उदयपुर 1 अप्रैल । प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राजस्थान में अनुसूचित जनजाति के 10 लाख 40 हजार 966 किसानों को 244 लाख 85 हजार रुपए की धनराशि आबंटित की गई। विशेष रूप से उदयपुर जिले में इस योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के 76 हजार 165 किसान लाभान्वित हुए जिन्हें 18 करोड रुपए की धनराशि जारी की गई।
सांसद मन्नालाल रावत द्वारा लोकसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न पर कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर की ओर से यह जानकारी दी गई। सांसद रावत ने विभिन्न कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभान्वित अनुसूचित जनजाति के किसानों के बारे में जानकारी मांगी थी।
कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार, किसानों को मूल्य समर्थन प्रदान करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और अन्य नामित राज्य एजेंसियों के माध्यम से अनाज और मोटे अनाज की खरीद करती है। जब दलहन, तिलहन और कोपरा का बाजार मूल्य एमएसपी से कम हो जाता है, तब संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) की समग्र योजना के अंतर्गत मूल्य समर्थन योजना के तहत इन उत्पादों की खरीद की जाती है।
2014-15 से 2024-25 (फरवरी, 2025 तक) के दौरान, सरकार ने ₹14.08 लाख करोड़ एमएसपी मूल्य के 7574.18 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान और ₹5.65 लाख करोड़ एमएसपी मूल्य के 3057.38 एलएमटी गेहूं की खरीद की है। इसी अवधि के दौरान, क्रमशः ₹92.8 हजार करोड और ₹61.8 हजार करोड़ एमएसपी मूल्य के 172.47 एलएमटी दलहन और 121.48 एलएमटी तिलहन की खरीद की गई है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में उदयपुर जिले में अनुसूचित जनजाति के 76 हजार 165 किसान लाभान्वित हुए जिन्हें 18 करोड रुपए की धनराशि जारी की गई। इसी तरह सलूंबर जिले में 32 हजार 150 किसानों को 7 करोड 38 लाख तथा प्रतापगढ जिले के 52 हजार 522 किसानों को 12 करोड 37 लाख रुपए की धनराशि आबंटित हुई।
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