उदयपुर 26 नवंबर 2024। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन के अनुसार, उच्च अधिकारियों द्वारा अधिशेष शिक्षकों के समायोजन के लिए जारी किए गए निर्देशों में गंभीर विसंगतियां हैं, जिनकी वजह से शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। शिक्षकों के समायोजन के लिए विभाग में जारी अनिश्चितता से सरकार और विभाग की छवि को नुकसान हो रहा है। संघ ने राज्य सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है ताकि इन विसंगतियों को दूर किया जा सके और स्थिति स्पष्ट हो।
शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश पुष्करणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अधिकारियों के द्वारा जारी किए गए निर्देशों में पदों के आवंटन और उनकी वित्तीय स्वीकृति के मुद्दे पर असमंजस की स्थिति है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना उचित नियमों और दिशा-निर्देशों के अधिशेष शिक्षकों की गणना मनमाने तरीके से की जा रही है, जिससे शिक्षकों में भय और आक्रोश उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है ताकि विभागीय विसंगतियां दूर की जा सकें।
पुष्करणा ने यह भी बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी अलग-अलग मापदंडों पर समायोजन की प्रक्रिया चला रहे हैं, जिससे विभागीय अधिकारियों के बीच विरोधाभास की स्थिति बन रही है। 2015 के निर्देशों का पालन किए बिना अधिशेष शिक्षकों की गणना की जा रही है, जबकि विभाग में स्वीकृत पदों की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा, महात्मा गांधी विद्यालयों में नियमित शिक्षकों के स्थान पर संविदा शिक्षकों को समायोजित करने की नीति पर भी आपत्ति जताई गई है।
संघ ने सरकार से अपील की है कि वह शिक्षक संगठनों से बातचीत कर एक सुसंगत और पारदर्शी नीति तैयार करें, जिससे समायोजन की प्रक्रिया में होने वाली समस्याओं का समाधान हो सके। अगर जल्द ही स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती, तो शिक्षक संघ आंदोलनात्मक कदम उठाने पर मजबूर हो सकता है।
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