उदयपुर इण्डस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेन्ट एण्ड रिसर्च सेन्टर द्वारा उदयपुर चेम्बर ऑफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुआ।
समापन सत्र में पूर्वाध्यक्ष कोमल कोठारी ने कहा कि इण्डस्ट्री की ग्रोथ से ही देश की आर्थिक प्रगति सम्भव है। औद्योगिक उत्पादन के साथ कुछ प्रदूषण होना लाजमी है किन्तु प्रदूषण नियंत्रण के उपाय अपनाकर इसे कम किया जा सकता है। यूआईडबल्यूएमआरसी ट्रस्ट के सदस्य सचिव सी.एस.आर. मेहता ने कहा कि मात्र हानिकारक अपशिष्ट नियमों की अनुपालना के उद्देश्य से ही नहीं अपितु अपने स्वयं के लिये तथा आगे आने वाली पीढी के लिये पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है। मेहता ने प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण पर भविष्य में और भी कार्यशालाओं का आयोजन किये जाने पर बल दिया।
प्रशिक्षण शिविर के दौरान केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, नई दिल्ली के पूर्व मेम्बर सेक्रेटरी जे.एस. कमयोत्रा ने सरकार द्वारा इण्डस्ट्री के लिये लागू विभिन्न पर्यावरण प्रबन्धन एवं प्रदूषण नियंत्रण से सम्बन्धित वैधानिक एवं तकनिकी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा इनकी सही अनुपालना के बारे में बताया। जे.एस. कमयोत्रा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन केे सम्बन्ध में अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण सरकार द्वारा औद्योगिक इकाईयों को प्रदूषण रहित उत्पादन करने के लिये पाबन्द करने हेतु सख्त कदम उठाये जा रहे हैं। सरकार द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की स्थापना भी इसी उद्देश्य से की गई है।
प्रश्नकाल के दौरान प्रतिभागियों की शंकाओं एवं जिज्ञासाओं का विषय विशेषज्ञ जे.एस. कमयोत्रा द्वारा द्वारा समाधान किया गया। प्रशिक्षण शिविर में राज्य के विभिन्न जिलों की औद्योगिक इकाईयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन पर समस्त प्रतिभागियों को एनवायरमेन्टल मैनेजमेन्ट प्रैक्टिस ट्रेनिंग सर्टीफिकेट प्रदान किये गये। कार्यशाला के अन्त में कार्यकारी अधिकारी डाॅ. साक्षी जैन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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