उदयपुर 6 दिसंबर 2022 । उदयपुर में चल रहे चार दिवसीय G-20 समिट के तीसरे दिन मंगलवार को सिटी पैलेस के माणक चौक पर सम्पूर्ण भारत के प्रमुख शास्त्रीय एवं लोक नृत्य की रंगारंग झलक परदेशी पावणों को प्रस्तुत की गई। ‘सर्वेशं भारतः‘ शीर्षक पर आधारित इस प्रस्तुति के आरम्भ में प्रोजेक्शन मैंपिंग के माध्यम से भारत के विभिन्न पर्यटक स्थलों को रंग बिरंगी लेजर लाईट्स एवं मधुर संगीत के माध्यम से जीवंत किया गया।
भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित बेहतरीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना की और राजस्थान सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया। उल्लेखनीय है कि शेरपा बैठक के मेहमानों को राजस्थान की समृद्ध संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से 4 से 7 दिसम्बर तक पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा और प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन विभाग, श्रीमती गायत्री राठौड़ भी उपस्थित रही।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजस्थानी पारम्परिक लोक नृत्य, भारतीय शास्त्रीय एवं लोक नृत्य का जादू चलाते हुए चरी, गैर एवं घूमर के अतिरिक्त तमिलनाडु का भरतनाट्यम, ओडिशा से ओडिसी, गोटीपुआ एवं मयूरभंज छाऊ नृत्य, केरल के मोहिनीअट्टम नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद कलाकारों द्वारा प्रस्तुत उत्तर प्रदेश के कत्थक नृत्य, मणिपुर का मणिपुरी, आंध्र प्रदेश का कुचिपुड़ी, केरल का कथकली, मणिपुर से पुंग चोलोम, गुजरात के गरबा, पंजाब के भांगड़ा नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। इसी क्रम में अगली प्रस्तुति असम के बगरुम्बा, गुजरात के डांगी, त्रिपुरा के होजागिरी, मध्य प्रदेश के बधाई और कश्मीर के कश्मीरी नृत्य ने सभी को भारत के समृद्ध सांस्कृतिक ताने बाने से सराबोर कर दिया।
इसके अलावा राजस्थान के फैशन की भव्यता को पेश किया गया। राजस्थानी टैक्सटाईल की कालातीत निरंतरता के माध्यम से राज्य के लुभावने पारंपरिक एवं समसामयिक पहनावे को बेहद रोचक तरीके से पेश किया गया।
बुधवार को रणकपुर में होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
G-20 समिट की प्रथम शेरपा मीटिंग के अंतिम दिन बुधवार, 7 दिसम्बर को पर्यटन विभाग द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रणकपुर में करवाया जायेगा। इसके अतिरिक्त राजस्थान सरकार द्वारा बुधवार को मेहमानों को कुम्भलगढ और रणकपुर का भ्रमण भी करवाया जायेगा।
दो दिवस से हो रहा है रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
पर्यटन विभाग की ओर से रविवार शाम को होटल लीला के शीशमहल में मेहमानों को राजस्थान की धरा का अनुभव कराने के लिए डेजर्ट सिम्फनी की खास प्रस्तुति विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकारों की ओर से दी गई। जिसमें लोक कलाकारों के पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों का मेहमानों ने खूब आनंद लिया। इसमें राज्य के विभिन्न संभाग से आए लोक कलाकारों ने वाद्ययंत्रों, पश्चिमी राजस्थान के लंगा मांगणियार समूह की सिंधी सारंगी, गाज़ी खान के नेतृत्व में दुर्लभ वाद्य संगीत नाद और राजस्थान के प्रसिद्ध स्वागत गीत केसरिया बालम ने शाम को खुशनुमा बना दिया।
सोमवार को लेक पिछोला में स्थित जगमंदिर पैलेस पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या ‘कलर्स ऑफ राजस्थान‘ में प्रदेश के विभिन्न लोक कलाकारों ने विदेशी मेहमानों का मन मोह लिया। राजस्थान की वीर गाथा, शाही परम्परा, मधुर लोकगीत को पिरोते इुए कलाकारों ने मेहमानों को प्रदेश की परम्परा के भव्य दर्शन करा दिए।
G-20 की प्रथम शेरपा मीटिंग कार्यक्रम अंतर्गत ‘‘बायर्स-सेलर्स मीट’’ का आयोजन
G-20 की प्रथम शेरपा बैठक के अंतर्गत जिले से चयनित उत्पादों के निर्यात प्रोत्साहन हेतु बायर्स-सेलर्स मीट का आयोजन मंगलवार को शिल्पग्राम, उदयपुर में किया गया। भारत सरकार द्वारा योजना के तहत जिले में मार्बल एवं ग्रेनाइट उत्पाद का चयन किया गया है। इसमें उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति एवं उदयपुर मार्बल एसोसिएषन के उद्यमियों द्वारा 25 स्टॉल पर विभिन्न प्रकार के मार्बल एवं ग्रेनाईट स्टोन एवं आर्टिकल्स का प्रदर्षन किया गया है।
जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजु माली ने बताया कि G-20 कार्यक्रम के सभी शेरपाओं द्वारा प्रमुख मार्बल उद्यमियों से मिलकर मेवाड क्षेत्र से निकलने वाले मार्बल एवं ग्रेनाईट की विषेषताओं एवं मार्बल इनसे बनाए गए कलात्मक आर्टिकल्स एवं निर्यात संबंधी जानकारी ली गई। उन्होंने मार्बल वं ग्रेनाइट स्टोन्स एवं कलात्मक उत्पादों की सराहना की एवं निर्यात की अपार संभावना व्यक्त की। शेरपाओं ने बताया कि उनके देषों में भारत के मार्बल्स, ग्रेनाइटस, मिनरल्स एवं कलात्मक आर्टिकल्स की बहुत ज्यादा मांग है।
सम्मेलन में एसडीआरएफ जवानों को मिला जल पुलिस का अनूठा अनुभव
G-20 शेरपा सम्मेलन में एस.डी.आर.एफ. राजस्थान की रेस्क्यू टीमें देश-विदेश के गणमान्य अतिविशिष्ट व्यक्तियों एवं शेरपाओं के पिछोला झील स्थित होटलों में आयोजित विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय बौद्धिक कार्यक्रमों के दौरान वी.वी.आई.पी. सिक्यूरिटी को ध्यान में रखते हुए आकस्मिक आपदा राहत एवं बचाव कार्या हेतु कम्पनी कमाण्डर राकेश कुमार के नेतृत्व में मुस्तैदी से 8-8 घंटे की तीन-तीन पारियों में डयूटी दे रही है। एस.डी.आर.एफ. की इन रेस्क्यू टीमों को पहली बार इनके सामान्य कार्य आपदा राहत एवं बचाव के साथ-साथ राज्य की जल पुलिस के रूप में भी अभिनव अनुभव हो रहा है।
एस.डी. आर. एफ. डिप्टी कमाण्डेन्ट गणपति महावर (प्रशासन एवं रेस्क्यू ऑपरेशन) के अनुसार प्रत्येक रेस्क्यू टीम में 1 हैड कानि. प्रभारी तथा शेष 8 कानि. गण में 2 बोट चालक, 2 डीप डाईवर (गोताखोर) तथा 4 रेस्क्युअर तैराक जवानों को शामिल किया गया है। रेस्क्यू बोट के अंदर आवश्यक उपकरण जैसे लाईफबॉय, लाईफ जेकेट, हेलमेट, दूरबीन, डीप डाइविंग सेट, वायरलेस सेट, ड्रेगन लाईट तथा रेस्क्यू बोट रिपेयरिंग किट आदि उपकरणों को रखा गया है।
एस.डी.आर.एफ. राजस्थान का गठन देश की एन.डी.आर.एफ. तथा उतराखंड की एस.डी.आर.एफ. बटालियन की तर्ज पर मुख्यमंत्री की बजट घोषणांतर्गत वर्ष 2013 में राजस्थान पुलिस के एक महत्वपूर्ण दक्ष एवं प्रशिक्षित बल के रूप में प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं से निपटने हेतु किया गया है।
एस.डी.आर.एफ. के जवानों को राजस्थान पुलिस के सामान्य कानि के आधारभूत प्रशिक्षण के अतिरिक्त देश के विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण संस्थानों एवं अर्ध सैनिक बलों जैसे आई.टी.बी.पी. सी.आर.पी.एफ. बी.एस.एफ. एवं देश के समुद्रतटीय राज्यों पंश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य के द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों से विशिष्ट आपदा राहत एवं बचाव प्रशिक्षण प्रदान कराये जाते है।
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