उदयपुर की कैप्टन शिवा चौहान पहली महिला सैन्य अधिकारी बन गई है जिन्हे बेहद ठंडी और खतरनाक मानी जाने वाली सियाचिन ग्लेशियर युद्ध क्षेत्र में तैनात किया गया है। कैप्टन शिवा चौहान की इस उपलब्धि पर ने सिर्फ उदयपुर बल्कि देश के हर भारतीय पर गर्व है।
देश की सुरक्षा में तैनात शिवा उदयपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने टेक्नो एनजेआर इंस्टिट्यूट से 2015 से 2019 तक सिविल इंजीनियरिंग से ग्रैजुएशन किया है। जिसमे वह कॉलेज टॉपर थी। 11 वर्ष की उम्र में ही शिवा के पिता राजेंद्र चौहान का निधन हो गया था। उनकी मां अंजलि चौहान बचपन से ही सशस्त्र बलो में शामिल होने की प्रेरणा दी थी।
शिवा ने चेन्नई में आफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) की ट्रेनिंग ली है। मई 2021 में उन्हें भारतीय सेना की इंजीनियर रेजीमेंट में नियुक्त किया गया। बता दें जुलाई 2022 में कैप्टन शिवा ने कारगिल विजय दिवस पर 508 किलोमीटर (युद्ध स्मारक से कारगिल युद्ध स्मारक तक) सुरा सोई साइकिल अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था।
उल्लेखनीय है की सियाचिन को भारत का सबसे खतरनाक युद्धक्षेत्र माना जाता है। यहां पहली बार किसी महिला सैन्य अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान को तैनात किया गया। कड़े प्रशिक्षण के बाद कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिव ग्लेशियर में तैनात किया गया। शिवा चौहान इस पद पर कार्यरत पहली महिला अधिकारी बनी हैं।
सियाचिन में जमा देने वाली ठंड है। यहां का तापमान माइनस डिग्री सेल्सियस रहता है। यहां सैनिकों को नहाने के लिए पानी उबालने में 3 घंटे लगते हैं। भारत ग्लेशियर संरक्षण पर प्रतिदिन 5 से 7 करोड़ रुपए खर्च करता है। ग्लेशियर में करीब 3000 जवान हमेशा काम करते हैं। ग्लेशियर की रखवाली के लिए नियुक्त प्रत्येक सैनिक लगभग तीन महीने तक कार्य करता है। कठोर जलवायु में कोई भी अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकता है। यहां जवानों को जरूरत का सामान हेलिकॉप्टर से सप्लाई किया जाता है।
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