राजसमंद में 20 अगस्त को अवकाश घोषित - राजसमंद से 17 अगस्त की मुख्य प्रशासनिक खबरें


राजसमंद में 20 अगस्त को अवकाश घोषित - राजसमंद से 17 अगस्त की मुख्य प्रशासनिक खबरें

 
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भ्रूण हत्या निरोध कानून पर व्याख्यान

17 Aug से एच.आर.डी.पी कैंप का आयोजन

 जिला निर्वाचन अधिकारी नीलाभ सक्सेना ने मतदान दिवस 20 अगस्त को किया सार्वजनिक अवकाश घोषित

पंचायती राज संस्थाओं के उपचुनाव ग्राम पंचायत ओड़ा, सेमा, कूकर खेड़ा, मानावतों का गुड़ा में 20 अगस्त रविवार को होंगे। श्रम विभाग राजस्थान के आदेशानुसार निर्वाचन क्षेत्रों ओड़ा, सेमा, कूकर खेड़ा, मानावतों का गुड़ा में स्थित औद्योगिक एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत कामगारों, आकस्मिक कामगारों को भी मतदान दिवस को सवैतनिक अवकाश देय होगा। इसके अतिरिक्त जिस मतदान केंद्र पर चुनाव हो रहे हैं उस विद्यालय में भी अवकाश रहेगा।

मौके पर समाधान पाकर मिली राहत

जिला कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवम सतर्कता समिति की बैठक का आयोजन अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर की अध्यक्षता में हुआ। इसके उपरांत जिला स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया।

जिसमें सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद रहे।अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर ने जनसुनवाई में आए हुए परिवादियों की पीड़ा को सुना और उनका मौके पर ही समाधान किया गया। समाधान पाकर परिवादियों को  राहत मिली और उन्होंने जिला प्रशासन का धन्यवाद किया।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग शिकायत निवारण शिविर

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, (एनसीपीसीआर) नई दिल्ली की ओर से राजसमन्द जिले के ब्लॉक भीम को एस्पिरेशन (आकांक्षी) ब्लॉक के रूप में चुना गया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली दिनांक 25.08.2023 को सुबह 10 बजे शिविर स्थल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भीम में बच्चों से संबंधित शिकायत निवारण शिविर/पीठ (जनसुनवाई) शिकायत निवारण शिविर का आयोजन करेगा। जिसमें सभी विभागों के जिला अधिकारियों को शिविर पर उपस्थित होकर बच्चों से संबंधित मुद्दों जैसे बाल विवाह, छात्रवृति, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, बैंक खाते, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मुख्यमंत्री कोरोना सहायता, चिरंजीवी योजना, इत्यादि सभी मुद्दों की शिकायतें प्राप्त की जाकर शिकायतों का निवारण किया जावेगा।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, (एनसीपीसीआर) नई दिल्ली के शिविर/पीठ  के समक्ष कोई भी व्यक्ति जिसमें बच्चें, माता-पिता, संरक्षक, देखभालकर्ता, या बाल अधिकारों के लिए काम करने वाला कोई अन्य शामिल है, बालक-बालिकाओं से संबंधित (0-18 आयु वर्ग) परिवेदन/शिकायत प्रस्तुत कर सकता है। पंजीकरण शिविर स्थल पर सुबह 9 बजे से होगा। यह जानकारी शिविर/पीठ की सहायक नोडल अधिकारी, वीना महेरचन्दानी द्वारा दी गई है।

भ्रूण हत्या निरोध कानून पर व्याख्यान

सेठ रंगलाल कोठारी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजसमन्द में राज्य महिला अध्ययन प्रकोष्ठ के अंतर्गत पीसीपीएनडीटी एक्ट ; भु्रण हत्या निरोध कानून की जानकारी देने के लिए चिकित्सा विभाग के को ऑर्डिनेटर आनंद राज ने विद्यार्थियों के बीच उपयोगी व्याख्यान दिया। महाविद्यालय प्राचार्य निर्मला मीणा ने बताया की राज्य सरकार के द्वारा महाविद्यालय में प्रत्येक माह राज्य महिला अध्ययन प्रकोष्ठ के अंतर्गत समाज के प्रत्येक पहलू से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने हेतु कार्यक्रम होंगे। उसी क्रम में आज पीसीपीएनडीटी एक्ट की जानकारी छात्र-छात्राओं  आनंद राज ने कन्या भु्रण हत्या इसके कारण इससे फैली कुरीतियां, परिस्थितियां और पनप रहे माफियाओं की जानकारी दी।

