उदयपुर, 20 अक्टूबर 2022 । जब कोई देश और उनकी खूबसूरत संस्कृतियां एक साथ आती है तो कलाओं का भरपूर आदान-प्रदान तो होता ही है, साथ ही उन्हें समझने का मौका भी मिलता है। ‘ए टेल ऑफ़ टू पैलेसेस’ भारत के सिटी पैलेस संग्रहालय, उदयपुर, और फ्रांस के डोमिन नेशनल डी शेम्बोर्ड के सहयोग से फ्रांस में आयोजित यह अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी इसका श्रेष्ठ उदाहरण है।
भारत से महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर और फ्रांस से शेम्बोर्ड से 139 उन दुर्लभ तस्वीरों को चयन कर शैटाॅ डी शेम्बोर्ड की मेजबानी में शैटाॅ की कुल 5 गैलेरियों में 16 अक्टूबर से 5 मार्च 2022 तक प्रदर्शित किया जा रहा है।
दो संस्कृतियों की झलक संयुक्त रूप से एक साथ दिखाई देने के अवसर पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के ट्रस्टी, महाराज कुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि सिटी पैलेस संग्रहालय, उदयपुर और शेम्बोर्ड वर्ष 2015 से कई मौको पर एक साथ भागीदारी निभाई है। जिसमें राजस्थान और फ्रांस के बीच में पहली सहयोग परियोजना फ्रांस स्थित लाॅयर घाटी पर रही।
जिस प्रकार सम्पूर्ण संसार जगत विश्वव्यापी महामारी से उबर रहा है, उसी प्रकार इस अंतरराष्ट्रीय फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से हम पुनः एकजुटता और उत्साह के साथ योजनाओं पर कार्य करते हुए आगे बढ़ रहे हैं, यह पुनः ताजी हवा में प्राणवायु मिलने के समान है। फोटो प्रदर्शनी केवल उदयपुर और शेम्बोर्ड के बीच ही नहीं बल्कि दो महान देशों के बीच का एक सांस्कृतिक सेतु भी है।
अपनी जीवंत विरासतों को संरक्षित करते हुए कार्य-योजनाओं के माध्यम से उन क्षेत्रों से संबंधित संरक्षण के ज्ञान को एक-दूसरे को साझा करना है। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन स्थलों पर संस्थाओं द्वारा संयुक्त कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के साथ-साथ पर्यटन संबंधी गतिविधियों, संस्कृति, त्योहारों आदि से दर्शकों को रू-ब-रू भी करवाना है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और समारोहों में हमारी संयुक्त भागीदारी से सहयोगात्मक साझेदारी का ग्राफ भी बढ़ा है।
डोमेन नेशनल डे शेम्बोर्ड के महानिदेशक जीन डी‘हाॅसनविल ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रदर्शनी चयनित तस्वीरों के मार्फत शेम्बोर्ड और सिटी पैलेस उदयपुर के अपने-अपने सांस्कृतिक परिदृश्यों को प्रदर्शित करती है, यह 16वीं शताब्दी के दो राजशाही निवासों में कई आश्चर्यजनक समानताओं को भी दर्शाती है। डी‘हाॅसनविल ने स्थापना और स्थापत्य को दर्शाते हुए फ्रांस और भारत की संस्कृति तथा समुदायों के बीच के घनिष्ठ समानताओं को प्रतिबिंबित किया है। इस तरह दोनों देशों को एक साथ लाने पर हमें गर्व की अनुभूति हो रही है।
