राजस्थान में चार शहरों में स्मार्ट सिटी बनने की दौड़ में है। जिसमें उदयपुर, जयपुर, कोटा, अजमेर शामिल है। लेकिन स्मार्ट शहरों की दौड़ में उदयपुर सबसे आगे है। इसके कारण भी है। यहां स्मार्ट सिटी से जुड़ा लगभग 80 प्रतिशत काम हो गया है। केवल 20 प्रतिशत बाकी है। इनमें पेयजल, सीवर, सड़क और बिजली लाइन जैसे काम है, जो अक्टूबर अंत तक पूरे हो जाएंगे। वहीं बात करे जयपुर की तो वहां अभी तक 10% काम ही हुआ है। कोटा में 30% और अजमेर में 40% काम ही पूरे किए गए है। उदयपुर को जनवरी 2016 में स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया गया था। इस काम की शुरुआत 25 जून 2016 की गई थी।
स्मार्ट सिटी के तहत सबसे बड़ा काम 537 करोड़ का एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) पैकेज के तहत वॉलसिटी के 18 वार्डो में चल रहा है। 46 बड़े काम पूरे हो चुके है। और 44 प्रगति पर है, जो मई-21 तक पूरे हो जाएंगे। और 6 की डीपीआर प्रक्रिया में है। वहीं 12 बड़े काम चल रहे है जिसमें 4 काम मार्च तक और 8 अक्टूबर 2021 तक पूरे हो जाएंगे। सीवरेज की कुल 83 किमी लाइन में से 60 किमी डल चुकी है। पेयजल में 78.6 किमी में से 59 किमी लाइन डाल चुके है। डक्ट 150 किमी में से 59 किमी बन चुकी है। इससे रोड कटिंग के लिए बार-बार सड़के नहीं खोदनी पड़ेगी।
बरसाती नाली के पानी की निकासी के लिए 136 किमी लंबी नाली में से 70 किमी लंबी नाली बन चुकी है। सड़क 91 किमी बननी है,60 किमी बन चुकी है। मुख्य सड़के 10.8 किमी बननी है। 5 किमी बन चुकी है। बिजली 66 मी. लंबी हाइटेंशन लाइन में से 30 मी., 6 लाख 90 हजार मी. लो टेंशन लाइन में से 5.50 लाख मी. डल चुकी है। 2075 फीडर पिलर में से 1000 बन चुके है। ट्रांसफॉर्मर 87 में से 50 लग चुके है। 119 बड़े ट्रांसफॉर्मर में से 75 लग चुके है।
वाटर ट्रीटमेंट वॉलसिटी में 24 घंटे पानी सप्लाई के लिए माछला मगरा पर 23.47 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट मार्च तक पूरा होगा। पहले चरण में खांजीपीर, शिव कॉलोनी, शिवाजी नगर व सर्वऋतु विलास में सप्लाई। हेरिटेज संरक्षण व बलीचा में कचरा निस्तारण के काम। बलीचा-हिरणमगरी में स्मार्ट रोड का काम अंतिम चरण में है।
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