गिट्स में सरकारी अधिकारियों के लिए जल आपूर्ति, सिवरेज सिस्टम, भौगोलिक सूचना प्रणाली पर दो द्विवसीय कार्यश

गिट्स में सरकारी अधिकारियों के लिए जल आपूर्ति, सिवरेज सिस्टम, भौगोलिक सूचना प्रणाली पर दो द्विवसीय कार्यश

गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर व उदयपुर म्यूनिसिपल काॅपोरशन (UMC) यूआईटी, इनोवेशन हब फाॅर अरबन वाटर सेनीटेशन एण्ड हाइजनिक (इ.एच.यू.डब्ल्यू.ए.एस.एच.) के तत्वाधान में दो द्विवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उदयपुर नगर निगम, यू.आई.टी., पी.एच.ई.डी. एवं नगर नियोजन विभाग के तकनीकी अधिकारीयों का 20 व 21 दिसम्बर 2018 को प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्मार्ट सिटी मिशन, ए.एम.आर.यु.टी. और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) जैसे विभिन्न सरकारी परीयोजनाओ को लागू करने के लिए सरकारी अधिकारीयों का प्रशिक्षित करना है।

 

गिट्स में सरकारी अधिकारियों के लिए जल आपूर्ति, सिवरेज सिस्टम, भौगोलिक सूचना प्रणाली पर दो द्विवसीय कार्यश

गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर व उदयपुर म्यूनिसिपल काॅपोरशन (UMC) यूआईटी, इनोवेशन हब फाॅर अरबन वाटर सेनीटेशन एण्ड हाइजनिक (इ.एच.यू.डब्ल्यू.ए.एस.एच.) के तत्वाधान में दो द्विवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उदयपुर नगर निगम, यू.आई.टी., पी.एच.ई.डी. एवं नगर नियोजन विभाग के तकनीकी अधिकारीयों का 20 व 21 दिसम्बर 2018 को प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्मार्ट सिटी मिशन, ए.एम.आर.यु.टी. और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) जैसे विभिन्न सरकारी परीयोजनाओ को लागू करने के लिए सरकारी अधिकारीयों का प्रशिक्षित करना है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उदयपुर नगर निगम के कमिशनर सिद्धार्थ सिहाग (आई.ए.एस.) रहे। सिहाग ने अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान कहा कि भविष्य में जी.आई.एस. प्लेटफाॅर्म का उपयोग आमतौर पर शहरी स्थानीय निकायों द्वारा बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के लिए किया जाएगा। उन्होने जोर देकर कहा कि अधिकारियों, को बुनियादी ढांचे की बेहतर योजना और अग्रिम में डिजायनिंग के लिए ऐसे उपकरणों से परिचित होना चाहिए। उन्होने कहा कि SCADA और GIS का एकीकरण पानी और सीवरेज के बुनियादी ढांचे के मुद्दों को ठीक करने के लिए वास्तविक समस्या का समाधान प्रदान कर सकता है। क्योकि प्रशिक्षण में नगर पालिका, यू.आई.टी., पी.एच.ई.डी. एवं नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होनें उल्लेख किया कि इस प्रशिक्षण ने अन्तर-विभागीय समन्वय के लिए भी एक मंच प्रदान किया।

आनन्द रूद्र, वरीष्ठ वाॅश सलाहकार USAID जो IHUWASH परियोजना को वित्तीय सहयोग देने वाली कम्पनी के प्रतिनिधी मंण्डल का नेतृत्व कर रहे थे ने इस मोके पर कहा कि प्रतिभागीयों को जहां भी आवश्यक हो अपने प्रशिक्षण का उपयोग दैनिक जीवनशैली के कार्याे में करना चाहिए। प्रशिक्षण के दौरान प्रमुख रूप् से उदयपुर नगर निगम के अतिरीक्त मुख्य अभियन्ता अरुण व्यास, अपने अभियंताओं की टीम के साथ उपस्थित रहे।

संस्थान के निदेशक डाॅ. विकास मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के 70 साल बाद आज भी हमारे पास प्रयाप्त जल आपूर्ति प्रबंधन प्रणली व सिवरेज सिस्टम प्रबंधन तकनीकों का अभाव है। यदि हम विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते है तो हमें आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना आवश्यक है। जिसके द्वारा हम स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को शीघ्र अतिशीघ्र साकार कर सकते है। उन्होने यह भी कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग अभी भी जल आपूर्ति और सीवरेज सिस्टम प्रबंधन के लिए पूरी तरह नहीं किया जा रहा है। जल संसाधन को कुशलतापूर्वक प्रतिबंधित करने व संग्रहित करने के लिए एक वाॅटर सप्लाई मैनेजमेन्ट सिस्टम विकसीत किया गया जो कि कई मोनिटरींग होस्ट के माध्यम से डेटा कलेक्ट करेगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उदयपुर में पानी और सीवरेज प्रबंधन में सुधार करने के लिए सरकारी अधिकारीयों को उन्मुख, अध्ययन व नई तकनीकीयों के बारे में जानकरी देना था।

