विभिन्न मांगो को लेकर जनता सेना का धरना प्रदर्शन

विभिन्न मांगो को लेकर जनता सेना का धरना प्रदर्शन

शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए

 
janta sena

पूर्व विधायक और जनता सेना के संस्थापक रणधीर सिंह भिंडर के नेतृत्व में उदयपुर में जोरदार प्रदर्शन धरना किया गया। जनता सेना द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के साथ उदयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की।

शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। इस मौके पर जनता सेना के संस्थापक रणधीर सिंह भिंडर ने कहा कि वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि लंबी रोग से ग्रसित होकर जिन गोवंश की मृत्यु हुई है उनके मालिकों को मुआवजा दिलाया जाए। साथ ही अतिवृष्टि से फसलें खराब हुई है, और किसानों की समस्या को ध्यान रखते हुए उन्हें मुआवजा दिलाने के लिए काम किया जाना चाहिए। इसी के साथ महंगाई और अन्य प्रमुख मुद्दों को लेकर जनता सेना के कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्री के बाहर 3 घंटे तक धरना एवं प्रदर्शन किया।

भिंडर ने कहा की जनता सेना राजस्थान पिछले 2 वर्ष से किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर सरकर को विभिन्न माध्यमो से अवगत करने की कोशिश कर रही है.लेकिन 2 साल होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण मजबूरन आज ये धरना देना पड़ा। 

उन्होंने कहा की किसान परेशान है, फांसले ख़राब हो चुकी है, उसके मुआवजे का कोई नकलन नहीं हुआ. साथ ही लम्पी रोग से मरने वाले पशुओं के मालिकों को भी मुआवज़ा मिलना चाहिए। इसी की साथ देवास का पानी जो की वल्लभनगर और मावली के लिए था लेकिन वो उदयपुर में सप्लाई हो रहा है। यही सारी मांगों लेकर आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है और अगर इन मांगो को नहीं माना जाता तो जनता सेना उग्र आन्दोलन करेगी जिसकी ज़िम्मेदार सरकार होगी।    

जनता सेना राजस्थान मांग करती है कि राजस्थान में लम्पी रोग ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। जिसमें राज्य सरकार ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये जिसके कारण पशु पालको को भयंकर कठिनाईयो का सामना करना पड़ रहा है। अतः हमारी मांग है कि लम्पी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाए व जिस तरह से कोरोना मे मृत व्यक्तियों के परिजनो को राहत प्रदान की गई । उसी तरह पशु पालको को मृत पशुओं का मुआवजा दिया जाए।

उदयपुर संभाग आदिवासी बाहुल्य है व ज्यादातर लोगो की आर्थिक स्थिति अच्छी नही है। न्याय के लिए हमें जोधपुर उच्च न्यायालय पर जाना पड़ता है जो हर व्यक्ति के मुद्दे के बाहर की बात है। इसलिए पिछले कई वर्षों से उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना की मांग की जाती रही है परन्तु अब तक इस बाबत् कोई राहत नहीं मिल पा रही है। आपसे अनुरोध है कि हाईकोई बैंच की स्थापना में सहयोग करावें ।

बेरोजगारी के मामलें में राजस्थान भार तभर में प्रथम है । बेरोजगारी दर 23.8 प्रतिशत है। आपसे अनुरोध है कि ज्यादा से ज्यादा बेरोजगार लोगो को रोजगार देने में सहयोग प्रदान करावें ।

डीज़ल, पेट्रोल व गैस की कीमते आम आदमी के मुद्दे से बाहर होती जा रही है। डिजल की रेट बढोतरी के कारण किसानो को कम से कम वर्ष में 1 लाख से अधिक देने पड़ रहे है। अतः आप से अनुरोध है कि डीज़ल, पेट्रोल व गैस के दाम पेट्रोल कम्पनीयों से लेकर सरकार द्वारा निर्धारित किये जाए ताकि आम लोगो को राहत मिल सकें।

फसल बीमा योजना को राजनाथ सिंह के फॉर्मूले के अनुसार तहसील व ग्राम युनिट को छोड़कर के किसान के खेत की आय से जोड़ा जाए व न्युनतम खरीद मूल्य को मंहगाई ईन्डेक्स से जोड़ा जाए।

सेटलमेंट द्वारा पेमाईश के समय खातेदारों की भूमि का गलत इन्द्राज करने पर पहले भी अधिकारियों को अवगत कराया गया परन्तु आज तक समाधान नहीं हो पाया। हमारी मांग है कि उपरोक्त पेमाईश पुनः की जाए। पिछले 6 माह से हम फसलो की बर्बादी का आंकलन कर मुआवजा किसानो को दिलाने के लिए प्रयासरत है परन्तु मुआवज देना तो दुर अभी तक पटवारीयों को आंकलन का निर्देश भी नहीं मिला है। हमारी मांग है कि शीघ्र आंकलन कर मुआवजा दिलाया जाए।

बिजली के मामले में ग्रामीण क्षेत्र के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। शहरो मे जहाँ बिजली कटौती बहुत कम की गयी। ग्रामीण क्षैत्र मे रात-रात भर बिजली नदारद रहती है। अधिकारी मनमाने रूप से वीसीआर बनाकर किसानो को परेशान कर रहे है। इस पर तुरन्त रोक लगाई जाए।

महिला उत्पीडन के मामले में भी राजस्थान दुसरे नम्बर पर है व अनुसुचित जनजाति पर अत्याचार के मामले में प्रथम है। लेकिन आपकी सरकार उस पर अंकुश नही लगा पाई। सहकारिता विभाग के लोन की बीमा राशि तीन गुणा बढ़ा दी है उसको तुरन्त कम की जाए। अतिवृष्टि व अन्य कारण से फसल खराबे का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाए।

पेराफेरी क्षेत्र नगर विकास प्रन्यास व नव गठित प्राधिकरण के पेराफेरी क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण वासियों को पट्टे दिये जाए व उन ग्रामो का विकास किया जाए। जो कि अब तक नहीं हुआ है। किसानो की भुमि को एयर पोर्ट व अन्य सरकारी कार्यो के लिए बहुत कम मुल्य में अवाप्त किया जा रहा है। जिसको रोका जाए।
 

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