झीलों के पेटे से आवाजाही के मार्ग प्रदूषण व कचरे की समस्या को बढ़ाते हैं


झीलों के पेटे से आवाजाही के मार्ग प्रदूषण व कचरे की समस्या को बढ़ाते हैं

झीलों के पेटे से आवाजाही के मार्ग प्रदूषण व कचरे की समस्या को बढ़ाते हैं। इस दृष्टि से पेयजल की झील पीछोला में नया मोटर पुल कचरा व प्रदूषण वृद्धि का एक और केंद्र बनेगा। झीलों में मोटर बोट का संचालन भी बंद होना चाहिए।

 

झीलों के पेटे से आवाजाही के मार्ग प्रदूषण व कचरे की समस्या को बढ़ाते हैं

पहले से ही है पांच पुलिया पीछोला पर

उदयपुर,12 अगस्त 2019, झीलों के पेटे से आवाजाही के मार्ग प्रदूषण व कचरे की समस्या को बढ़ाते हैं। इस दृष्टि से पेयजल की झील पीछोला में नया मोटर पुल कचरा व प्रदूषण वृद्धि का एक और केंद्र बनेगा। झीलों में मोटर बोट का संचालन भी बंद होना चाहिए। यह विचार झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति तथा गांधी मानव कल्याण सोसाइटी के साझे में आयोजित श्रमदान संवाद में दोहराये गये।

डॉ अनिल मेहता ने कहा कि स्वरूप सागर नई पुलिया, अम्बापोल पुलिया, ब्रह्मपोल पुलिया, चांदपोल पुलिया, दायजी पुलिया इन समस्त स्थानों से पीछोला झील में भारी मात्रा में कचरा विसर्जन होता है। इन पर वाहनों की भारी आवाजाही से भी झील सतह पर प्रदूषण बढ़ रहा है।

तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पीछोला क्षेत्र में टूरिस्ट वाहनों की अत्यधिक संख्या इस क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए खराब है। आम लोग सड़क पर सुरक्षित चलने में परेशान महसूस करते है। चांदपोल क्षेत्र में सहनीय क्षमता से अधिक वाहनों का भार है। झील पर्यावरण तंत्र के लिए यह ठीक नही है।

नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि डीजल पेट्रोल चलित मोटर बोट पर भी तुरंत रोक लगा सोलर व चप्पू वाली नावों के संचालन की ही अनुमति होनी चाहिए। मोटर संचालित वाहनों – नावों से कार्बनिक प्रदूषण बढ़ रहा है। पेटे में ही बनी रिंग रोड भी कचरा विसर्जन स्थल बन रही है।

द्रुपद सिंह व मोहनसिंह चौहान ने कहा कि झील टूरिस्ट क्षेत्र में बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन किया जाए तो नए पुल की जरूरत नही है। दिगम्बर सिंह व कुशल रावल ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना में शांत, सुगम भीतरी शहर बनाने के लिए पैदल मार्ग – पेडेस्ट्रियन पाथ पर जोर दिया गया है, वंही इसके विपरीत वाहन संचालन बढाने के लिए पुल की योजना बनाई जा रही है।

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इस अवसर पर आयोजित श्रमदान में चांदपोल पुलिया के नीचे झील क्षेत्र से भारी बदबू के बीच पॉलीथिन, थर्मोकोल, पानी व शराब की बोतलें, कपड़े, पूजन सामग्री एवं जलीय घास को निकाला गया। श्रमदान में मोहनसिंह चौहान, रामलाल गहलोत, दिगम्बर सिंह, कौशल रावल, कृष्णा कोष्ठी, द्रुपद सिंह, तेज शंकर पालीवाल, डॉ अनिल मेहता, नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।

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