उदयपुर शहरी क्षेत्र मे बालश्रम रेस्क्यू की बडी कार्यवाही, 30 बच्चों को करवाया मुक्त

उदयपुर शहरी क्षेत्र मे बालश्रम रेस्क्यू की बडी कार्यवाही, 30 बच्चों को करवाया मुक्त

नियोक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही एवं बाल श्रमिको का बेहतर पूर्नवास प्रथम प्राथमिकता - डॉ पण्डया

 
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उदयपुर को बनाएगे बाल श्रम मुक्त जिला - डॉ. पण्डया

उदयपुर। बालश्रम मुक्त समाज के लिये नियोक्ताओं के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम अन्तर्गत सख्त कार्यवाही एवं बाल श्रमिकों का बेहतर पूर्नवास प्रथम प्राथमिकता में होना चाहिए। उदयपुर जिले में अब समय-समय पर इस प्रकार के रेस्क्यू को अंजाम देकर हम उदयपुर को सभी के सामूहिक प्रयास में बालश्रम मुक्त जिला बनाएगे। कल रेेस्क्यू करवाए गये बच्चों के तुरन्त मौके पर एफआईआर के साथ बच्चों को शेल्टर करवाए गया है। उक्त विचार राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राजस्थान सरकार के सदस्य एवं बालश्रम प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ शैलेन्द्र पण्डया ने उदयपुर के शहरी क्षेत्र में दिन भर चले संघन रेस्क्यू ऑपरेशन के पश्चात् मानव तस्करी विरोधी यूनिट कार्यालय में व्यक्त किए। 

डॉ. पण्डया ने बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिलड्रन फाउण्डेशन, चाइल्ड लाइन एवं स्थानिय स्ंवय सेवी संस्थाओं द्वारा उन्हें बाल श्रमिकों को चिन्हित कर रिर्पोट प्रस्तुत की गयी थी। जिसके तुरन्त एक्शन में आज उनके द्वारा उदयपुर आकर पुलिस प्रशासन के साथ बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया गया। 

इस अवसर पर बाल कल्याण समिति उदयपुर के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कवीया एवं सदस्य सुरेश शर्मा द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि रेस्क्यु करवाए गये सभी 30 बच्चों में 28 बालको को तितरडी स्थित श्री आसरा विकास संस्थान एवं दो बालिकाओं को बालिका गृह में शेल्टर करवाया गया दिनभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन अर्न्तगत सुखेर पुलिस थाना, सुरजपोल पुलिस थाना, भूपालपुरा, प्रतापनगर एवं सविना पुलिस थाना अन्तर्गत कार्यवाही की गयी। जिस दोरान सम्बन्धित पुलिस थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी एवं मानव तस्करी विरोधी यूनिट की टीम सहित स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि साथ रहे। 

कैलाश सत्यार्थी चिर्ल्डन फाउण्डेशन नई दिल्ली दवारा संचालित ऐक्सस टू जस्टिस कार्यक्रम के उदयपुर जिला संमन्वयक ललित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कल उदयपुर के विभिन्न हॉस्टल, रेस्टोरेन्ट, ईट भट्टे एवं दुकानों से पूर्व में चिन्हित बाल श्रमिकों को रेस्क्यू करवाये, साथ एफआईआर दर्ज करवायी गयी जिसके तहत किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 एवं 89 के साथ अन्य राज्यों से मिले बच्चों के गंभीर मामले में भा.द.स. 370 में मामले दर्ज हुए। 

श्री आसरा विकास संस्थान के निदेशक भोजराज सिंह पदमपुरा ने जानकारी देते हुए बताया कि रेस्क्यू करवाए गए बच्चों में अधिकतम संभाग के विभिन्न जिलों से जनजाति परिवार के थे साथ ही पांच बच्चें उत्तर प्रदेश एवं दो बच्चें बिहार के मिले। 

चाइल्ड लाईन समन्वयक नविनित औदिच्य ने आज के रेस्क्यू की सहारना करते हुए प्रोपर प्लानिंग के माध्यम से बाल मित्र व्यवस्था एंव बच्चों को सहज वातावरण देते हुए शेल्टर करवाने की बात कही।  

कल दिन भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में आयोग सदस्य के साथ श्रम विभाग के निदेशक पुलिस प्रशासन चाइल्ड लाईन बाल कल्याण समिति कैलाथ सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउन्डेशन, गायत्री सेवा संस्थान, श्री आसरा विकास संस्थान एंव बाल सुरक्षा नेटवर्क के प्रतिनिधि साथ रहे। 
 

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