फ्लैश बैक की तरह याद आये काॅलेज के वह दिन


फ्लैश बैक की तरह याद आये काॅलेज के वह दिन

सफेद हो चुके बाल और चेहरे पर अनुभव की झुर्रियों के साथ एक दूसरे को पहचानने में उन्हे समय जरूर लगा परन्तु पहचानते ही काॅलेज के दिन फ्लैश बैक की तरह उनकी जुबान पर आ गये और आँखें नम हो गयी। अरे यार तू तो बिलकुल नही बदला। तेरी शरारते तो अभी वैसी ही है। अरे यार तू तो गंजा हो गया। अवसर था प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय एवं सीटीएई एल्यूमिनी सोसायटी द्वारा आयोजित पूर्व छात्र समागम एवं अभिनन्दन का।

 

फ्लैश बैक की तरह याद आये काॅलेज के वह दिनसफेद हो चुके बाल और चेहरे पर अनुभव की झुर्रियों के साथ एक दूसरे को पहचानने में उन्हे समय जरूर लगा परन्तु पहचानते ही काॅलेज के दिन फ्लैश बैक की तरह उनकी जुबान पर आ गये और आँखें नम हो गयी। अरे यार तू तो बिलकुल नही बदला। तेरी शरारते तो अभी वैसी ही है। अरे यार तू तो गंजा हो गया। अवसर था प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय एवं सीटीएई एल्यूमिनी सोसायटी द्वारा आयोजित पूर्व छात्र समागम एवं अभिनन्दन का।

सी. टी. ए. ई. के 16 वें पूर्व छात्र समागम एवं अभिनन्दन समारोह में महाविद्यालय के पूर्व छात्रों कृषि अभियान्त्रिकी में स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले डा. दीपक शर्मा, (1982 बेच ) डा. अभय कुमार मेहता (1982 बेच) एवं इन्जीनियर हरीश मेेहता़ (1972 बेच) को अपने-अपने क्षेत्रो में उल्लेखनीय योगदान के लिये सेवा पदको से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही कृषि अभियान्त्रिकी के डॅा आर सी वर्मा (1982 बेच) को विशिष्ठ सेवा पदक तथा कृषि अभियान्त्रिकी के इन्जीनियर सुनील जैन (1992 बेच) को वरिष्ठ प्रोफेशनल अभियन्ता को सम्मान से नवाजा गया।

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पूर्व छात्रों ने अपने छात्र जीवन के महाविद्यालय के संस्मरणो को याद करते हुए कहा कि यहाँ शिक्षको के समर्पण एवं ज्ञान के कारण छात्र आज देश-विदेश में ऊँचाईयों की ओर अग्रसर है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. एम पी पुनिया, वाइस चेयरमेन, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए आई सी टी ई) नयी दिल्ली भारत सरकार ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा का व्यवसायीकरण रोकना तथा छात्रों को स्वतंत्रता देने की महत्ती आवश्यकता है। देश की तकनीकी शिक्षा के बारें में बताते हुए उन्होने कहा कि वर्तमान में 10500 संस्थाओ में 20 लाख विद्यार्थी ही अध्ययनरत है जबकि इन संस्थाओ की क्षमता 37 लाख है। दुर्भाग्यवश 20 लाख में से केवल 13 लाख विद्यार्थी ही अपनी शिक्षा पूर्ण कर पातेे है और उनमें से भी 6.50 लाख विद्यार्थियों को ही रोजगार प्राप्त हो पाता है।

इस अवसर पर कार्यक्रम में परम संरक्षक – एल्यूमिनी सोसायटी व महाविद्यालय के संस्थापक अधिष्ठाता, डाॅ. के एन नाग पूर्व कुलपति राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर ने अपने अघ्यक्षीय उदबोधन में कहा कि वर्तमान मे ग्रामीण विकास की अपूर्व सम्भावना को देखते हुए भविष्य मे अभियंताओ का काफी योगदान रहेगा। उन्होने कहा कि अभियंताओं का प्रदेश एवं राष्ट्र की विभिन्न समस्याओं को सुलझाने में व्यापक योगदान है। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि प्रोफेसर उमाशंकर जी शर्मा, माननीय कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से पूर्व छात्रों तथा संकाय सदस्यों में एक गठबंधन हो जाता है साथ ही सीटीएई की विशिष्ठता बताते हुए उन्होने याद दिलाया कि महाविद्यालय के पूर्व छात्र देश और विदेशों के विभिन्न क्षैत्रों में सर्वोच्च पदों पर आसीन है। महाविद्यालय के 1983 के पुर्व छात्र योगेन्द्र दक, आई एफ एस, शासन सचिव वन-विभाग राजस्थान सरकार ने अपने महाविद्यालय मे बिताये गये समय को याद करते हुए कहा कि इस महाविद्यालय से निकले छात्रो ने राज्य एवं देश मे उलेखनीय प्रगति की है तथा देश विदेश मे महाविद्यालय परचम लहराया है। आवश्यकता महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. अजय कुमार शर्मा ने महाविद्यालय की गत वर्षो की उल्लेखनीय प्रगति की जानकारी दी। वर्तमान कार्यकारिणी का तीन वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने के कारण नई कार्यकारिणी का भी निर्वाचन किया गया।

एल्यूमिनी सोसायटी के अध्यक्ष अरूण सुराणा एवं महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. अजय कुमार शर्मा़ ने अतिथियो का स्वागत किया। महाविद्यालय से 25 वर्ष पूर्व 1993 में कृषि अभियांत्रिकी में स्नातक की उपाधि ले चुके सिल्वर जुबली बैच एवं 2003 में स्नातक हुए कृषि, विद्युत, यांत्रिकी एवं खनन् अभियांत्रिकी के क्रिस्टल जुबली बैच के पूर्व छात्रों का अभिनन्दन किया गया। महाविद्यालय में अध्ययनरत् सभी कक्षाओ के टाॅपर 23 विद्यार्थीओ को दस हजार रूपये का पारितोषिक प्रदान किया गया। तृतीय एवं चतुुर्थ वर्ष कृषि अभियांत्रिकी के टाॅपर दो विद्यार्थियों को पारितोषिक एवं अभिनन्दन पत्र से नवाजा गया। इसके साथ ही टेबल टेनिस की बेहतरीन खिलाड़ी को भी पारितोषिक एवं अभिनन्दन पत्र से नवाजा गया। इस समारोह में एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। जिसमें तकनीकी पत्रों के अलावा महाविद्यालय के विभिन्न विभागों का विवरण भी दिया गया। कार्यक्रम का संचालन सुधीन्द्र शेखर व्यास ने किया एंव एल्यूमिनी सोसायटी के मानद् सचिव डाॅ. आर सी वर्मा ने धन्यवाद की रस्म मे जानकारी दी कि इस कार्यक्रम में लगभग 300 पूर्व छात्रों के सपरिवार सम्मिलित हुए।

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