गिट्स द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में लगभग 25 इन्जिनियर्स एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लेकर अपने अपने बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किये। कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय मिशनों जैसे स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत मिशन व ए.एम.आर.यु.टी. को लागू करना व उदयपुर को एक सच्चा स्मार्ट सिटी बनाने के लिए बढावा देना था।

उदयपुर नगर निगम, यू.आई.टी. व पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट एवं नगर विकास नियोजन विभाग के इन्जिनियर्सएवं वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लेकर अपने अपने सुझाव प्रस्तुत किये। नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ़ अरबन अफेयर्स, नई दिल्ली उदयपुर म्यूनिसिपल काॅपोरशन व गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज के बिच त्रिपक्षीय समझोते के तहत गठित गिट्स में वाॅश लेब के तहत टेक्नोक्रैट और विशेषज्ञों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

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कार्यक्रम के संयोजक एवं वाॅश चेयर के प्रभारी डाॅ. मनीष वर्मा ने कार्यशाला के संबंध में अपने विचारो का उल्लेख करते हुए कहा कि कार्यशाला के पहले ही दिन सभी ने मिलकर उदयपुर के वाॅश सेक्टर के लिए चुनोतियों और समाधानों पर चर्चा करते हूए आगे की योजना के बारे में जानकारी दी। दुसरे दिन नवीन प्रौद्योगिकी का उपयोग व भौगोलिक मुल्याकंन और योजना के कार्यान्वय के लिए चर्चा का नेतृत्व किया।

प्रशिक्षण के अन्त में प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र दिये गये। डाॅ.पी.के. जैन. निदेशक गिटस एम.बी.ए., श्री बीएल जागिंड एवं पूरा गिट्स परिवार उपस्थित थे जो सभी के लिए एक सिखने का अनुभव था।

वाटर, सेनीटेशन एण्ड हाइजीन IHUWASH हब के बारे में

नेशनल इन्स्टिीट्यूट ऑफ़ अरबन अफेयर्स, NIUA, युनाइटेड स्टेट एजेन्सी फाॅर इन्टरनेशनल डव्ल्पमेन्ट USAID के पार्टनर हब फाॅर अर्बन वाॅश साॅल्यूशंस का कार्यान्वयन के भागीदार है। इन्क्यूबेशन, नवीन समाधानेां, प्रोद्योगिकीयों एवं सेवा वितरण माॅडल के माध्यम से शहरी वाॅश क्षेत्र के प्रर्दशन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सम्पूर्ण भारत के तीन तकनीकी शैक्षणिक संस्थान क्रमशः नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ़ इन्जीनियरींग (एनआईई, मैसूर), गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज उदयपुर व मानव रचना इन्टरनेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ़ रिसर्च एण्ड स्टडिज (एमआरआईआईआरएस, फरीदाबाद) में वाॅश लेब को स्थापित किया गया।

नेशनल इन्स्टिीट्यूट ऑफ़ अरबन अफेयर्स, ;NIUA भारत में शहरी क्षेत्र के लिए अनुसंधान, निर्माण एवं ज्ञान के प्रसार के लिए एक प्रमुख संस्थान हे। NIUA शहरीकरण, शहरी नीति और नियोजन, अर्थशास्त्र, शहरी आजिविका, पर्यावरण पर अनुसंधान करता है। यह संस्थान भारत सरकार के द्वारा संचालित एम.ओ.एच.यू.ए. तथा अन्य मत्रालयो के लिए निती निर्माण, कार्यक्रम मुल्याकंन का कार्य करता है।

युनाइटेड स्टेट एजेन्सी फाॅर इन्टरनेशनल डव्ल्पमेन्ट USAID अमेरीकी सरकार की प्रमुख अन्तर्राष्टीय विकास एजेन्सी है। USAID के कार्यो ने आत्मनिर्भरता और सुरक्षा के लिए रणनितियों के माध्यम से अमेरिकीय राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक समृध्दि को आगे बढाया।

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