साइबर क्राइम से बचने के लिए दो लेयर वाली रखे सिक्योरिटी


साइबर क्राइम से बचने के लिए दो लेयर वाली रखे सिक्योरिटी

वर्ड पासवर्ड दिवस पर ‘‘वर्तमान युग में साइबर सुरक्षा’’ विषयक पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

 
cyber crime
सतर्कता के साथ करे ऑनलाईन ट्रांजेक्शन

उदयपुर 5 मई 2022 । वर्ड पासवर्ड दिवस पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ  डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक कम्न्प्यूटर एण्ड आईटी विभाग की ओर से गुरूवार को प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में ’’ वर्तमान युग में साइबर सुरक्षा ’’ विषयक पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल ने कहा कि तकनीक के युग में अपराध करने में भी परिवर्तन आया है, अपराधी इंटरनेट  के माध्यम से आपके ईमेल, वाट्सप, एटीएम कार्ड को हेंग कर अपराध को अंजाम दे रहे है। अपने मोबाईल में कोई भी कार्य करने के लिए दो लेयर वाली सिक्युरिटी रखे जिससे इन अपराधों से बचा जा सके। अपने वाट्सप या अन्य किसी कार्य को  

उन्होने आम जन से आग्रह किया कि वे किसी प्रकार की ठगी होने पर इसकी सूचना आवश्य ही दर्ज कराये जिससे उसके द्वारा किये जाने वाले अपराधों को रोका जा  सके। चंदेल ने बताया कि पिछले वर्ष 16 करोड़ रूपयों की क्राईम होने के बाद रिकवरी कराई है। 

चंदेल ने कहा कि आमजन अपना पासवर्ड याद रखने के उद्देश्य से अपना पासवर्ड अपने मोबाईल नम्बर, अपनी जन्म दिनांक पर रखता है जिसका फायदा साइबर क्राईम करने वाले उठा लेते है इसलिए हमें ऐसा वासवर्ड बनाना चाहिए जिसमें स्माल व केमिटल वर्ड  शामिल हो और व आठ डिजिट में हो,  जिससे इस क्राईम को रोका जा सके। किसी प्रकार की घटना होने पर टोल फ्री नम्बर 1930 पर या वेबसाईड पर जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।   

उन्होने आमजन से भी अपील की कि वे अपना पासवर्ड किसी से शेयर न करे और कुछ अंतराल के बाद उसे बदलते रहे। आज 90 प्रतिशत लोग बिना ट्रेनिंग के एटीएम का उपयोग करते है जिसका  लाभ साईबर क्राईम करने वाले उठा लेते है। किसी भी प्रकार कोई कार्ड खोने पर तुरंत ही उसे ब्लॉक कराये। अगर आपका कार्ड किसी विदेशी व्यक्ति के हाथ में लग गया तो वह उसका फायदा वह अपने वहॉ जा कर उठा लेगा, पासवर्ड या ओटीपी का सिस्टम सिर्फ भारत में ही है। चंदेल ने इसके अलावा अन्य ऑन लाईन काम करने में किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आदि के बारे में बताया।

चंदेल ने कहा कि आरबीआई ने भी इस ऐप को डाउन लॉड करने के लेकर चेतावनी जारी कर रखी है, इस ऐप के डाउन लॉड करने बाद अपने डिवाइस पर युजर का कंट्रोल नहीं रह  जाता है , इसके जरिये साईबर अपराधी विश्व के किसी भी कोने में डिवाइस को रिमोटली एक्सेस करते हुए बैंक में जमा राशि को निकाल सकता है। उन्होने कहा कि सोशल मिडिया किसी और माध्यम से कोई ऐप डाउन लॉड करने का सुझाव दिया जाये तो आप कतई न करे।

मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने आईटी के विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे आमजन को साइब क्राईम के प्रति जागरूक करे, जानकारी के अभाव में वे इसका शिकार हो जाते है। प्रभावी कानून नहीं होने  की वजह से  आज पूरे विश्व में साईबर क्राईम बढ रहा है, इसलिए जब भी ऑन लाईन ट्रांजेक्शन करे तो पूरी सतर्कता के साथ करे। ऑन लाईन कार्य को शुरू करने से पहले उसके लाभ हानि के बारे में आवश्य ही जान ले। आज 40 प्रतिशत युजर्स युवा हैै। उन्होने कहा कि पासवर्ड किसी से भी साझा नहीं करे चाहे व अपने परिवार का सदस्य ही क्यो न हो।  

साइबर क्राईम को रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने श्याम चंदेल का उपरणा, स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया।

प्रारंभ में अतिथियेां का स्वागत करते हुए निदेशक प्रो. मंजू मांडोत ने एक दिवसीय संगोष्ठी की जानकारी दी। डॉ. मनीष श्रीमाली ने साईबर क्राईम को किस प्रकार से रोका जाये पर अपने विचार व्यक्त किए।

संचालन प्रियंका सोनी ने किया जबकि आभार डॉ. भारत सिंह देवड़ा ने किया। इस अवसर पर प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. अवनीश नागर, डॉ. लाल राम जाट, डॉ. नवल सिंह, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ तरूण श्रीमाली, डॉ. दिलीप चौधरी, कुंजबाला शर्मा, मानसिंह, डॉ. सुनील चौधरी, चितरंजन नागदा सहित डीन, डायरेक्टर व छात्र छात्राओं ने संगोष्ठी में भाग लिया।
 

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