उदयपुर, 12 जनवरी। केन्द्र सरकार की ओर से कई योजनाएं चल रही हैं, जिनका लाभ गरीब वर्ग और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। शहरों के अलावा ग्रामीण इलाकों तक इन योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है, क्योंकि गांव में रहने वाले लोगों को खासतौर पर इन योजनाओं की जरूरत होती है। हाल ही में केन्द्र सरकार की ओर से शुरू की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा में भले ही योजनाओं को लेकर पंजीकरण किया जा रहा हो, लेकिन कुछ योजनाएं ऐसी है, जिनको ई-मित्र केन्द्र से नहीं जोड़ा गया। ऐसे में लोग उस योजना का लाभ लेने के लिए अब भटकने को मजबूर है।
ऐसी ही एक योजना है आभा कार्ड। विकसित भारत यात्रा में सरकार आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा कार्ड) बनवाने का काम कर रही है। ये कार्ड केवल शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले कैंपों में बन रहे हैं, लेकिन कोई दूसरी जगह बनवाना चाहे तो इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएगा। हालांकि ऑनलाइन आवेदन कर व्यक्ति अपना आभा कार्ड बना सकता है, लेकिन ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्र में लोगों की समझ तकनीकी क्षेत्र में कमज़ोर है। ऐसे में वे इसको बनवाने में भटक रहे है। जिले में करीब 15 लाख 63 हज़ार लोगों का आभा कार्ड बनाया जाना है। ये उन लोगों की संख्या है, जो 2011 की सामाजिक, आर्थिक जनगणना में शामिल है। अब तक करीब 8 लाख लोगों का आभा कार्ड बनाया जा चुका है।
पहले कार्ड के बारे में जान लें
ऐसे बन सकता है कार्ड
आदिवासी क्षेत्र के लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में असमर्थ
जिले में करीब 30 से 40 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इस कार्ड को नहीं बनवा सकते। आदिवासी क्षेत्र होने से लोगों को ऑनलाइन पोर्टल की सही जानकारी नहीं है। ऐसे में ये कार्ड बना पाने में असमर्थ हैं। गौरतलब है की विभाग के कर्मचारी जहां-जहां कार्यरत है। वहाँ वे आभा कार्ड बनवाने में लगे है। इसके अलावा विकसित भारत संकल्प यात्रा में भी इस कार्ड को बनवाया जा रहा है। लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने से जहां नेटवर्क की समस्या है। वहां कैंप के बाद लोग कहां से बनवाएं। इसको लेकर संकट है। सरकार को ई-मित्र केन्द्रों पर ये सुविधा प्रदान की जाए, ताकि वंचित लोग अपना कार्ड बनवा सकें।
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