चोरी हुई गाड़ी का इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए दो ओरिजिनल चाबियां होना ज़रूरी है
यदि आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है तो फिर आपको उसका इंश्योरेंस क्लेम हासिल करने के लिए गाड़ी की दो असली चाबियां बीमा कंपनी के समक्ष पेश करनी होंगी? यह अब सवाल नहीं है बल्कि हकीकत है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर कंपनियों ने अब ऐसा नियम ही बना दिया है कि गाड़ी चोरी होने की स्थिति में पॉलिसी धारक को गाड़ी की दो ओरिजिनल चाबियां पेश करनी होंगी। इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने इस संबंध में कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाया है और इसे कंपनियों पर ही छोड़ दिया है। कंपनियों का कहना है कि उन्हें फर्जी दावों से निपटने के लिए दो असली चाबियां पेश करने का नियम बनाया है।
यदि आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है तो फिर आपको उसका इंश्योरेंस क्लेम हासिल करने के लिए गाड़ी की दो असली चाबियां बीमा कंपनी के समक्ष पेश करनी होंगी? यह अब सवाल नहीं है बल्कि हकीकत है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर कंपनियों ने अब ऐसा नियम ही बना दिया है कि गाड़ी चोरी होने की स्थिति में पॉलिसी धारक को गाड़ी की दो ओरिजिनल चाबियां पेश करनी होंगी। इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने इस संबंध में कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाया है और इसे कंपनियों पर ही छोड़ दिया है। कंपनियों का कहना है कि उन्हें फर्जी दावों से निपटने के लिए दो असली चाबियां पेश करने का नियम बनाया है।
मुंबई के रहने वाले अजय (बदला हुआ नाम) ने जब एक सरकारी बीमा कंपनी से क्लेम के लिए संपर्क किया तो उनसे यही मांग की गई। उन्होंने फरवरी में अपने घर के बाहर से ही चोरी हुई अपनी मारुती कार के क्लेम हेतु संपर्क किया था। अजय ने कहा, ‘मैंने इंश्योरेंस के जिन दस्तावेजों पर साइन किए थे, उनमें यह नहीं देखा था कि क्लेम के दौरान दो ओरिजिनल चाबियां भी सौंपनी होंगी। एजेंट ने मुझे बताया कि यदि मैंने ऐसा नहीं किया तो फिर कंपनी क्लेम को रिजेक्ट भी कर सकती है। सौभाग्य से मेरे पास दोनों चाबियां मौके पर थीं।’
Download the UT App hereयहां तक कि परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि कई मामले ऐसे भी हो सकते हैं, जिसमें किसी व्यक्ति ने अपनी कोई एक चाबी खो दी हो और फिर उसकी डुप्लीकेट चाबी से काम चला रहे हों। एक अधिकारी ने कहा, ‘किसी के क्लेम पर विचार करते हुए इंश्योरेंस कंपनियों को ऐसी स्थितियों पर भी विचार करना चाहिए।’
यही नहीं इसके अलावा भी बीमा राशि क्लेम करने में कई तरह की जटलिताएं हैं, जिनसे गुजरे बिना क्लेम पास नहीं हो सकता। जैसे अजय के पास अपनी कार की आरसी थी, इसके बावजूद उन्हें अथॉरिटी लेटर हासिल करना पड़ा ताकि वह साबित कर सकें कि चोरी हुई कार के मालिक वह ही थे। इस पूरी प्रक्रिया को 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन अजय को अब भी बीमे की रकम का इंतजार है। उन्हें इंश्योरेंस कंपनी से लेकर रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस तक कई बार डॉक्युमेंट जमा कराने पड़े।
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