उदयपुर, 22 मई। वन विभाग की ओर से रविवार को वन भवन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संभागीय मुख्य वन संरक्षक आर.के. सिंह ने बताया कि विश्व में पेड़-पौधों व जीव जन्तुओं की जितनी भी प्रजातियां पाई जाती है उनमें से यदि कोई भी एक प्रजाति लुप्त होती है तो इससे दूसरी प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण मानव प्रजाति के अस्तित्व पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाता है। उन्होंने जैव विविधता के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) आर.के. खैरवा ने जैव विविधता प्रबंधन समितियों के गठन हेतु प्रशासन से आवश्यक पत्राचार कर तुरन्त इनके गठन की बात कही। उन्होंने वृक्षारोपण में अधिक प्रजाति के पेड़ लगाने का आह्वान किया। वन संरक्षक आर.के.जैन ने बताया कि विश्व में छोटे-छोटे कीट, तितलियां पाई जाती है उनका भी हमारे जीवन में बहुत महत्व है। पौधों में परागण की क्रिया इन छोटे-छोटे कीट पतंगों द्वारा ही पूर्ण की जाती है जिससे जैव विविधता का संरक्षण हो पाता है।
इस अवसर पर सेवानिवृत वन अधिकारी ओ.पी. शर्मा, ने वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों/अध्यक्षों तथा स्टाफ को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का महत्व, इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सेवानिवृत वन अधिकारी वी.एस.राणा ने जैव विविध प्रबंधन समितियों के गठन की प्रक्रिया तथा वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता पर चर्चा की। सेवानिवृत वन अधिकारी सुहैल मजबूर ने लोक जैव विविधता रजिस्टर बनाने में आने वाले प्रपत्रों तथा इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
उप वन संरक्षक मुकेश सैनी व डी.के. तिवारी ने भी संबंधित विषय पर विचार रखे। इस अवसर पर सहायक वन संरक्षक सुशील सैनी, ग्रीन पीपल सोसायटी के सेवानिवृत्त वन अधिकारीगण ओ.पी. शर्मा, वी.एस. राणा, सुहैल मजबूर, पी. एस. चुण्डावत, डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. के अरुण सोनी, वन मण्डल उदयपुर व वन मण्डल उदयपुर (उत्तर) का स्टाफ तथा दोनों वन मंडलों की कुल 35 वन संरक्षण एवं प्रबंधन समितियों के अध्यक्ष/सदस्य उपस्थित थे।
वन संरक्षण एवं प्रबंधन समितियों के अध्यक्षों/सदस्यों ने इस दिवस पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्रों में काली शीशम, शोनक, पाडल, तम्बोलिया, रोहण, रायण इत्यादि प्रजाति के पौधे काफी संख्या में पाये जाते थे, जिनकी संख्या में कमी आयी है। सदस्यों ने बताया कि विभाग द्वारा जो वृक्षारोपण कराये जा रहे है उनमें पाँच वर्ष तक सुरक्षा का प्रावधान है। इसे बढ़ाकर 10 वर्ष करने की मांग की।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal