भारत सरकार के वकीलों की दो दिवसीय कार्यशाला का आज हुआ समापन

भारत सरकार के वकीलों की दो दिवसीय कार्यशाला का आज हुआ समापन

देश में पेन्डिग केसेज की संख्या बढ़ रही है, टैक्नोलॉजी के उपयोग के द्वारा कम किया जा सकता है- राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अशोक 

 
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उदयपुर 18 सितंबर 2022। पांच राज्यों के हाईकोर्ट न्यायाधीश और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की मौजूदगी के साथ भारत सरकार के वकीलों की दो दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हो गया ।  अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ़ इंडिया राजदीपक रस्तोगी ने बताया कि इसका उद्घाटन केन्द्रीय विधिमंत्री किरेन रीजीजू और  केंद्रीय विेधि राज्यमंत्री एसपी एस बघेल ने शनिवार को किया था। 

कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस अजय रस्तोगी ने की थी। कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट के एक्टिंग सीजे एम एम श्रीवास्तव, गुजरात हाईकोर्ट के सीजे अरविंद कुमार , सोलिसीटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता उद्घाटन सत्र में मौजूद रहे।  कांफ्रेंस में राजस्थान, गुजरात ,महाराष्ट्र, गोवा ओर मध्यप्रदेश के 300 ज्यादा भारत सरकार के वकीलों ने भाग लिया। कार्यशाला के दूसरे दिन विधि क्षेत्र के विभिन्न आयामों का विकास एवं प्रभाव विषय पर राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़, बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश एम एस कार्निक, गुजरात हाईकोर्ट के एएसजी देवांग व्यास शामिल हुए । 

कार्यशाला  के दूसरे दिन “रोल ऑफ़ टेक्नोलॉजी विषय पर राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अशोक कुमार गौड़  ने कहा कि वर्तमान में देश में पेन्डिग केसेज की संख्या बढ़ रही है इसको टैक्नोलॉजी के उपयोग के द्वारा कम  किया जा सकता है उन्होंने  कहा कि समय के साथ बदलाव बेहद ज़रूरी है उन्होंने बताया कि जब वे वकालत में शुरू के दिनों में आए थे तब टाइपराइटर से टाइप किया जाता था लेकिन इन दिनों कंप्यूटर ने टाइपराइटर की जगह ले ली है अब कम्प्यूटर में किसी भी लिखे हुए को कई बार सेव करके चेंज और प्रिंट भी लिया जा सकता है लेकिन पूर्व में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी इसलिए टेक्नोलॉजी व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है उन्होंने कहा कि केरल में बैठे व्यक्ति को यहां अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड करवाना है तो इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के ज़रिए वे अपना  स्टेटमेंट रिकॉर्ड करवा सकता है इसके लिए सिविल रुल्स  में भी बदलाव होने चाहिए  उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी बढ़ावा देने की भी बात की  उन्होंने कहा कि राजस्थान में ई चालान के लिए शुरू किए गए ई पोर्टल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे आम लोगों को फ़ायदा होगा न्याय तेज़ी से सुलभ हो सकेगा और मुकदमों की पेडेंसी मे कमी आएगा। 

 चीफ़ जस्टिस ऑफ़ राजस्थान M M श्रीवास्तव ने कार्यशाला आयोजन के सफलता पूर्वक समापन पर आयोजकों को बधाई दी।  जस्टिस श्रीवास्तव  ने भी न्यायपालिका में टेक्नोलॉजी के  प्रयोग को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया उन्होंने कहा कि तकनीक से हमें अपडेट होना चाहिए वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन आचार्य ने ODR (ऑनलाइन डिस्प्यूट रेजोल्यूशन )और ADR ( (अल्टरनेटिव डिस्य्पूट रिज़ोल्यूशन) को बढ़ाएं जाने पर ज़ोर दिया 

कार्यशाला संयोजक अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आर डी रस्तोगी ने समापन के मौक़े पर आभार व्यक्त करते हुए मेवाड़ की महिमा पर प्रकाश डाला।  एएसजी रस्तोगी ने बताया  कि वेस्ट जोन में पहली बार इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में दो दिन में तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ। पहले दिन व्हाइट कॉलर क्राइम विषय पर आयोजित सत्र में राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश आनंद पाठक और बॉम्बे हाईकोर्ट में एएसजी अनिल सिंह शामिल हुए। इसके बाद रोल आफ एडवोकेट इन नेशन बिल्डिंग एंड नेशनल सिक्योरिटी विषय पर राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश विजय विश्नोई, गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनिरूद्ध व राजस्थान हाईकोर्ट में एएसजी रस्तोगी शामिल हुए । 
 

कार्यशाला के सहसंयोजक बॉम्बे हाईकोर्ट में एएसजी अनिल सिंह ने बताया कि कार्यशाला के अंतिम दिन विधि क्षेत्र के विभिन्न आयामों का विकास एवं प्रभाव विषय पर राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़, बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश एम एस कार्निक, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश पी के कौरव के साथ गुजरात हाईकोर्ट के एएसजी देवांग व्यास शामिल हुए। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ़ इंडिया राज दीपक रस्तोगी ने बताया कि इस कॉन्फ़्रेन्स में डिस्कस किये गये मामलों का एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी
इसका उद्घाटन केन्द्रीय विधिमंत्री किरेन रीजीजू और केंद्रीय विधि राज्यमंत्री एसपी एस बघेल ने शनिवार को किया था। 

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ़ इंडिया राज दीपक रस्तोगी ने बताया कि इस कॉन्फ़्रेन्स में डिस्कस किये गये मामलों का एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। कार्यशाला  में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ़ इंडिया राजदीपक रस्तोगी ने सीजे के सामने सुझाव दिया कि नैशनल इनफ़ॉर्मेटिक सेंटर (NIC ) की सुविधा भारत सरकार के वकीलों को दी जानी चाहिए ताकि इंटीग्रेटेड पोर्टल से अद्यतन जानकारी उन्हें प्राप्त हो सके। कार्यशाला में स्पीकर्स ने यह भी सुझाव दिया कि जिस प्रकार सिविल सर्विसेज़, CA के लिए एकेडमी बनी हुई है उसी तर्ज़ पर अधिवक्ताओं के उन्नयन के लिए अकेडमी बनाए जाने का सुझाव दिया गया। 

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