नैनो यूरिया: अब बैग नहीं 500ml की बोतल में मिलेगा यूरिया, बढेगा उत्पादन व् गुन्न्वत्ता

नैनो यूरिया: अब बैग नहीं 500ml की बोतल में मिलेगा यूरिया, बढेगा उत्पादन व् गुन्न्वत्ता

इफको ने उपलब्ध कराया विश्व का सबसे पहला नैनो यूरिया, जून में शुरू होगा उत्पादन, जल्द बाजारों में होगी उपलब्ध, पौधों के पोषण के टिकाऊ समाधान

 
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उदयपुर ०1 जून  इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने दुिनया का पहले नैनो यूरिया तरल लांच किया है। 500ml की एक बोतल एक बैग यूिरया के बराबर काम करेगी। उदयपुर समेत राजस्थान के अन्य शहरों में भी यह उपलब्ध होगा।

इफको की ऑनलाइन.ऑफलाइन मोड में हुई 50वीं वार्षिक आम बैठक में प्रतिनिधि महासभा के सदस्यों की उपस्थिति में पूरी दुनिया के किसानों के लिए विश्व का पहला नैनो यूरिया तरल को लांच किया गया है। मिट्टी में यूरिया के प्रयोग में कमी लाने की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील से प्रेरित होकर इसे तैयार किया गया है।‌

इफको के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने सच्चे और समर्पित अनुसंधान के बाद नैनो यूरिया तरल को स्वदेशी और प्रोपाइटरी तकनीक के माध्यम से कलोल स्थित नैनो जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र में तैयार किया है । यह नवीन उत्पाद आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में एक सार्थक कदम है । इफको नैनो यूरिया तरल को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है। इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है । नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा । इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी।‌ नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी। इफको नैनो यूरिया तरल को सामान्य यूरिया के प्रयोग में कम से कम 50 प्रतिशत कमी लाने के प्रयोजन से तैयार किया गया है। इसके 500 मिली की एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करेगा । इफको नैनो यूरिया का उत्पादन जून 2021 तक आरंभ होगा और शीघ्र ही इसका व्यावसायिक विपणन भी शुरू हो जाएगा।

मिट्टी में यूिरया के अिधक प्रयोग में कमी आएगी, प्रदूषण घटेगा

किसानों द्वारा नैनो यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे और मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी। यूरिया के अधिक प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित होता है, मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, पौधों में बीमारी और कीट का खतरा अधिक बढ़ जाता है, अब  नैनो यूरिया तरल फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है तथा फसलों को गिरने से बचाता है।

राष्ट्रीय कृषि संस्थानों, यूनवर्सिटीज व कृषि िवज्ञान केंद्रों में हुआ परीक्षण

राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली, एनएआरएस, के तहत 20 आईसीएआर संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों में 43 फसलों पर किये गये बहु.स्थानीय और बहु.फसली परीक्षणों के आधार पर इफको नैनो यूरिया तरल को उर्वरक नियंत्रण आदेश, एफसीओए 1985 में शामिल कर लिया गया है। इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए पूरे भारत में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11000 कृषि क्षेत्र परीक्षण; एफएफटी, किये गये थे। हाल ही में पूरे देश में 94 फसलों पर हुए परीक्षणों में फसलों की उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

एक बोतल की कीमत 240 रुपए तय, सहकारी बिक्री केंद्रों पर भी मिलेगी

इफको ने किसानों के लिए 500 मिली नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240 रुपए निर्धारित की है जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है । समिति ने इस उत्पाद के बारे में किसानों को पूरी जानकारी देने के लिए एक व्यापक देशव्यापी प्रशिक्षण अभियान चलाने की योजना बनायी है । ये उत्पाद इफको के ई.कॉमर्स प्लेटफार्म www.iffcobazar.in. के अतिरिक्त मुख्य रूप से सहकारी बिक्री केन्द्रों और अन्य विपणन माध्यमों से किसानों को उपलब्ध कराये जाएंगे ।

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