राजस्थान से शुरू हुआ वेदांता के नंदघर का सफर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणासी तक पहुंचा

राजस्थान से शुरू हुआ वेदांता के नंदघर का सफर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणासी तक पहुंचा

वाराणासी में वेदांता के 1500वें नंदघर का शुभारंभ 
 
 
राजस्थान से शुरू हुआ वेदांता के नंदघर का सफर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणासी तक पहुंचा
वेदांता की फ्लैगशिप सीएसआर परियोजना से ग्रामीण भारत के 40 लाख़ समुदाय को लाभान्वित करने का लक्ष्य
 

उदयपुर। राजस्थान से शुरू हुआ वेदांता का मॉडल आंगनवाड़ी नंदघर अभियान अब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणासी तक पहुंच गया है। वाराणासी में काशी विद्यापीठ ब्लाॅक का सुरही गांव वेदांता के 1500वें नंदघर के शुभारंभ का गवाह बना। केंद्रीय महिला और बाल विकास एवं कपड़ा मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने वर्चुअली वाराणसी में नए केंद्र का शुभारंभ किया। 

इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर और ओडिशा के लांजीगढ़ जिले के आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और नंद घर लाभार्थियों से बातचीत की। यह नंदघर वेदांता समूह की ग्रामीण विकास एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत् मील का पत्थर है।

इस अवसर पर श्रीमती ईरानी ने कहा कि नंदघर अभियान सीएसआर के तहत् किए गए बेहतरीन उदाहरणों में से एक है जो कि वेदांता के लिए मील का पत्थर है जिसने आंगनवाडी के स्वरूप को माॅडल के रूप में राज्यों में नंदघर में बदलकर ग्रामीण महिलाओं और बच्चों में बदलाव को सुनिश्चित किया है। 2015 में राजस्थान से नंद घर की शुरूआत  13.7 लाख आंगनवाड़ियों 8.5 करोड़ बच्चों और में 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलने की दृष्टि से शुरू हुई थी। 

नंदघर वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि  “मुझे यह देखकर प्रसन्नता है  कि वेदांता की प्रमुख परियोजना, नंद घर, देश भर में ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के जीवन में बदलाव लाने में सफल हुई है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बच्चों में कुपोषण को दूर करने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ”

सात राज्यों में चल रही है नंदघर परियोजना

नंद घर परियोजना अब 7 राज्यों - राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में संचालित की जा रही है। इस परियोजना का लक्ष्य 4 करोड़ समुदाय के सदस्यों के जीवन को लाभान्वित करना है। साथ ही लगभग 2 लाख बच्चों और 1.8 लाख महिलाओं को वार्षिक आधार पर लाभ पहुंचाना है।

नंदघरों की खासियत : 24 घंटे बिजली, वाटर प्यूरीफायर, टीवी व पौष्टिक भोजन

नंद घर में 24 घंटे बिजली सुनिश्चित करने के लिए सौर पैनल, वाटर प्यूरीफायर, स्वच्छ शौचालय और स्मार्ट टेलीविजन सेट हैं, जो कि स्थानीय समुदायों के लिए एक मॉडल संसाधन केंद्र बन गए हैं। इन नंदघरों में 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान की जाती है। बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पौष्टिक भोजन और टेक-होम राशन प्रदान किया जा रहा है। 

नंद घर समुदाय की महिलाओं के लिए कौशल विकास  केंद्र के रूप में उपयोग कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनमें व्यापार कौशल विकसित करने हेतु प्रशिक्षित किया जाता है। मोबाइल स्वास्थ्य वैन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। 

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