सिंडिकेट बैंक द्वारा विचार-विमर्श हेतु बहु-स्तरीय परामर्श कार्यशालाओं का आरंभ

सिंडिकेट बैंक द्वारा विचार-विमर्श हेतु बहु-स्तरीय परामर्श कार्यशालाओं का आरंभ

सिंडिकेट बैंक ने जमीनी-स्तर पर विचार सृजन हेतु कार्यशालाओं का आयोजन आरंभ किया । इस कार्यशाला का उद्देश्य बैंक में निचले स्तर से ऊपर तक विचार-सृजन प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना। विचारों का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के प्रयोग को बढ़ावा देना और बैंकिंग को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़कर बैंकिंग को अनुकूल बनाना है।

 

सिंडिकेट बैंक द्वारा विचार-विमर्श हेतु बहु-स्तरीय परामर्श कार्यशालाओं का आरंभ

उदयपुर 17 अगस्त 2019, सिंडिकेट बैंक ने जमीनी-स्तर पर विचार सृजन हेतु कार्यशालाओं का आयोजन आरंभ किया । इस कार्यशाला का उद्देश्य बैंक में निचले स्तर से ऊपर तक विचार-सृजन प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना। विचारों का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के प्रयोग को बढ़ावा देना और बैंकिंग को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़कर बैंकिंग को अनुकूल बनाना है। इस कार्यशाला में उदयपुर क्षेत्र के सभी शाखा प्रमुखों/पदाधिकारियों द्वारा भाग लिया जा रहा है। पहले विचार सृजन और परामर्श प्रक्रिया शाखा स्तर पर तत्पश्चात शहरी स्तर तक और उसके बाद क्षेत्रीय स्तर और फिर राज्य स्तर तक और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की जा रही है। पूर्ण समावेश के लिए नीचे से ऊपर तक के दृष्टिकोण को अपनाया जा रहा है ताकि सेवाओं को अग्रशील किया जा सके। चूंकि बैंक पहले ही उन्नत तकनीक के प्रयोग के लिए तैयार है, अत: यह विचार-विमर्श ग्राहकों के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता को और अधिक गति प्रदान करेगा। कार्यशालाएं पिछले पांच वर्षों के दौरान विभिन्न कारोबारिक प्रभागों के बीच क्षेत्र के विशिष्ट मुद्दों की पहचान और विकास की क्षमता में बैंक के प्रदर्शन की समीक्षा से आरंभ होंगी। बैंकिंग के विभिन्न कार्यों के आकलन और सुधार के लिए एक गहन विचार प्रक्रिया अपनाई जाएगी और बैंक के भविष्य के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी। इन कार्यों में डिजिटल भुगतान कारोबार, देश के एमएसएमई को ऋण, प्रौद्योगिकी का उपयोग, खुदरा ऋण, कृषि ऋण और बैंक में कॉर्पोरेट प्रशासन में शामिल हैं।

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बैंकिंग को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने को विशेष महत्व दिया जाए, जिसमें आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के लिए ऋण समर्थन, सभी के लिए आवास, महिला सशक्तीकरण, स्वच्छ भारत, एमएसएमई और मुद्रा ऋण, शिक्षा ऋण, प्रौद्योगिकी, वित्तीय समावेशन, किसानों की आय में सुधार के लिए योगदान, डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में योगदान, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी आदि जैसे मापदंडों पर बैंक का मूल्यांकन शामिल हो। आंचलिक कार्यालय, दिल्ली के उप आंचलिक प्रबन्धक श्री पी वी गोपालकृष्णा ने कहा कि “सिंडिकेट बैंक ने किसी भी नई पहल को आरम्भ करते हुए हमेशा देश की आर्थिक वृद्धि को उद्देश्य के रूप में रखा है। ये कार्यशालाएँ उस प्रतिबद्धता का ही प्रमाण हैं। उदयपुर क्षेत्र में मौजूद वरिष्ठ बैंकरों को संबोधित करना मेरे लिए हर्ष का विषय है। एक टीम के रूप में हम गंभीर हैं और वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय के निर्देशानुसार इन सत्रों को पूरा करने के लिए समर्पित हैं। बैंक की सभी 4063 शाखाओं में विचार-मंथन सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जहां वरिष्ठ बैंकरों का उद्देश्य राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और ग्राहक सेवा के महत्व वाले विचारों को उत्पन्न करना है। इन कार्यशालाओं में उत्पन्न सुझावों और विचारों की एक व्यापक रिपोर्ट को बैंक में कोर टीम के साथ साझा किया जाएगा तथा जिस पर बैंक के लिए रोडमैप तैयार करने और विभिन्न बैंकिंग कार्यों और सेवाओं में नीतियों के कार्यान्वयन के दौरान विचार किया जाएगा।

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