दुर्लभ बीमारी “प्यूट्ज जेगर्स सिंड्रोम (पी.जे.एस)” का गीतांजली हॉस्पिटल में हुआ सफल इलाज


दुर्लभ बीमारी “प्यूट्ज जेगर्स सिंड्रोम (पी.जे.एस)” का गीतांजली हॉस्पिटल में हुआ सफल इलाज

उदयपुर निवासी 25 वर्षीय रोगी पीड़ित था इस बीमारी से 

 
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गीतांजली मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल उदयपुर सभी चिकित्सकीय सुविधाओं से परिपूर्ण है। यहां निरंतर रूप से जटिल से जटिल ऑपरेशन इलाज कर रोगियों को नया जीवन दिया जा रहा है गीतांजली हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग से डॉ पंकज गुप्ता,डॉ धवल व्यास, डॉ मनीष दोडमानी, जी.आई. सर्जन डॉ कमल किशोर विश्नोई, एनस्थिसियोलोजिस्ट डॉ चारू शर्मा, संजय सोमरा के अथक प्रयासों से उदयपुर निवासी 21 वर्षीय  प्यूट्ज जेगर्स सिंड्रोम (पी.जे.एस) रोगी को नया जीवन प्रदान किया गया। 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उदयपुर के रहने वाले 21 वर्षीय मनु (परिवर्तित नाम) का सफल इलाज कर स्वस्थ जीवन प्रदान किया गया। प्यूट्ज जेहेर्स सिंड्रोम (पी.जे.एस) बीमारी में रोगी के होठों पर तिल के साथ छोटी आंत, बड़ी आंत, अग्नाशय, अमाशय में गांठे हो जाती हैं। रोगी की आँतों में से 10 बड़ी गांठें एक साथ निकाली गई जो कि लगभग 3 से 5 सेंटीमीटर बड़ी थी। 

विस्तृत जानकारी

डॉ पंकज गुप्ता ने बताया कि लंबे समय से बीमार था और वह बार-बार हॉस्पिटल में भर्ती हो रहा था। इस बीमारी के चलते उसका निजी हॉस्पिटल में ऑपरेशन भी हुआ था परन्तु रोगी की हालत में कोई सुधार नही हुआ। जब रोगी डॉ पंकज गुप्ता को दिखाने आया तब उसके होंठों के बाहर व अन्दर पर तिल और भूरे रंग के धब्बे हो रहे थे| रोगी को एंडोस्कोपी कराने की सलाह दी, जिसमे आंत में बड़ी गांठें पायी गयी और ये गांठें छोटी आँत को भी बंद कर रही थी।  ऐसी स्तिथि में रोगी की एंडोस्कोपी कर सभी गांठे बाहर निकली गयी व उसे स्वस्थ जीवन प्रदान किया गया। 

डॉ पंकज गुप्ता ने बताया कि यह बीमारी दो लाख व्यक्तियों ने किसी एक को होती है अगर किसी व्यक्ति के होठों पर बड़े-बड़े तिल हो जाए तो इस बीमारी के बारे में सजग रहना चाहिए जो कि अनुवांशिक बीमारी है। समय रहते रोगी का इलाज करके उसे रोगमुक्त किया जा सकता है। बचपन में यदि होठों पर आसामान्य तिल दिखें तो समय पर दूरबीन से छोटी व बड़ी आंत की जांच करानी चाहिए जिससे समय रहते रोगी का इलाज हो सके। 

गीतांजली हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी तथा जी. आई. सर्जरी से संबंधित सभी एडवांस तकनीके व संसाधन एंडोस्कोपी यूनिट में उपलब्ध हैं जिससे जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण निरंतर रूप से किया जा रहा है।

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल पिछले सतत् 16 वर्षों से एक ही छत के नीचे सभी विश्वस्तरीय सेवाएं दे रहा है और चिकित्सा क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करता आया है, गीतांजली हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर्स व स्टाफ गीतांजली हॉस्पिटल में आने प्रत्येक रोगी के इलाज हेतु सदेव तत्पर है। 

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