आज टेक्नोलाॅजी ने शिक्षा और ज्ञान को अलग-अलग कर दिया है-पवन कौशिक

आज टेक्नोलाॅजी ने शिक्षा और ज्ञान को अलग-अलग कर दिया है-पवन कौशिक

आज हम जितना समय मोबाइल और इलेक्ट्राॅनिक गेजेट्स पर बिताते है अगर उतना समय खाली बैठकर चिंतन करें तो ज्ञान प्राप्त होगा। यह सच है कि इंसान ने टेक्नोलाॅजी को बनाया है पर आज के समय में टेक्नोलाॅजी इंसान को बना रही है। ‘आज टेक्नोलाॅजी ने शिक्षा और ज्ञान को अलग-अलग कर दिया है ये विचार हिन्दुस्तान जिंक के वाईस प्र

 

आज टेक्नोलाॅजी ने शिक्षा और ज्ञान को अलग-अलग कर दिया है-पवन कौशिक

आज हम जितना समय मोबाइल और इलेक्ट्राॅनिक गेजेट्स पर बिताते है अगर उतना समय खाली बैठकर चिंतन करें तो ज्ञान प्राप्त होगा। यह सच है कि इंसान ने टेक्नोलाॅजी को बनाया है पर आज के समय में टेक्नोलाॅजी इंसान को बना रही है। ‘आज टेक्नोलाॅजी ने शिक्षा और ज्ञान को अलग-अलग कर दिया है ये विचार हिन्दुस्तान जिंक के वाईस प्रेसीडेन्ट एवं हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने सोमवार को विवेकानन्द लोक मंच द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि आज हम जितना समय मोबाइल और इलेक्ट्रोनिक गेजेट्स पर बिताते हैं अगर उतना समय खाली बैठकर चिंतन करें तो ज्ञान प्राप्त होगा। यह भी सच है कि इंसान ने टेक्नोलाॅजी को बनाया है पर आज के समय में टेक्नोलाॅजी इंसान को बना रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों एवं स्कूलों में दूरदर्शिता हो जिससे हर विद्यार्थी ब्राण्ड बन कर उभरे। उन्होंने कहा कि हर विषय को वर्टिकल बनाये एवं हर वर्ष उसका मूल्यांकन हो जिससे बच्चों का सर्वांगिण विकास हो।

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उन्होंने समारोह में कहा कि आज मैं जो कुछ भी हॅूं अपने शिक्षकों की बदौलत हॅूं, जिन्होंने अपने ज्ञान से मुझे इस पद पर पहुंचाया है। गुरू और ज्ञान दोनों ही शब्द समानान्तर है। पवन कौशिक ने समारोह में विशिष्ट अतिथ के रूप में गुरूक्षे़त्र एवं गुरूकुल के शिक्षकों, शिक्षा एवं शिष्यों के सम्बन्धों एवं जुड़ाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

आज टेक्नोलाॅजी ने शिक्षा और ज्ञान को अलग-अलग कर दिया है-पवन कौशिक

कौशिक ने बताया कि हर माता-पिता की बच्चों के प्रति कुछ अपेक्षाएं होती है जो स्कूल में दाखिले के साथ ही पूरी होने लगती है। जैसे-जैसे बच्चा स्कूल में षिक्षा प्राप्त कर रहा होता हैं वैसे-वैसे माता-पिता को उसके भविष्य की चिंता होने लगती है। स्कूल में माता-पिता, टीचर्स और स्टूटेन्डस को किसी भी बच्चों के भविष्य को बनाने में सांझा योगदान होता है। किसी एक भी कमी से बच्चे का भविष्य नहीं सुधर पाता।

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