उदयपुर 5 नवंबर 2022 । शहर में आगामी माह में एक बड़ा इंटरनेशनल इवेंट होने जा रहा है। G-20 देशो के शिखर सम्मलेन की शेरपा बैठक होने वाली है जिसमे 20 अलग अलग देशो के 300 राजनयिक हिस्सा लेंगे। इस मीटिंग में सिर्फ राजनयिक ही हिस्सा नहीं लेंगे बल्कि इस मीटिंग को कवर करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया आएंगे कवरेज के लिए।
G-20 शेरपा मीटिंग के लिए तैयारियां भी शुरू हो चुकी है। विदेश विभाग के अफसरों का आना जाना भी शुरू हो गया है। शहर की दशा सुधरने का काम भी शुरू हो चूका है। लेकिन सवाल यह है की क्या एक महीने में शहर की देश सुधर पाएगी। एयरपोर्ट से शहर में एंट्री करने के सेवाश्रम चौराहा और उन पर बन रहे ब्रिज को देखकर तो लगता नहीं की इतना जल्दी यह हो पायेगा।
सेवाश्रम ब्रिज ही नहीं, गुलाब बाग और दूधतलाई तक जाने वाली सड़को के हाल भी फ़िलहाल तो बेहाल ही है। उदयपुर की एक पहचान लेकसिटी भी है। यहाँ की झीले, घाट और झीलों के किनारे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते है।
यहाँ की भव्य इमारतों वाली होटलो को देखकर आने वाला पर्यटक आनंदित महसूस करता है। लेकिन इसी झीलों में पसरी गंदगी जैसे पिछोला झील का रंगसागर वाला हिस्सा, स्वरुपसागर किनारे फैली गंदगी, दूध तलाई में फैली गंदगी के एक महीने में साफ़ हो पाएगी। जबकि इन झीलों में सफाई के नाम पर महीने से कई सालो से प्रयास किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है की गत 1 नवंबर को सीएस उषा शर्मा ने प्रशासन, नगर निगम, यूआईटी, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई की बैठक में सड़को, गड्डो, सड़क के किनारे गंदगी के ढेर और ख़राब स्ट्रीट लाइटों को लेकर अधिकारियो को फटकार लगाईं थी। साथ ही वेलकमिंग सिटी उदयपुर की ब्रांड वैल्यू को पूरी दुनिया में अनोखे तरीके से पेश करने के निर्देश दिए थे। तब कहीं जाकर कुम्भकर्णी नींद से जागे प्रशासन ने सड़को की मरम्मत का काम शुरू किया। लेकिन क्या इतने कम समय में यह काम पूरा हो पायेगा जबकि G-20 शेरपा मीटिंग इस वर्ष जुलाई में ही तय हो गई थी।
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