‘ए टेल ऑफ़ टू पैलेसेस‘‘ प्रदर्शनी, दोनों देशों की वास्तुकला, दरबारी जीवन, दैनिक जीवन और अतीत को दर्शाती है। प्रदर्शनी से जुडे़ क्यूरेटोरियल टीम के सदस्यों ने खुलासा किया कि ‘‘इन आकर्षक दुर्लभ तस्वीरों से हमें शेम्बोर्ड और उदयपुर के बीच की कई समानताओं को जानने का अवसर मिला। प्रदर्शनी में न केवल कलाकृतियां बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू का सूक्ष्म दस्तावेजीकरण को भी प्रस्तुत किया गया है।
शेम्बोर्ड अभिलेखागार में 20वीं सदी के शुरुआत तक के संग्रहित तस्वीरों को प्रदर्शित किया जा रहा है, जो शैटाॅ के अन्दर व बाहर के दुर्लभ दृश्यों को वैश्विक आगंतुकों के लिए अतीत के उस दौर में झाँकने का सुअवसर प्रदान करेगा।
फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि उदयपुर 450 वर्षों से निरंतर मेवाड़ राज्य की राजधानी होने के कारण राजनीतिक, सामाजिक और अपनी संस्कृति का प्रमुख केन्द्र रहा है। मेवाड़ राज्य की भव्यता उदयपुर के सिटी पैलेस संग्रहालय में देखी जा सकती है। यह प्रदर्शनी आगंतुकों के लिए विशेष ज्ञानवर्द्धक है।
प्रदर्शनी में प्रदर्शित 1860 के दशक के उदयपुर सिटी पैलेस संग्रहालय में संग्रहित दुर्लभ फोटोग्राफ्स हैं। समय समय पर मेवाड़ के महाराणाओं के पोट्रेट्स उनके द्वारा नियुक्त स्टूडियों जिनमें बाॅर्न एंड शेफर्ड, जाॅन्सटन एंड हाॅफमैन, मैटजीन स्टूडियों, राॅयल फोटोग्राफिक कंपनी के साथ ही एआर दत्त, गोवर्धनलाल शर्मा और केएल सैयद जैसे भारतीय फोटोग्राफरों द्वारा लिए गए थे। ये फोटोग्राफ्स 19वीं व 20वीं सदी में मेवाड़ की राजसी जीवन शैली, समृद्ध दरबारी परम्पराओं, सांस्कृतिक पहलुओं का भव्यता से दर्शन कराते हैं।
महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर एक नजर में:-
फाउण्डेशन ने विश्वस्तरीय सुविधाओं और आवश्यक बदलावों के साथ वर्ष 2020 में अपने 50 वर्ष पूर्ण कर लिए है। देश-विदेश के पर्यटकों के लिए सिटी पैलेस उदयपुर का संग्रहालय राजस्थान मेवाड़ की कई मूर्त-अमूर्त विरासतों को अपने में संजोय हुए है। सिटी पैलेस उदयपुर संग्रहालय की विशिष्ट गैलरियां एवं ऐतिहासिक स्थल लगभग 25 हजार वर्गमीटर में फैले हुए है। जहां वर्ष 2016 के बाद अब लगभग 1 मिलियन से अधिक आगंतुकों को सूचीबद्ध किया है।
शैटाॅ डी शेम्बोर्ड, फ्रांस एक नजर में
फ्रांस के शैटाॅ डी शेम्बोर्ड को इसकी वास्तुकला और कला संग्रह के लिए ‘पुनर्जागरण का प्रतीक’ के तौर पर जाना जाता है। शैटाॅ की स्थापना 16वीं शताब्दी से पूर्व की हे। लुइस 14वें के शासनकाल में शैटाॅ का निर्माण पूर्ण हुआ था। शेम्बाॅर्ड की उत्कृष्ट वास्तुकला, पैलेस की गोल घुमावदार चौड़ी सीढ़ियां, उसकी सजावटी व आकर्षक गगनचुंबी चिमनियां, वहां की आकर्षक मूर्तिकला को बहुतायत में देखा जा सकता है। वहीं शेबोर्ड पेंटिंग, फर्नीचर, टेपेस्ट्री (फ्रांस में महीन ऊन और सूती बुनाई से बुना जाने वाली आकर्षक कला), कला वस्तुओं का एक बड़ा संग्रह है। शेबोर्ड अपनी विरासतों का समुद्धार करते हुए संरक्षण के क्रम को जारी रखे हुए है।
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