उदयपुर, 26 अगस्त 2021। उदयपुर जिले के कोटड़ा एवं झाड़ोल क्षेत्रवासियों के लिए राहत भरी खबर है। अब टीबी रोग की पहचान के लिए यहां के लोगों को जिला मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा। केंद्र सरकार के मिशन टीबी मुक्त भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने करीब 15 लाख रुपए कीमत की टीबी रोग की जांच करने वाली ट्रूनोट मशीन लगाई है जिससे कुछ ही घंटों में टीबी रोग की पहचान हो सकेगी। पूर्व में इन अस्पतालों में यह सुविधा नहीं होने से मरीजों को जिला मुख्यालय जाना पड़ता था।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि अब तक कोटड़ा एवं झाड़ोल क्षेत्र के मरीजों को टीबी की बलगम जांच के लिए जिला मुख्यालय स्थित टीबी अस्पताल आना होता था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर यह मशीन लग जाने से जाँच सुविधा और आसान हो गई है। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर केवल सामान्य टीबी की ही माइक्रोस्कॉपी से जांच होती थी। अब उन्नत तकनीक पर आधारित ट्रूनोट मशीन स्थापित होने से सामान्य टीबी के साथ साथ एमडीआर टीबी जैसी प्रतिरोधक स्थिति की भी जांच हो सकेगी एवं लोगो को स्थानीय स्तर पर ही जाँच सुविधा मिलने से टीबी मरीजो की पहचान एवं इलाज में भी तेजी आएगी।
जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ अंशुल मट्ठा ने बताया कि यह मशीन नवीनतम तकनीक पर आधारित है जिसमें टीबी बैक्टीरिया का सौ प्रतिशत विश्वसनीयता के साथ पता लगाया जा सकता है एवं जाँच रिपोर्ट भी 1 घंटे में प्राप्त हो जाती है। इससे टीबी के सामान्य रोगी एवं एमडीआर रोगी के अंतर का भी पता लगाया जा सकेगा। इस मशीन से कम समय में अधिक सटीकता के साथ मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस का पता लगाया जा सकता है।
सीएचसी पर स्थापित इन मशीनों के संचालन हेतु लैब टेक्नीशियन एवं अन्य स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। उदयपुर जिले को टीबी मुक्त बनाने एवं टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान के लिए हर स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित एवं सेंसिटाइज किया जा रहा है जिससे कि तत्काल रोगियों की पहचान कर जांच कराई जा सके। इसके अलावा जिले में पंजीकृत सभी टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान प्रतिमाह 500 रुपयों का भुगतान बैंक खातों के माध्यम से किया जा रहा है।
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