टेक्नो इंडिया एनजेआर की टीम ने राष्ट्रीय स्तर पर लहराया परचम

टेक्नो इंडिया एनजेआर की टीम ने राष्ट्रीय स्तर पर लहराया परचम

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा टेक्नो द्वारा नईदिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की ओपन गोवा डाटा हैक प्रतियोगिता में टेक्नो इंडिया एनजेआर उदयपुर के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर 735 टीमों में से द्वितीय स्थान प्राप्त कर एक बार फिर से उदयपुर का नाम रोशन कर डॉटकॉप प्लेटफॉर्म सिस्टम के लिए केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के हाथों एक लाख रूपयें का नकद पुरस्कार प्राप्त किया।

 

टेक्नो इंडिया एनजेआर की टीम ने राष्ट्रीय स्तर पर लहराया परचम

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा टेक्नो द्वारा नईदिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की ओपन गोवा डाटा हैक प्रतियोगिता में टेक्नो इंडिया एनजेआर उदयपुर के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर 735 टीमों में से द्वितीय स्थान प्राप्त कर एक बार फिर से उदयपुर का नाम रोशन कर डॉटकॉप प्लेटफॉर्म सिस्टम के लिए केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के हाथों एक लाख रूपयें का नकद पुरस्कार प्राप्त किया।

काॅलेज के प्रबन्ध निदेशक आर.एस.व्यास ने बताया कि गत 31 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में देश भर से करीब 735 टीमों ने भाग लिया था। इसमें राजस्थान की एक मात्र टीम ने फाइनल में पहुंच कर, प्रतियोगिता में द्रितीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार वीआईटी की टीम, द्वितीय पुरस्कार टेक्नो एनजेआर टीम और तीसरा पुरूस्कार आईआईटी, पटना ने जीता।

डॉ. जीतेन्द्र श्रीमाली के निर्देशन में टेक्नो एनजेआर की टीम के सदस्यों तथागत, भव्य, मोहित, वेदांत, जीविका ने राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो के लिए भारत के सभी पुलिस थानों से सूचना एकत्रित कर भारत में होने वाले अपराधो का विश्लेषण कर उसे रोकने के उपाय बता कर समारोह में मौजूद सैकड़ों लोगों की तालियां बटोरी एवं टीम के इस प्रयासों को काफी सराहा तथा टीम द्वारा भारत का प्रथमं ब्लॉक चैन द्वारा ई एण्ड एफआईआर सिस्टम बनाया गया। टीम ने एक एंड्राइड एप्प बनाया है जिसमे कोई भी व्यक्ति यदि किसी मुसीबत में है तो इस एप के जरिये बिना इंटरनेट का उपयोग किए अपने नजदीकी पुलिस थानों को सूचित कर अपनी करंट लोकेशन को भी भेज सकता है।

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क्या है डाटाकॉप प्लेटफॉर्म : डाटाकॉप प्लेटफार्म प्रौद्योगिकी के उपयोग से समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का प्रयास करता है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर बढ़ते ध्यान के साथ टीम ने महिलाओं के खिलाफ बड़े अपराधों को रोकने के लिए एक तकनीकी समाधान प्रस्तुत किया। इस प्रणाली का उपयोग समाज के सभी कमजोर वर्गों को रोकने के लिए किया जा सकता है महिलाएं, पुरानी पीढ़ी या बच्चें हों।

टीम द्वारा किये गए विश्लेषण से पता चलता है कि तटीय राज्यों ने लगातार महिलाओं की अनैतिक तस्करी के अधिकतम मामलों को देखा है। इसके समाधान के लिए महिलाओं की एसआई के समकक्ष रैंक की रिक्तियों को भरने से समस्या का सबसे अच्छा समाधान होने की पहचान करता है क्योंकि इन दोनों कारकों के बीच सहसंबंध 80% के करीब है। इसी तरह, बलात्कार डेटा का विश्लेषण कर संभावित बलात्कारियों की पहचान की गयी, जिसमे सामने आया की 93% बलात्कार के मुक़दमे उन्ही के मिलने वालो से होता है। इसी तरह से समाज में होने वाले सभी प्रकार के अपराधों का पिछले 15 वर्षाे के रिकॉर्ड का विश्लेषण कर उनके समाधानों को क्राइम ब्यूरों के समक्ष रखा।

इस विश्लेषण का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के अलावा, यह सर्वोत्तम परिणामों के लिए दुर्लभ संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने के लिए पुलिस विभाग को आवश्यक उपकरण प्रदान करना है। कानून प्रवर्तन एजेंसियां बदलती आवश्यकताओं के आधार पर अपने दिन-प्रतिदिन की पुलिस रणनीतियां बना सकती हैं, ताकि समाज बड़े पैमाने पर अपराधों से बच सकता है।

उदयपुर चुनिंदा स्मार्ट शहरों में से एक है, इससे डाटा सिस्टम से उदयपुर को निवासियों और पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित जगह बनाने में मदद कर सकता है। उदयपुर में इस सिस्टम के सफल होने पर देश के अन्य प्रमुख शहरों को भी उनके अपराध संबंधी चुनौतियों के समाधान ढूंढने में सक्षम हो सकेगी।

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