अपराधों की रोकथाम के साथ बच्चों के समाज में पुर्नवास के माध्यम के रूप में कार्य करें बाल कल्याण पुलिस अधिकारी – महानिरीक्षक पुलिस, उदयपुर रेंज

अपराधों की रोकथाम के साथ बच्चों के समाज में पुर्नवास के माध्यम के रूप में कार्य करें बाल कल्याण पुलिस अधिकारी – महानिरीक्षक पुलिस, उदयपुर रेंज

कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एण्ड ट्रस्ट कार्यक्रम अंतर्गत रेंज स्तरीय आमुखीकरण सम्पन्न

 
community policeing

महानिरीक्षक पुलिस उदयपुर रेंज प्रफुल्ल कुमार के निर्देशन में तथा पुलिस अधीक्षक उदयपुर विकास शर्मा के मार्गदर्शन में किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं बाल संरक्षण विषय पर विशेष किशोर पुलिस इकाइयों व मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठों का रेंज स्तरीय आमुखीकरण रिजर्व पुलिस लाईन उदयपुर सभागार में आयोजित किया गया।

कार्यशाला के प्रारम्भ में यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार - सिन्धु बिनुजीत द्वारा बाल संरक्षण के लिए संचालित किए जा रहे कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एण्ड ट्रस्ट कार्यक्रम के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी उपलब्ध कराई ।

कार्यशाला के अगले चरण में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप शर्मा द्वारा बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों एवं मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ के प्रभारियों को दक्षिणी राजस्थान में बच्चों से संबंधित मुख्य समस्याओं तथा पुलिस के संपर्क में आने वाले बालकों के संबंध में विधिक प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाली योजनाओं के बारे में बताते हुए बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को संपर्क में आने वाले बच्चों के प्रति संवेदनशीलता के सुझाव दिए । 

पुलिस महानिरीक्षक प्रफुल्ल कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस थाने पर बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, जो संपर्क में आए बालक के समाज में पुर्नवास के लिए माध्यम की तरह कार्य करने का मौका उपलब्ध कराता है।

इस प्रकार की कार्यशालाएं और प्रशिक्षण पुलिस अधिकारियों के अधिनियम से संबंधित जानकारी को अपडेट कने तथा पुनरावृति के लिए आवश्यक होती हैं। उन्होने बाल संरक्षण के विषयों पर जागरूकता के लिए विकसित प्रचार सामाग्री का उपयोग करने के निर्देश उपस्थित प्रतिभागियों को दिए। पुलिस अधीक्षक उदयपुर विकास शर्मा द्वारा प्रतिभागियों के संबोधित करते हुए बताया कि रेंज पुलिस द्वारा विकसित कराई गई प्रचार सामाग्री एवं अन्य सामग्री, पुलिस थाना स्तर पर बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के लिए प्रक्रियाओं को सहज करता है।

उन्होने बच्चों से संबंधित प्रकरणों में संवदेनशीलता से कार्य करने की आवश्यकता के बारे में बताते हुए कहा कि पुलिस के संपर्क में आने वाला प्रत्येक बच्चे के मामले में किया गया व्यवहार उसके भविष्य को प्रभावित कर सकता है।

पूर्व आयोग सदस्य एवं उच्च स्तरीय समिति के सदस्य श्री गोविन्द बेनिवाल द्वारा प्रतिभागियों को किशोर न्याय अधिनियम एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई से संबंधित प्रक्रियाओं के बारे में आमुखीकरण उपलब्ध कराया। आमुखीकरण के दौरान यूनिसेफ के कार्यक्रम अधिकारी मन्ना बिश्वास द्वारा युनिसेफ राजस्थान द्वारा बालकों के हितार्थ किए जा रहे विभिन्न विभागों के साथ किए जा रहे प्रयासों के बारे में उपस्थित अधिकारियों को जानकारी दी। 

कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ उदयपुर, चित्तौडगढ, बांसवाडा, राजसमंद- मनजीत सिंह, पर्बत सिंह, शाहना खानम एवं गोपाल सिंह सहित प्रभारी अधिकारियों ने भाग लेकर सुझाव उपलब्ध कराए । कार्यशाला के अंत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध एवं सतर्कता उदयपुर रेंज- अंजना सुखवाल द्वारा धन्यावद ज्ञापित किया गया ।

कार्यशाला के दौरान बाल संरक्षण संबंधित प्रचार सामग्री एवं मोबाईल एप्लीकेशन का किया विमोचन कार्यक्रम अंतर्गत विकसित की गई बाल संरक्षण संबंधित प्रचार सामग्री जिसमें पाचं पृथक विषयों पर पोस्टर्स, पुलिस मित्रों, ग्राम रक्षकों एवं सुरक्षा सखियों के लिए बाल संरक्षण संबंधित मार्गदर्शिका एवं कॉम्बेट मोबाईल एप्लीकेशन का विमोचन उपस्थित अधिकारियों द्वारा किया गया। 

रेंज के सभी पुलिस थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को लगभग पांच हजार पोस्टर्स एवं दो हजार मार्गदर्शिकाए कार्यशाला के दौरान वितरित की गई जिन्हे संबंधित द्वारा थाना क्षेत्र में जागरूकता के लिए उपयोग में लिया जाएगा। मोबाईल एप्लीकेशन द्वारा सभी हितधारकों द्वारा उपयोग में ली जा सकेगी। कार्यशाला में सभी जिलों के मानव तस्करी रौिधी प्रकोष्ठ प्रभारी रेंज के पुलिस थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी एवं कार्यक्रम टीम के आकाश, जीतेन्द्र, भरत एवं सपना आदि सहित लगभग 150 प्रतिभागी उपस्थित थे।

 

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