उदयपुर 25 अगस्त 2022 । टीएडी में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने वाले टी.ए.डी आयुक्त स्वास्थ्य परियोजना निदेशक एवं परियोजना प्रबंधक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सत्याग्रह के साथ कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उदयपुर संभागीय आयुक्त ऑफिस के गेट पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया।
धरने में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता यूनुस चोपदार ने बताया कि जेम पोर्टल पर उपरोक्त निविदा में 14 निविदाकर्ताओ ने भाग लिया था, परंतु एक विशेष फर्म सुकुमाल ट्रेडर्स के अलावा 13 निविदाताओ को निविदा के शर्तों के अनुसार दस्तावेज नहीं लगाने का कारण बताते हुए डिसक्वालीफाई कर दिया ताकि इकलौती फॉर्म कुमार ट्रेडर्स को टेंडर देकर भ्रष्टाचार का षड्यंत्र सफल बनाया जा सके
यूनुस चोपदार ने आरोप लगाया की इसकी शिकायत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय में की इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा रिपोर्ट मांगी गई तो इसमें आला अधिकारियों द्वारा कार्यालय को गुमराह करते हुए झूठी रिपोर्ट पेश कर दी जबकि सुकुमाल के द्वारा जो करोड़ों की लागत का फर्नीचर सप्लाई किया गया था।
विभाग द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट किया कि माल घटिया क्वालिटी का है और विभाग द्वारा बेचकर ब्लैक लिस्ट कर दिया गया इसके बावजूद सुकूमाल ट्रेडर्स को जुलाई 2022 में 7 बार टैंडर मिल चुका है।
यूनुस ने आरोप लगाया की अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य किया जा रहा है उनकी निष्पक्ष जांच कर आरोप सिद्ध होने पर गिरफ्तारी की जाए, अपनी इन्ही सब मानगो को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया।
दरअसल मामला जनजाति विभाग के होस्टलों में फ़र्नीचर सप्लाई का है, जिसमे फ़र्नीचर सप्लाई के नाम पर किए गए 10 करोड़ का घोटाला सामने आया.सामने आया की अधिकारीयों ने टेंडर की शर्तों में अधिकतम दर से करीब 69 परसेंट अधिक रेट पर टेंडर एक ऐसी फर्म को मेंयुफेक्चरर बताकर दे दिया जो असल में मेंयुफेक्चरर है ही नहीं और कही और से माल लेकर सप्लाई करती है। युनुस ने बताया की जाँच में ये भी सामने आया की इस फर्म ने अलग अलग जगह से माल उठाया और 15 दिनों में घटिया क्वालिटीका माल सप्लाई कर के 10 करोड़ का बिल भी पास करवा लिया।
युनूस ने बताया की जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के स्व्च्छ परियोजना निर्देशालय द्वारा छात्रावास एवं आवासीय स्कूल में कुर्सी, टेबल, बेड, डाइनिंग टेबल और गीजर सप्लाई की ऑनलाइन निविदा निकाली गई थी। इस टेंडर प्रक्रिया में 14 फर्मो ने भाग लिया लेकन उनमे से सुकुमाल ट्रेडर्स ही पास हुई, और अधिकारीयों ने कथित रूप से घोटाले को छुपाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की जगह ऑफ़ लाइन वर्क आर्डर जारी कर दिया जब की अगर टेंडर ऑन लाइन होता है तो वर्कआर्डर भी ऑन लाइन ही निकाला जाना चाहिये था।
युनुस ने बताया की मार्च 2022 में विभाग द्वारा एक लेटर जारी किया गया, जिसमे स्पष्टिकरण देने के लिए कहा गया की बताया जाए की क्यों ना उनकी फर्म को ब्लैक लिस्ट किया जाए। इस बीच 9 करोड़ 10 लाख का पेमेंट हो चूका था जिसकी या तो रिकवरी होनी होनी चाहिये थी, लेकिन बजाये इसके विभाग की मिलीभगत की वजह से 4 महीने बाद जुलाई 2022 में 7 टेंडर्स भी उसी फर्म को दिया गया जिसको ब्लैकलिस्ट किया जा चूका था।
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