यह एक्ट समय-समय पर समाज में कन्याओं के भु्रण परीक्षण तथा भु्रण हत्या के लिए कानून बना है। उन्होंने कहा कि 1994 में कन्याओं की कमी के कारण भु्रण परीक्षण कानून को बनाया। किंतु इस कानून के कारण बाद में कन्या भु्रण हत्या होने लगी और इसी कानून निषिद्ध किया गया। उन्होंने बताया की कन्या भु्रण हत्या के कई प्रमुख कारण रहे जैसे हमारे समाज में महिलाओं को लेकर रहे असुरक्षा के भाव दूसरा पुरुष प्रधान समाज का जो वैचारिक रूप से तंत्र ही बन गया है इसका कारण शायद हमारी धार्मिक आस्था जो वास्तविक रूप में थी नहीं किंतु परिस्थिति के रूप में बनाई गई कि मुखाग्नि नहीं मिलेगी या वंश नहीं चलेगा या कुछ भी ऐसी धारणा के कारण भी यह विकृति पनपने लगी। इसका एक प्रमुख कारण  शिक्षा के अभाव अंधविश्वास झाड़-फूंक होने लगी या अन्य कुछ।

यह प्रकृति के विरुद्ध अपराध है कानूनन इस अपराध को करने पर एक या दो लाख  तक का जुर्माना या 5 वर्ष की सजा भी होती है। आज हमारे समाज पर इस विकृति ने बहुत अंदर तकविसंगति पैदा कर दी है। कन्या भ्रूण हत्या के माध्यम से लड़कियों की कमी होने लगी। महिला के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड रह आ है। माफिया का जन्म होने लगा। यह यह कानूनी के साथ प्रकृति के विरुद्ध अपराध है। डॉ.सुमन बडौला, डॉ.विभा शर्मा, डॉ. विजेंद्र शर्मा, खुशबू, नेहा के साथ महाविद्यालय के छात्र.छात्राओं ने इस उपयोगी जानकारी को पूरी गंभीरता से सुना। कार्यक्रम का संचालन महिला नीति की संयोजक डॉ. उषा शर्मा ने किया।

राज्य योजनान्तर्ग जैविक खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों को पुरस्कार

राजस्थान सरकार द्वारा राज्य योजनान्तर्गत जैविक खेती को बढावा देने के लिये राज्य स्तर पर जैविक खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों को प्रत्येक वर्ष पुरस्कार देने के लिये वर्ष 2023-24 में राजसमन्द जिले से कृषकों का चयन कृषि विभाग राजस्थान सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाना है। जिसके तहत पूर्व में पुरस्कृत हो चुके कृषक इस योजना के तहत मान्य नहीं होगें। कृषक विगत 5 वर्षों से कृषि/उद्यानिकी फसलों के जैविक खेती का कार्य कर रहा हो तथा कम से कम 2 वर्षों से लगतार जैविक उत्पादन प्रमाणिकरण कराया जा रहा हो को प्राथमिकता से चयन प्रक्रिया में वरियता दिया जावेगा।

इस कार्य हेतु जिले के नोडल अधिकारी को प्राप्त आवेदन की संयुक्त निदेशक कृषि (वि0) जिला परिषद द्वारा कमेटी गठित कर प्रारंभिक जांच कर अंतिम रुप से पुरस्कार हेतु चयन हेतु उपर्युक्त पाये जाने वाले कृषक का चयन जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी जिसमें सदस्य खण्डीय अतिरिक्त निदेशक कृषि (वि0), संयुक्त निदेशक कृषि (वि0) जिला परिषद, के.वी.के. के वैज्ञानिक, उद्यान विभाग के उप निदेशक एवं ग्राह्य परीक्षण केन्द्र के उप निदेशक द्वारा किया जावेगा। जिले के संयुक्त निदेशक कृषि (वि0) जिला परिषद इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के नोडल अधिकारी होंगेें। पूरी चयन प्रक्रिया बेहद पारदर्शी तरिके से गठित समिति द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच व उल्लेखित कार्यों की मौके पर सत्यापन पश्चात् अभिशंषा हेतु प्रस्तुत किया जाना हैं।

इस तरह जिला स्तर पर चयनित कृषक के नाम के साथ उनका कार्य विवरण, सम्पादित उल्लेखनीय गतिविधियों के फोटोग्राफ/सी.डी. एवं चयनित किये जाने के लिपीबद्व कारणों की प्रति राज्य स्तर पर गठित समिति को राज्य स्तर पर तीन पुरस्कारों हेतु भिजवाया जावेगा। जिसमें प्रति कृषक एक लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरुप दिये जायेगें।

