गिट्स के दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेस में जुटे देश-विदेश के तकनीकी विशेषज्ञ
गीतांजली इन्स्टिटियूट आॅफ टेक्नीकल स्टडीज, उदयपुर में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस ‘‘ इको स्मार्ट सस्टेनिबल डवलपमेंट इन इन्जिनियरिंग टेक्नोलोजी एण्ड़ मेनेजमेंट’’ का शुभारम्भ अतिथियों के दीप-प्रज्जवलन के साथ हुआ। संस्थान के निदेशक डाॅ. विकास मिश्र ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य इन्जिनियरिंग के क्षेत्र में हो रहें विभिन्न समाजोपयोगी आविष्कारों तथा विभिन्न तकनीकों को एक प्लेटफाॅर्म मुहैया कराना हैं जहां पर विशेषज्ञ एक दुसरे के विचारों तथा तकनीकी ज्ञान को आपस में साझा कर सकें।
गीतांजली इन्स्टिटियूट आॅफ टेक्नीकल स्टडीज, उदयपुर में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस ‘‘ इको स्मार्ट सस्टेनिबल डवलपमेंट इन इन्जिनियरिंग टेक्नोलोजी एण्ड़ मेनेजमेंट’’ का शुभारम्भ अतिथियों के दीप-प्रज्जवलन के साथ हुआ। संस्थान के निदेशक डाॅ. विकास मिश्र ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य इन्जिनियरिंग के क्षेत्र में हो रहें विभिन्न समाजोपयोगी आविष्कारों तथा विभिन्न तकनीकों को एक प्लेटफाॅर्म मुहैया कराना हैं जहां पर विशेषज्ञ एक दुसरे के विचारों तथा तकनीकी ज्ञान को आपस में साझा कर सकें। इस दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में मुख्य अतिथि प्रो. राजीव गुप्ता (प्रो. वाइस चान्सलर आर.टी.यू., कोटा), ने कहा कि प्रयोगात्मक व लिखित ज्ञान में सामंजस्य बैठाना होगा। ज्यादा से ज्यादा प्रयोगों पर ध्यान देना होगा जिससे विद्यार्थियों का तकनीकी विकास हो सकें। प्रो. अक्षय राठौड (कानकोर्डिया विश्वविद्यालय, कनाडा), ने वायरलेस चार्जिंग की आॅटोमोबाईल एप्लीकेशन तथा हाइड्रोजन से ऊर्जा उत्पादन की तकनीकी के बारे में बताते हुए कहा कि आज के युग में जीवाष्म आधारित ईधन के भण्डार सीमित हैं। उन्होंने कहा सोलर एनर्जी ही एक मात्र रास्ता बचता हैं परन्तु सोलर एनर्जी के उपकरण अतन्त महंगे तथा दक्षता बहुत ही कम हैं। प्रो. विनोद खादकीकर (एम.आई.एस.टी. आबु धाबी, यू.ए.ई.), ने पाॅवर इलेक्ट्रोनिक्स के उपयोग के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला इसके अतिरिक्त गेस्ट आॅफ आॅनर प्रो. राहुल जैन (एन.यू.एस. नेशनल विश्वविद्यालय, सिंगापुर), ने क्लाउड कम्प्यूटिंग एवं आर्टीफिशिल के बढते हुए उपयोग पर विस्तार से चर्चा की एवं इस श्रेणी में हो रहे नवीनतम शोध से लोगों को अवगत कराया।
वांशिगटन स्टेट विश्वविद्यालय, यू.एस.ए से आये कीनोट स्पीकर्स प्रो. अनुराग श्रीवास्तव, ने अपने किनोट स्पीच में बताया कि पाॅवर ग्रीड को स्मार्ट बनाने की दिशा में उनकी रिसर्च चल रही हैं सामाजिक दृष्टिकोण से स्मार्ट पाॅवर ग्रीड से सस्ती ऊर्जा का वितरण होगा। साथ ही उन्होंने ब्लाॅक चैन एनाबेल्ड कम्यूनिटी पाॅवर के बारे में चर्चा की।
कान्फ्रेंस समन्वयक, डाॅ. पी.के. जैन वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड़ ने सस्टेनिबिलिटी के भौतिक जीवन में उपयोग के बारे में बताया। कान्फ्रेंस सचिव प्रो. राजीव माथुर ने बताया कि कुल 239 शोध पत्रों में से 97 शोध पत्र स्वीकार किये गये हैं ताकि शोध की गुणवत्ता बरकरार रहें। देश विदेश से आये इन शोध पत्रों की स्वीकृत रेट 33 प्रतिशत रही। अन्त में कान्फ्रेस सचिव प्रो. मनीष वर्मा ने धन्यवाद पारित किया तथा कार्यक्रम का संचालन अंजली धाबाई द्वारा किया गया। इस अवसर पर सभी डीन, विभागाध्यक्ष व गीतांजली परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहें तथा कार्यक्रम का लाभ उठाया।
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