उदयपुर, 10 अगस्त 2020। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के जिले की स्थितियों पर व्यूह रचना की दृष्टि से सोमवार शाम को कलेक्ट्रेट में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण समिति की एक महत्त्वपूर्ण बैठक का आयोजन जिला कलक्टर चेतन देवड़ा की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में कलक्टर ने जिले में कोरोना संक्रमण की स्थितियों की समीक्षा की और इसके प्रसार को रोकने की दृष्टि से समिति सदस्यों से विस्तार से चर्चा करते हुए कई महत्त्वपूर्ण लिए गए।
जिले में कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या के दौरान कलक्टर देवड़ा ने आरएनटी प्राचार्य लाखन पोसवाल से ईएसआई हॉस्पीटल तथा सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी से अन्य चिकित्सालयों में रोगियों की क्षमता के बारे में जानकारी ली तो पोसवाल ने ईएसआई में बताया कि लगातार रोगियों के आने से इसकी 200 बेड क्षमता पूर्ण हो गई है। ऐसे में इसके विकल्प तलाशने की जरूरत है। इसी प्रकार डॉ. खराड़ी ने गीतांजली में 285 बेड की क्षमता बताई।
इस पर कलक्टर ने ईएसआई पर आ रहे भार को कम करने के लिए शहर के अन्य निजी मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था करने की बात कही और गीतांजली हॉस्पीटल को डीसीएच (डेडिकेटेड कोविड हॉस्पीटल) से डीसीएचसी (डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर) के रूप में अनुमत करने के आदेश जारी करने को कहा। कलक्टर ने बताया कि इस स्थिति में अब यहां पर कोरोना के गंभीर रोगियों के साथ-साथ मोडरेट सिम्पटोमेटिक रोगियों को भी रखा जाएगा और इन सबका उपचार निःशुल्क किया जाएगा।
बैठक में कलक्टर देवड़ा ने जिले में अब तक 138 सुपर स्प्रेडर्स के कोरोना पॉजीटिव आने पर चिंता जताई और समस्त सुपर स्प्रेडर्स को 24 अगस्त तक अनिवार्य रूप से अपनी सेंपलिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुपर स्प्रेडर यथा नाई, मेडिकल स्टोर संचालक, बैंककर्मी, गैस सिलेण्डर आपूर्ति करने वाले, सफाईकर्मी, दूध वितरण करने वाले, सब्जी वाले, किराणा स्टोर संचालक, ठेले वाले आदि जो आमजन के नियमित सपंर्क में आते है। ऐसे में सभी सुपर स्प्रेडर्स की जांच कराना आवश्यक है। कलक्टर ने समस्त सुपर स्प्रेडर से भी आह्वान किया है कि खुद की और लोगों कीे सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जांच कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच के बाद नेगेटिव रिपोर्ट वाले सुपर स्प्रेडर्स को ही व्यापार की अनुमति दी जाएगी। कलक्टर ने चिकित्सा विभाग को इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।
कलक्टर के निर्देशों पर सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि सुपर स्प्रेडर की जांच के लिए शहर में सात स्थानों पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसमें नगर निगम, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेक्टर 14, सेटेलाइट हॉस्पीटल चांदपोल, यूपीएचसी कृषि उपज मण्डी, सेटेलाईट हॉस्पीटल हिरणमगरी सेक्टर 6, महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय तथा ईएसआई चित्रकूट नगर में जांच की जाएगी।
बैठक दौरान कलक्टर देवड़ा ने अगस्त माह में आए कोरोना पॉजीटिव के आंकड़ों की समीक्षा की तो पाया कि इस माह 375 कोरोना पॉजीटिव रोगियों में दो-तिहाई रोगी परिवारवाले ही है, इसका अर्थ है कि अब यह वायरस घर से घर में ही फैल रहा है। इस संबंध में उन्होंने अपील जारी की है कि जिले में कोरोना संक्रमण को देखते हुए वह घरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क पहने और कोरोना के किसी भी प्रकार के लक्षण (बुखार, सर्दी-खांसी, स्वाद में कमी आने, उल्टी-दस्त इत्यादि) दिखाई देने पर तत्काल प्रभाव से निकटतम हॉस्पीटल में अपनी जांच करावें तथा उसे परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें।
बैठक में कलक्टर ने जिले में प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ावा देने की बात कही तो आरएनटी प्रिंसीपल डॉ. पोसवाल ने बताया कि अब तक आरएनटी में 12 यूनिट प्लाज्मा ही प्राप्त हुआ है और इसमें से 8 यूनिट रोगियों को दिया गया जिससे वे कोरोना के संक्रमण से जल्द मुक्त हो रहे हैं। इस स्थिति पर कलक्टर देवड़ा ने जिले में कोरोना पॉजीटिव होकर संक्रमण मुक्त हो चुके लोगों से अपील की है कि वे अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आवें ताकि अन्य रोगियों को जीवनदान प्राप्त हो सके। इस दौरान पोसवाल ने बताया कि आरएनटी के डॉक्टर्स भी 15 अगस्त को पीडि़त मानवता की सेवा के लिए अपना रक्तदान करेंगे।
बैठक में जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू, एडीएम ओ.पी. बुनकर व संजय कुमार, आरएनटी प्रिसींपल डॉ. लाखन पोसवाल, एमबी हॉस्पीटल के डॉ. आरएल सुमन, नगर निगम उपायुक्त अनिल शर्मा, सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी व डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि डॉ. अक्षय व्यास आदि मौजूद रहे।
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