पुरस्कार हेतु कृषकों का चयन निम्न बिन्दुओं पर आधारित होगाः

1. कृषक जैविक खेती आधारित गतिविधियों केा अपनाकर गुणवत्ता युक्त उत्पादन ले रहे हों;  

2. कृषक जैविक खेती आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण एवं संवर्धन का कार्य कर रहे हों;

3. कृषक जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक आदि का स्वयं निर्माण एवं उपयोग कर रहे हों;

4. कृषक के खेत में वर्मी कम्पोस्ट इकाई/कम्पोस्ट पिट आदि बना हों;

5. कृषक फसल चक्र अपनाता एवं हरी खाद का उपयोग करता हो;

6. कृषक जैविक खेती संबंधित नवाचार प्रयोग करता हो;

7. कृषक किसाी राजकीय/निजी जैविक प्रमाणिकरण संस्था से पंजीकृत हो;

अतः जिले के सभी जैविक खेती अपनाने वाले कृषकों से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में उक्त पुरस्कार हेतु आवेदन पत्र जिले के कृषि विभाग को निर्धारित प्रपत्र (जो कि कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते हैं) में 15 नवम्बर 2023 तक पूर्ण कर भिजवायें।

17 Aug से एच.आर.डी.पी कैंप का आयोजन

एच जी केयर अडॉप्शन ऑफ विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत एच जी फाउंडेशन एवं कार्यान्वयन सहयोगी संस्थान मोइनी फाउंडेशन द्वारा घोड़च ग्राम पंचायत के राया गांव के रहवासियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे चिरंजीवी, वृद्धा पेंशन, आयुष्मान भारत, मृदा स्वास्थ्य कार्ड व किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ने के लिए आज से छः दिवसीय एच आर डी पी कैंप का आयोजन सरपंच देवी लाल खटीक के मार्गदर्शन में मटाटा गांव के आंगनवाड़ी में किया जायेगा। यह कैंप 18 से 23 अगस्त तक चलाया जाएगा।

सेवानिवृत्त व्याख्याता, सीए, एम.बीए. व विधि विद्यार्थी होंगे पीएलवी

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद में नवीन पैनलित पैरा लीगल वॉलेन्टियर्स को दिनांक 16.08.2023 को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

दिनांक 16.08.2023 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजसमंद के सभागार में नवीन पैनलित पीएलवी का प्रशिक्षण शिविर श्री आलोक सुरोलिया, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमंद की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचासीन अतिथियों द्वारा मां सरस्वती को दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। इसके पश्चात् नाल्सा थीम साँग ‘‘एक मुट्ठी आसमां‘‘ का प्रसारण किया गया।

शिविर में श्री आलोक सुरोलिया, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमन्द ने पैरा लीगल वॉलेन्टियर्स ड्रेस कोड, व्यवहार के मापदंड, पीएलवी की भूमिका स्थाई लोक अदालत में आने वाली जनोपयोगी सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने पैनल में सेवानिवृत्त व्याख्याता, सीए, एम.बीए. तथा विधि विद्यार्थियों के होने पर उन्हें बधाई दी और बताया कि उच्च शिक्षित व अनुभवी पैरालीगल वॉलंटियर्स द्वारा कार्य करने से निश्चित रूप से आमजन तक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली के बारे में जागरूकता तथा पीएलवी की मैन थीम के अनुसार कार्य हो पाएगा।

मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमन्द ने उपस्थित पैरा लीगल वॉलेन्टियर्स को भारतीय संविधान की संरचना, विधिक सेवा प्राधिकरणों के संगठन, ष्कव - कवदश्जष् करने एवं नहीं करने योग्य बातें, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली, रिसोर्स पर्सन तथा पीएलवी के कर्तव्य एवं कार्यक्षेत्र के बारे में बताते हुए मध्यस्थता कार्यक्रम, राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2011, राष्ट्रीय लोक अदालत, निःशुल्क विधिक सहायता आदि के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।
श्री नारायण लाल तेली, चीफ एल.ए.डी.सी.एस द्वारा राल्सा एवं नाल्सा की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई तथा श्रीमती ऋतु शर्मा, असिस्टेंट एल.ए.डी.सी.एस द्वारा संविधान में नागरिकों को प्रदान किये गये मूल अधिकार और उनके ऊपर अधिरोपित कर्तव्यों के बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्त में पैरा लीगल वॉलेन्टियर्स से परिचर्चा की गई एवं उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।

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