दूरबीन द्वारा आॅपरेशन कर 100 से अधिक पथरियां निकाली


दूरबीन द्वारा आॅपरेशन कर 100 से अधिक पथरियां निकाली

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डाॅ पंकज गुप्ता ने 46 वर्षीय रोगी की पित्त की नली का दूरबीन से आॅपरेशन कर उसमें से 100 से अधिक पथरियां निकाल रोगी को स्वस्थ किया। इतनी अधिक पथरी होने के बावजूद समय रहते हाॅस्पिटल पहुंचने एवं सही इलाज होने से रोगी की जान बच गई।

 
दूरबीन द्वारा आॅपरेशन कर 100 से अधिक पथरियां निकाली

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डाॅ पंकज गुप्ता ने 46 वर्षीय रोगी की पित्त की नली का दूरबीन से आॅपरेशन कर उसमें से 100 से अधिक पथरियां निकाल रोगी को स्वस्थ किया। इतनी अधिक पथरी होने के बावजूद समय रहते हाॅस्पिटल पहुंचने एवं सही इलाज होने से रोगी की जान बच गई।

जिला उदयपुर निवासी, गौतम लाल, उम्र 46 वर्ष, पिछले दो महीने से पेट में दर्द, पीलिया एवं बुखार से पीड़ित था। गीतांजली हाॅस्पिटल के गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डाॅ पंकज गुप्ता से परामर्श एवं सोनोग्राफी व एंडोस्कोपी की जांच से पित्त की नली में 100 से अधिक पथरी होने का पता चला। इतनी पथरी होने से रोगी की पित्त की नली फूल कर लगभग 25 मिलीमीटर तक हो गई थी जो सामान्यतः 5 मिलीमीटर की होती है। इतनी फूल जाने पर यह नली लीवर को दबा रही थी जिससे रोगी को पीलिया एवं बुखार था।

सामान्यतः पित्त की थैली में पथरी हटाने के लिए ओपन सर्जरी की जाती है। इसके लिए पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। परंतु उपलब्ध नवीनतम तकनीक ईआरसीपी द्वारा इस रोगी का इलाज किया गया। वैकल्पिक रुप से, एक एंडोस्कोप (एक कैमरे से लैस संकीर्ण लचीली ट्यूब) को मुँह के माध्यम से छोटी आंत में डाला गया। और सारी पथरी जो पित्त की नली का रास्ता रोक रही थी को मल द्वार से बाहर निकाल लिया गया। इससे पित्त की नली का रास्ता खुल गया। और रोगी को तुंरत आराम मिल गया। रोगी अब स्वस्थ है। रोगी का इलाज राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निःशुल्क हुआ।

डाॅ पंकज गुप्ता ने बताया कि सभी पथरियां 5 से 10 मिलीमीटर के आकार की थी। यदि इसमें से कोई भी पथरी पित्त की नली का रास्ता रोक दे, तो पूरे शरीर में ज़हर फैल सकता है या पूरा शरीर संक्रमित हो सकता है जिससे मृत्यु की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है। आमतौर पर पित्त की थैली में एक या दो पथरी ही पायी जाती है। किन्तु यह एक असामान्य मामला था जो कुछ हजारों में से किसी एक में पाया गया। इतनी पथरी का एक साथ पाया जाना रिसर्च का विषय है।

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