त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कहानी महोत्सव ‘उदयपुर टेल्स’ शुरू

त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कहानी महोत्सव ‘उदयपुर टेल्स’ शुरू

तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कहानी महोत्सव उदयपुर टेल्स का 30 नवम्बर से शिल्पग्राम के समीप स्थित पार्क एक्सजोटिका में सुबह 10.30 बजे आगाज़ हुआ। आज का पहला दिन शहर के बच्चों के नाम रहा। जिन्हें देश-विदेश के ख्यातनाम कहानीकारों नें सच्ची कहानियां एवं लोककथाएं सुनायी तो वहां मौजूद शहर के हजारों बच्चों का बालमन द्रवित एंव रोमांचित हो उठा।

 

त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कहानी महोत्सव ‘उदयपुर टेल्स’ शुरू

तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कहानी महोत्सव उदयपुर टेल्स का 30 नवम्बर से शिल्पग्राम के समीप स्थित पार्क एक्सजोटिका में सुबह 10.30 बजे आगाज़ हुआ। आज का पहला दिन शहर के बच्चों के नाम रहा। जिन्हें देश-विदेश के ख्यातनाम कहानीकारों नें सच्ची कहानियां एवं लोककथाएं सुनायी तो वहां मौजूद शहर के हजारों बच्चों का बालमन द्रवित एंव रोमांचित हो उठा।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए उदयपुर टेल्स की सुश्री सुष्मिता सिंघा ने कहा कि इन्टरनेशनल स्टोरी फेस्टिवल आयोजित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य कि सच्ची एवं काल्पनिक कहानियों से दूर होते जा रहे बच्चों एवं आमजन को पुनः इस विधा से जोड़ना है क्योंकि कहानियों में परिवर्तन करने की ताकत होती है। इस अवसर पर उदयपुर टेल्स के संस्थापक सलिल भण्डारी ने कहा कि इस फेस्टिवल में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कहानीकारों को बुलाकर आमजन की उनकी विद्या से रूबरू कराना है।

दिन की शुरूआत सिंगापुर में जन्मी और वर्तमान में मेलबोर्न में रहने वाली श्रीमती देवी दुर्गाह ने बच्चों को अपने खास अंदाज में ’द स्पेरो हू कूड नाॅट एसएमजी’ कहानी सुनाई और बीच बीच में गाना भी गाया। इस अवसर पर देवी ने कुछ विशेष आवाजें निकाल कर बच्चों का भरपूर मनोरंजन किया। उन्होंने इस कहानी उस चिड़िया की कहानी सुना कर संदेश दिया कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इस कहानी से बच्चों के मन में नई आशा का संचार हुआ। उन्होंने यह संदेश देने का प्रयास किया कि जीवन में ईवर ने आपको हर सुख सुविधा से नवाजा है, इसलिये कभी हताश और निराश नहीं होना चाहिए। हर चीज का समय पर उपयोग और इस्तेमाल करना सीखें तो जीवन में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने अपने अनूठे अंदाज में कहानी को पेश किया तो बच्चों ने खूब ठहाके लगाकर हंसी ठिठोली की और खूब तालियां बजाई।

त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कहानी महोत्सव ‘उदयपुर टेल्स’ शुरू

इसके बाद इंदौर से आई भारती दीक्षित ने एक पिता का अपने बच्चे के प्रति समर्पण की कहानी सुना कर उपस्थित बच्चों को भी भावुक कर दिया। कथानक के अनुसार एक छोटे बच्चें के मां नहीं है लेकिन एक पिता अपनी दोहरी जिम्मेदारी निभाते हुए कैसे जीवन में संघर्ष करता है और बच्चें को पालने के साथ ही उसकी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देता है। कहानी में बताया गया कि पिता रिक्शा चला कर अपना जीवन यापन करता है और उन पैसों से बच्चें की पढ़ाई करवाता है। इस कहानी ने बच्चों के काफी अभिप्रेरित किया। दीक्षित ने बताया कि जीवन में चाहें कितनी ही परेशानी आ जाए संघर्ष करना पड़े लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारना चाहिए। अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। जो संघर्ष के दिनों में धैर्य रखते हैं उन्हें एक दिन सफलता अवश्य मिलती है।

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रूस से आयी तीन महिलाओं के दल ने बच्चों को प्रेरणास्पद कहानियां सुनाई। उन्होंने बच्चों से कहा कि पहले पंचतंत्र की कहानियां हुआ करती थी, बाद में लोगों की कहानी आई और उसमें जादुई कहानियां भी जुड़ी। हर कहानी में कोई न कोई संदेश छुपा होता है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य करो सच्ची लगन और निष्ठा के साथ करो। किसी भी चीज को ध्यान से सुनो इससे आपके ज्ञान की वृद्धि होगी। उन रशियन महिलाओं ने स्टेज पर खूब नाच गाना करके बच्चों का मन जीत लिया। उन महिलाओं ने कहानी के पात्र के अनुरूप बच्चों को विशेष पोशाके पहनाकर भी उनका ज्ञानवर्धन किया और उपस्थित बच्चों को जीवन में बड़ों का आदर एवं खूब पढ़ाई करने का संदेश दिया।

इसके बाद एक एक करके विभिन्न स्कूलों से आए बच्चों ने दो-दो मिनट की अपनी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया। शनिवार को बाॅलीवुड एक्ट्रेस भाग्यश्री बतौर अतिथि भाग लेगी। शाम को वे एक पुस्तक का लोकार्पण भी करेगी।

सुष्मिता सिंघा ने बताया कि दोपहर में त्रिशा काले, अखिल पगारे,समता ताम्बे ने स्वरचित कहानियां सुनायी तो युवा उसी में रच बस गये। अखिल पगारे ने सच्ची कहानी भूख सुनायी तो युवाओ का मन काफी द्रवित हो उठा। उन्होंने भूख कहानी के माध्यम जिदंगी की उस सच्चाई को जाना की भूख एक बालिका की जान तक ले सकती है। समता तांबे ने ’जोगवा-इ ड्रीम आॅफ ए यंग गर्ल’ में एक लड़की के उन सपनों का दिखाया जो उसे पूरा करने का भरसक प्रयत्न करती है। त्रिशा काले ने इस्मत बेगम की कहानी सुनायी।

त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कहानी महोत्सव ‘उदयपुर टेल्स’ शुरू

शाम को आयोजित कार्यक्रम में गौतम मुखर्जी ने रूस्तम सोहराब पर रचित कहानी, पत्रकार शांतनु गुहा रे ने द पोन्टी चड्ढा मर्डर केस पर तैयार की गई सच्ची कहानी ’पुल्ड द ट्रिगर’ सुना उस मामलें की वास्तविकता से रूबरू कराया। वैशाली बिष्ट ने एक अकेली औरत नामक कहानी सुनायी। इस अवसर पर अनुराग श्रीवास्तव ने संगीतमय कहानियों से नया परिचय कराया।

उदयपुर टेल्स बाजार में कैफे, कश्मीर, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बंगाल, दिल्ली, उत्तराखंड की स्टाॅलें लगेगी। आयोजन स्थल को फ्रेंच डिजाइनर डोमिनिक जीन द्वारा सौंदर्यपूर्वक डिजाइन किया गया है।

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