उदयपुर के युवा चित्रकार चेतन औदिच्य को कलाचर्चा सृजन सम्मान 2019

उदयपुर के युवा चित्रकार चेतन औदिच्य को कलाचर्चा सृजन सम्मान 2019

उदयपुर, 14 मई 2019 ललित कला अकादमी जयपुर की कला दीर्घा में चल रही कला चर्चा समूह की पेंटिंग प्रदर्शनी - इन्फ्युजन सीजन फोर में उदयपुर के युवा चित्रकार चेतन औदिच्य की कृति “महायोगी कृष्ण“ को “कलाचर्चा सृजन सम्मान-2019“ से पुरस्कृत किया गया है।

 

उदयपुर के युवा चित्रकार चेतन औदिच्य को कलाचर्चा सृजन सम्मान 2019

उदयपुर, 14 मई 2019 ललित कला अकादमी जयपुर की कला दीर्घा में चल रही कला चर्चा समूह की पेंटिंग प्रदर्शनी – इन्फ्युजन सीजन फोर में उदयपुर के युवा चित्रकार चेतन औदिच्य की कृति “महायोगी कृष्ण“ को “कलाचर्चा सृजन सम्मान-2019“ से पुरस्कृत किया गया है। वरिष्ठ मूर्तिशिल्पी पद्मश्री अर्जुन प्रजापत, वरिष्ठ कला समीक्षक डॉ. राजेश कुमार व्यास, अकादमी के सचिव डॉ.सुरेंद्र कुमार सोनी, लेखक और प्रशासक डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, फ्रेस्को शैली के प्रसिद्ध कलाकार अजीत वर्मा तथा डॉ. सुधीर ने ललित कला अकादमी के सभागार में आयोजित समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया।

इस अवसर पर देश के जाने-माने कलाकार, लेखक तथा संस्कृतिकर्मियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन कुशाग्र जैन ने किया। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों से आए 22 कलाकारों की 100 से अधिक कृतियों में से चेतन औदिच्य की कृति को सर्वाधिक अंकों के आधार पर पुरस्कार के लिए चुना गया । पुरस्कारों के लिए बनाई जूरी में कला – इतिहास लेखिका डॉ रीता प्रताप, वरिष्ठ कलाकार अजीत वर्मा तथा प्रोफेसर हेमलता कुमावत शामिल थी।

उदयपुर के युवा चित्रकार चेतन औदिच्य को कलाचर्चा सृजन सम्मान 2019

इस अवसर पर पद्मश्री अर्जुन प्रताप प्रजापत ने कृति की विशेषताओं को इंगित करते हुए कलाकार की सराहना की। कला समीक्षक डॉ. राजेश व्यास में पेंटिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यह चित्र संभावनाओं का उजास है जो अपनी संस्कृति से प्रेरणा लेकर शाश्वत सत्य का उद्घाटन करता है। वरिष्ठ संस्कृति कर्मी प्रमोद शर्मा ने बताया कि योगारूढ़ कृष्ण का स्वरुप हमें हमारे निज से जोड़ता है, इस दृष्टि से यह कृति सफल रही है।

Download the UT Android App for more news and updates from Udaipur

पेंटिंग का निर्माण भगवत गीता के छठे अध्याय के 19 वें श्लोक को आधार मानकर किया गया है, जिसमें बरते गए लाल, पीले और आभामयी रंग समष्टिगत विश्व चेतना को व्यक्त करते हैं, जो पूरे जगत को एक सूत्र में पिरोने के भाव लिए हुए हैं। कृष्ण का उत्तंग की और बढ़ता हुआ योगारोढ़ स्वरूप प्रत्येक व्यक्ति की आंतरिक उर्जा का प्रतीक है। दीर्घ आकार में बनाई गई हस्त-मुद्रा की कनिष्ठा अंगुली पर बैठा पक्षी उपनिषद में वर्णित साक्षी-आत्म को अभिव्यक्त करता है जो हमें चराचर में व्याप्त समत्व भावों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। संपूर्ण कृति का संयोजन इस प्रकार से किया गया है कि वह दर्शक को विश्व के शुभ की ओर जाने को प्रेरित करती है।

उदयपुर के युवा चित्रकार चेतन औदिच्य को कलाचर्चा सृजन सम्मान 2019

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal