इस साल 1 लाख ऊनी परिधान एकत्र करेगा सुहानी सर्दी आंदोलन
'कुछ कीजिये औरों के लिए’ इसी ध्येय को लेकर शुरू हुआ सुहानी सर्दी आंदोलन इस साल अपने चौथे सोपान पर चढ़ रहा है। उदयपुर शहर सहित पूरे संभाग के घर-घर से मिलने वाले आशीर्वाद से हर साल यह आंदोलन नए कीर्तिमान स्थापित करता गया और इस बार भी यह आंदोलन उदयपुर संभाग के हर परिवार के आशीर्वाद से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराएगा।
‘कुछ कीजिये औरों के लिए’ इसी ध्येय को लेकर शुरू हुआ सुहानी सर्दी आंदोलन इस साल अपने चौथे सोपान पर चढ़ रहा है। उदयपुर शहर सहित पूरे संभाग के घर-घर से मिलने वाले आशीर्वाद से हर साल यह आंदोलन नए कीर्तिमान स्थापित करता गया और इस बार भी यह आंदोलन उदयपुर संभाग के हर परिवार के आशीर्वाद से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराएगा।
सुहानी सर्दी आंदोलन के प्रणेता युवा समाज सेवी प्रवीण रतलिया ने बताया कि सुहानी सर्दी आंदोलन की नींव उस वक्त पड़ी जब वे और उनके कुछ मित्र ठिठुराती सर्दी में जनजाति क्षेत्र के कुछ अंदरूनी गांवों में गए। वहां के स्कूलों में बच्चों को बिना स्वेटर ठिठुरते देख यह संकल्प लिया गया कि हर साल ऐसे बच्चों के लिए वे स्वेटर उपलब्ध कराएंगे। इस संकल्प की कार्यान्विती 11 अक्टूबर 2015 से हुई। पहले साल में 10 हजार नए स्वेटर जनजाति क्षेत्र के गांवों के स्कूलों में वितरित किए गए। इसके बाद वर्ष 2016 में भी 10 हजार नए स्वेटर बांटे गए। वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 20 हजार तक पहुंच गया। बीस हजार नए स्वेटर बांटने के साथ उदयपुर शहरवासियों से बड़ी संख्या में प्राप्त हुए पुराने स्वेटर भी जरूरतमंद बच्चों को वितरित किए गए।
रतलिया ने घोषणा की कि इस साल एक लाख ऊनी परिधान पूरे उदयपुर संभाग के जनजाति बहुल गांवों में जरूरतमंद बच्चों को बांटे जाएंगे। इसमें नए-पुराने सभी तरह के ऊनी परिधान शामिल होंगे। यह संकल्प उदयपुर संभाग के जन-जन के सहयोग से पूरा किया जाएगा। पूरे उदयपुर संभाग में घर-घर से पुराने और नए ऊनी परिधान एकत्र किए जाएंगे। एकत्र ऊनी परिधानों के वितरण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
रतलिया ने बताया कि अब तक सुहानी सर्दी आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं से ही नए स्वेटर स्वीकार किए जाते थे, कुछ परिवारजन युवा समाजसेवियों की प्रेरणा से पुराने स्वेटर भी उपलब्ध कराते थे। लेकिन, इस साल इस आंदोलन को पूरे संभाग में जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखते हुए घर-घर से ऊनी परिधान एकत्र करने का निर्णय किया गया है। पहली बार आमजन से भी नए स्वेटर या ऊनी परिधान स्वीकार किए जाएंगे।
खास बात यह है कि आमजन से ही एक लाख ऊनी परिधान एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्य सुहानी सर्दी आंदोलन से जुड़ी 60 से अधिक समाजसेवी संस्थाओं के 8 हजार युवा समाज सेवी पूरे उदयपुर संभाग में 4 नवम्बर रविवार को करेंगे। उदयपुर शहर में 400 टोलियां घर-घर जाकर ऊनी परिधान एकत्र करेंगी जिसमें हर टोली में दस-दस सदस्य होंगे। यह कार्य 4 नवम्बर को 5 घंटे में किया जाएगा जो सुबह 9 बजे से शुरू होगा। इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थापित करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम उदयपुर आ रही है।
रतलिया ने बताया कि किसी भी तरह की सेवा का कोई व्यर्थ उपयोग न करे, इसके लिए उन्होंने हर सेवा संकल्प में लाभार्थी का पूरा परिचय रखना सुनिश्चित किया हुआ है। ऊनी परिधान वितरण से पहले स्कूलों के संस्था प्रधानों से व्यवस्थित सूची प्राप्त की जाती है ताकि न तो कोई बच्चा छूटे और न ही कोई अतिरिक्त स्वेटर व्यर्थ हो। इतना ही नहीं, इस संकल्प के साथ यह भी निर्धारित है कि वितरण के दौरान जो स्कूल में उपस्थित होगा, उसे ही लाभ मिलेगा। इसके पीछे सोच यह है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़े।
रतलिया ने मीडिया के साथियों सहित पूरे उदयपुर संभाग की जनता से आग्रह किया है कि 4 नवम्बर को आने वाले युवा समाजसेवियों की झोली में अपना आशीर्वाद जरूर डालें।
सरकार से कर चुके प्रावधान लाने की मांग
रतलिया ने बताया कि वे चार साल से राज्य और केन्द्र सरकार से यह मांग कर चुके हैं कि शिक्षा के अधिकार के तहत विद्यालय गणवेश भी शामिल की जाए और सरकारी स्कूलों में गर्मी और सर्दी की गणवेश सरकार उपलब्ध कराए। यह बात उन्होंने दुबई में हुई सोशल मीट में भी उन्होंने उठाई और इस पर विभिन्न देशों से आए समाजसेवियों ने भी सहमति जताई, लेकिन अब तक सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है।
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