उदयपुर के पिछोला झील स्थित पहचाने जाने वाले अमराई घाट देवस्थान और फर्म के बीच फंस कर रह गया हैं और आम जनता इसमें परेशान हो रही हैं। अमराई घाट पर पर्यटकों से प्रवेश करने पर मोबाईल ले जाने के पहले 200 रुपए की अवैध वसूली की जा रही थी शिकायत मिलने पर देवस्थान विभाग ने फर्म को 50 हज़ार का नोटिस दिया था। बार-बार नोटिस मिलने के बाद भी फर्म की मनमानी जारी हैं। अब अमराई घाट पर मोबाइल अन्दर ले जाने के 100 रुपए लिए जा रहे हैं। यहां रोज़ाना पर्यटक और फर्म के कर्मचारियों के बीच अन्दर मोबाइल ले जाने के नाम पर झगड़ा होता रहता हैं। उदयपुर टाइम्स लगातार इसस मुद्दे को अपनी खबरों में प्रकाशित कर रहा हैं लेकिन नोटिस के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। पूर्व में भी फर्म पर 10 हज़ार का जुर्माना लगाया गया हैं।
देवस्थान विभाग की ओर से जारी किए गए घाट पर प्रवेश के नियम के अनुसार 6 कहता है कि जिनके पास केवल प्रवेश टिकट ही है उनको किसी भी प्रकार के कैमरे जैसे डिजिटल कैमरा, मोबाईल कैमरा वअन्य इलेक्ट्रोनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं हैं। पर्यटको द्वारा आग्रह करने पर मोबाईल जमा करने की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध हैं।
नियम 7. जिन पर्यटकों द्वारा केमरे का टिकट लिया गया हैं उनको प्रति टिकट केवल एक फोटोग्राफी उपकरण ले जाने की अनुमति होगी जिसका चुनाव पर्यटक द्वारा स्वंय किया जा सकता हैं। इलेक्ट्रोनिक उपकरण मे डिजिटल केमरा, मोबाईल केमरा अथवा अन्य कोई इलेक्ट्रोनिक फोटोग्राफी उपकरण सम्मिलित हैं।
अमराई घाट पर प्रवेश के लिए पर्यटकों के लिए समय सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक दिया गया है जबकि प्री वेडिंग शूट के लिए रात 11 बजे तक इज़ाजत हैं। आमजन के लिए केवल इतना कम समय जबकि प्रीं वेडिंग शूट वालों समय में कोई पाबंदी नहीं। ऐसा क्यों क्योंकि प्रीं वेडिंग शूट वालों को प्रवेश शुल्क ज्यादा हैं जबकि आम जनता से केवल 10 रु. प्रवेश शुल्क और 100 रु. मोबाईल के लिए जा रहे हैं। यदि फर्म से कहा जाता है कि मोबाईल ले जाने के आखिर आम जनता क्यों चार्ज दे तो फर्म के ठेकेदार (जयपुर के प्रोपराइटर प्रदीप जोशी की रेडिएंट टूर्स कम्पनी) पर 2 बार जुर्माना लगया जा चुका हैं। देवस्थान विभाग की ओर से जारी नियम को देखने के लिए कहते है और पर्यटकों से कहा जाता है आप नियम न. 6 व 7 को ध्यान में रखिए। इसलिए प्रवेश शुल्क के नाम पर 10 रु. और मोबाईल के लिए 200 रु. की जगह अब 100 रु.लिए जा रहे।
जब देवस्थान विभाग से इस बात में जानकारी ली जाती है तो अधिकारी कहते है कि यह निर्णय जयपुर मिटिंग में लिया गया हैं लेकिन मोबाइल अन्दर ले जाने का देवस्थान विभाग की ओर से कोई नियम लागू नहीं हैं। अमराई घाट देवस्थान और फर्म दोनों के बीच फंस कर रह गया है और परेशानी आम जनता को हो रही हैं। जब उदयपुर टाइम्स ने देवस्थान विभाग के अधिकारियों को इस सबंध में समय पर जानकारी दी है। अधिकारियों का कहना था कि अब शिकायत मिलने पर फर्म का टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक फर्म की मनमानी बरकरार है न ही टेंडर निरस्त किया गया है और न ही सख्त कार्रवाई। आखिर सवाल यह उठता है कि आमजनता से मोबाइल ले जाने के नाम पर लिया गया रुपया उसकी भरपाई कौन करेगा?
देवस्थान के उपायुक्त सुनील मत्तड़ का कहना है कि इस सबंध में हमें कल शिकायत मिली हैं। और आज ही एक और नोटिस थमाया गया है और ठेकेदार को सचेत किया गया है की यदि पर्यटकों से मोबाइल के नाम पर कोई शुल्क लिया गया तो फिर से पेनल्टी लगाईं जाएगी। ऐसे में उन्होंने कहा की तीन बार पेनल्टी होने के बाद यदि चौथी बार भी पेनल्टी लगाने के नौबत आई तो टेंडर निरस्त भी किया जा सकता है।
अमराई घाट पर प्री वेडिंग शूट की समय सीमा के बारे में देवस्थान विभाग से पूछा गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए इसे प्रशासन का मामला बता दिया जब जिला कलेक्टर से शिकायत की गई तो उन्होंने बताया की वह मामले की जांच करेंगे।
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