टाईम मैनेजमेन्ट द्वारा अपनी पर्सनल लाईफ के लिये समय निकालें: डाॅ. कनीज फातिमा
उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा चैम्बर भवन में “वर्क लाइफ बैलेंस“ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे ओमान विश्वविद्यालय की फैकल्टी के रूप में अपने सेवाए दे रही डॉ. कनीज फातिमा सादडीवाला इस कार्यशाला में विषय विषेशज्ञा थीं। कार्यशाला में लगभग 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा चैम्बर भवन में “वर्क लाइफ बैलेंस“ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे ओमान विश्वविद्यालय की फैकल्टी के रूप में अपने सेवाए दे रही डॉ. कनीज फातिमा सादडीवाला इस कार्यशाला में विषय विषेशज्ञा थीं। कार्यशाला में लगभग 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के आरम्भ में अध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि आज के समय में उद्यमी वर्ग हो अथवा नौकरीपेशा कर्मचारी, सभी अप्रसन्नता एवं तनाव का शिकार हो रहे हैं। अधिकांश व्यक्ति अपने जीवन में खुशी एवं संतुष्टी से वंचित हैं। इसका एक बड़ा कारण अपनी व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं के चलते अपने परिवार एवं व्यक्तिगत जीवन के लिए समय नहीं निकाल पाना है। महिला उद्यमियों अथवा महिला कर्मचारियों के सन्दर्भ में यह समस्या और भी अधिक बड़ी है। यूसीसीआई द्वारा उपरोक्त विषय पर कार्यशाला का आयोजन इस समस्या का हल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया है।
“कार्यक्षेत्र में बेहतर रूप से प्रदर्शन करने के लिए अक्सर हम इतना समय व्यतीत कर देते है कि पारिवारिक जीवन के प्रति ध्यान देना भूल जाते हैं। हमें अपने समय का सदुपयोग करना आना चाहिए एवं जिस प्रकार कार्यक्षेत्र हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होता है, उसी प्रकार परिवार भी जीवन का अभिन्न अंग होता हैं।“ – डाॅ. कनीज फातिमा सादडीवाला
श्रीमति शिल्पा बापना ने विषय विशेषज्ञा डॉ. कनीज फातिमा सादरीवाला का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। कार्यशाला के दौरान डॉ. फातिमा ने अपने प्रोफेशन के साथ ही जीवन में अपने घर, परिवार, फ्रेंड्स, रिश्तेदार एवं सामाजिक आयोजनों के लिए समय निकालने पर बल दिया।
श्रीमती फातिमा ने कहा कि बचपन एवं किशोरावस्था में शिक्षा प्राप्त करने, युवा होने पर नौकरी अथवा व्यवसाय में स्थापित होने तथा कैरियर बनाने एवं पैसा कमाने की चूहा-दौड में हम अपना अधिकांश जीवन यूं ही बिता देते है तथा अपने घर, परिवार, मित्रों, निकट सम्बन्धियों तथा सामाजिक आयोजनों आदि के लिये समय नहीं दे पाते है। समय बीत जाने और उम्र-दराज हो जाने के बाद हमें महसूस होता है कि पैसा कमाने के आपाधापी में जिंदगी यूं ही गुजर गई और हम कई अच्छी चीजों का आनंद ले पाने से वंचित रह गए।
इस लिए यह जरूरी है कि अपने व्यवसाय अथवा नौकरी के साथ ही अपने व्यक्तिगत जीवन के लिये समय निकालें। अपने परिवारजनों एवं मित्रों के साथ घूमने-फिरने, अपने शौक एवं रूचियों (हाॅबिस) के लिये समय निकालकर लाईफ को एन्जाॅय करें। ऐसा समय प्रबन्धन (टाईम मैनेजमेन्ट) द्वारा ही सम्भव है। अपने कार्यस्थल पर कम से कम समय में अधिक से अधिक कार्य निपटाने पर फोकस रहें तथा व्यर्थ की बातों में समय बर्बाद नहीं होने दें। इस प्रकार आप अपने कार्य के साथ-साथ अपने व्यक्तिगत जीवन के लिये समय निकाल पायेंगे।
विषय पर खुली परिचर्चा के दौरान डाॅ. फातिमा ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का उत्तर दिया। डाॅ. फातिमा ने सकारात्मक सोच एवं दृष्टिकोण को जीवन में खुश रहने की कुंजी बताते हुए जीवन में तनावरहित जीवन के लिये व्यर्थ की निराशाजनक बातों से बचने का सुझाव दिया। कार्यशाला का संचालन महिला सशक्तिकरण उप-समिति की चेयरपर्सन श्रीमती हसीना चक्कीवाला ने किया। कार्यशाला के अन्त में श्रीमति प्रिया मोगरा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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