उदयपुर 13 अक्टूबर 2024। डेंगू, मलेरिया, पीलिया, पेचिश इत्यादि विविध जल संबंधित व जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए जिला प्रशासन वॉटर (पेयजल), सिवरेज व ड्रेनेज (निकासी) पर विशेष ध्यान दे। यह आग्रह रविवार को जागरूक झील प्रेमियों ने प्रस्तुत किया।
रविवार को बरसात थमने के पश्चात झील क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे झील प्रेमियों ने देखा कि नालियां, सीवर चेंबर उफन रहे हैं। अंबामाता मंदिर बाहर की बावड़ी सीवर व गंदे पानी से भर गई है। सड़कों से बरसाती पानी की निकासी नहीं होने से कई स्थानों पर गंदा पानी घरों के बाहर जमा हो रहा है। वहीं, कुछ स्थानों पर झील का जल गंदा, काला दिखा। कई नागरिकों ने घर में पीले, मटमैले व बदबूदार पेयजल आपूर्ति की शिकायत रखी।
झील प्रेमियों ने कहा कि बीमारियों से बचाव के लिए जहां घर, परिवार के स्तर पर सावधानियां जरूरी है, वहीं प्रशासन को शुद्ध पेयजल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वच्छता एवं जल स्रोतों की स्वच्छता को सुनिश्चित करना चाहिए।
निरीक्षण दल में डॉ अनिल मेहता, तेज शंकर पालीवाल, नंदकिशोर शर्मा, कुशल रावल सहित स्थानीय रहवासी सम्मिलित थे।
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