोगी ने बताया कि उसे काफी समय से डाइबिटीज़ व हाइपरटेंशन की समस्या हो रही रही थी, जिस वजह से वह अपने नित्य कार्य करने में असमर्थ था, कुछ खाया नही जा रहा था, शरीर में हर समय कमज़ोरी महसूस होने लगी थी, परन्तु गत माह में रोगी का शुगर का लेवल एकदम बढ़ गया जिसके चलते रोगी को नीमच के स्थानीय डॉ. अशोक जैन के कहने पर क्रिएटिनिन की जाँच की गयी जिसमे कि क्रिएटिनिन की मात्रा बहुत बढ़ चुकी थी जिसका असर किडनीयों पर पड़ना शुरू हो चुका था डॉक्टर ने रोगी को गीतांजली हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी। गीतांजली हॉस्पिटल लाने पर रोगी को 4 दिन आई.सी.यू में भर्ती किया गया, इसके पश्चात् रोगी का 2 माह के दौरान समयानुसार डायलिसिस किया गया जिससे कि रोगी का क्रिएटिनिन लेवल धीरे धीरे सामान्य हो गया और रोगी उचित उपचार द्वारा डायलिसिस मुक्त हो गया। 

क्या होता है क्रिएटिनिन का बढ़ना

क्रिएटिनिन एक मेटाबॉलिक पदार्थ है, जो आहार को एनर्जी में बदलने के लिये सहायता देते समय टूट कर क्रिएटिनिन में बदल जाता है। वैसे तो किडनी क्रिएटिनिन को छानकर ब्लड से बाहर निकाल देती है, उसके बाद यह वेस्ट पदार्थ यूरीन के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन कुछ स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएं किडनी के इस कार्य में बाधा पहुंचाती है, जिसके कारण क्रिएटिनिन बाहर नहीं निकल पाता है और ब्लड में इसका स्तर बढ़ने लगता है। क्रिएटिनिन का बढ़ा हुआ स्तर किडनी संबंधित बीमारी या समस्याओं की ओर इशारा करता है कुछ अवस्थाएं, दूसरों की अपेक्षा कुछ ज्यादा गम्भीर होती है, लेकिन इन सब बातों का यही मतलब निकलता है, कि क्रिएटिनिन के लेवल को वापस सामान्य बनाने के लिए गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है।

डॉ. सूरज ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जहाँ सब लोगों को अपना बचाव करने की आवश्यकता है वहीँ किडनी के रोगियों की समस्याएँ और बढ़ गयी हैं परन्तु गीतांजली ही हॉस्पिटल में कोरोना के सभी निर्धारित प्रोटोकॉल्स का पालन सतर्कता के साथ करते हुए गंभीर बिमारियों का इलाज बहुत ही ध्यानपूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि किडनी की हर बीमारी स्थायी नहीं होती यदि रोगी का समय रहते ईलाज शुरू करा दिया जाये तो यह बीमारी खत्म की जा सकती है एवं रोगी पुनः पहले की तरह स्वस्थ हो सकता है इसी का उदहारण है ये रोगी जिन्हें हॉस्पिटल समय रहते लाया गया व ईलाज किया गया आज रोगी स्वस्थ है, खाना खा रहा है एवं सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या का निर्वहन कर रहा है।  

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal